पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के पतरापाली-मारातराई गांव में 21 जंगली हाथियों का दल पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील हाथियों के झुंड के पास न जाएं और जंगल की ओर जाने से बचें, उकसाने वाले गतिविधियों से रहें दूर
पत्थलगांव। जशपुर जिले के पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के पतरापाली के मारातराई गांव में 21 जंगली हाथियों का दल पहुंचने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। सरगुजा जिले के सीतापुर वन परिक्षेत्र से भटककर आए जंगली हाथियों के इस विशाल झुंड ने न केवल स्थानीय किसानों की खेती को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि क्षेत्र में भय और अशांति का वातावरण भी पैदा कर दिया है।
जानकारी के अनुसार, यह 21 हाथियों का दल सरगुजा के सीतापुर वन परिक्षेत्र से होते हुए पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के पतरापाली गांव के झेराडीह इलाके में पहुंचा है। सुबह-सुबह ग्रामीणों ने जब अपने गांव के आसपास इन विशालकाय जानवरों को देखा, तो पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। कई ग्रामीण जिज्ञासावश हाथियों को देखने के लिए मौके पर पहुंच रहे हैं, जिससे स्थिति और जोखिम भरी हो रही है। कई अपने जान को जोखिम में डालकर वीडियो फोटो बना रहे।
हाथियों के गांव में प्रवेश करने से स्थानीय लोग भयभीत हैं। कई ग्रामीणों ने बताया कि खेती का दिन है लोग अपने अपने खेतों में सुबह से धान बुआई करने जा रहे हैं लेकिन अचानक गांव में हाथियों के आ जाने से उन्हें खेती करने में भी परेशानी आ रही है। पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ के जशपुर, सरगुजा और कोरबा जैसे जिलों में हाथियों के हमलों में कई लोगों की जान जा चुकी है, जिसके कारण लोगों का डर और बढ़ गया है।
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे हाथियों के झुंड के पास न जाएं और जंगल की ओर जाने से बचें। विभाग ने यह भी सलाह दी है कि ग्रामीण शोर मचाने, पटाखे जलाने या हाथियों को उकसाने वाली गतिविधियों से दूर रहें, क्योंकि इससे हाथी आक्रामक हो सकते हैं। साथ ही, ग्रामीणों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
पत्थलगांव वन परिक्षेत्र की टीम ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। वन विभाग की टीमें हाथियों के गतिविधियों पर नजर रख रही हैं और उन्हें जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास कर रही हैं। विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “हमारी टीमें दिन-रात हाथियों की निगरानी कर रही हैं। हमारा प्रयास है कि हाथियों को बिना किसी नुकसान के जंगल की ओर वापस भेजा जाए। लेकिन इतनी बड़ी संख्या में हाथियों का दल होने के कारण हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।”
उन्होंने बताया कि हाथियों का यह दल, वापस सरगुजा क्षेत्र लौट भी सकता है, कुनकुरी गांव के रास्ते रायगढ़ जिले की सीमा में प्रवेश कर सकता है या फिर लुड़ेग के जंगल की तरफ भी जा सकता है। फिलहाल उनकी टीम हाथियों पर नजर रखी हुई है और उनका प्रयास है कि हाथियों का दल रिहायशी क्षेत्र में प्रवेश न कर पाए। इसके अलावा, हाथी मित्र दल और स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से विभाग स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश में जुटा है।