महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के तहत होने वाले कुँआ निर्माण में जेसीबी मशीनों हो रहा खुलेआम उपयोग, स्थानीय मजदूरों को नही मिल पा रहा इस योजना का लाभ, निर्माण एजेंसी एवम जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत का अंदेशा

Breaking Posts

6/trending/recent

Hot Widget

Type Here to Get Search Results !

Ads

Footer Copyright

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के तहत होने वाले कुँआ निर्माण में जेसीबी मशीनों हो रहा खुलेआम उपयोग, स्थानीय मजदूरों को नही मिल पा रहा इस योजना का लाभ, निर्माण एजेंसी एवम जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत का अंदेशा

 महात्मा गांधी रोजगार गारंटी के तहत होने वाले कुँआ निर्माण में जेसीबी मशीनों हो रहा खुलेआम उपयोग, स्थानीय मजदूरों को नही मिल पा रहा इस योजना का लाभ, निर्माण एजेंसी एवम जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत का अंदेशा


विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव

पत्थलगांव। पत्थलगांव तहसील में बड़े पैमाने पर महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम पंचायतों में कराए जा रहे निर्माण कार्य मशीनों से कराए जा रहे है। जबकि मजदूर काम पाने के लिए भटकते नजर आते है। हो सकता है निर्माण एजेंसी और जिम्मेदार अधिकारियों की मिली भगत के चलते मनरेगा के नियमों को धता बताया जा रहा है। 

आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड की अनेकों ग्राम पंचायतो में कुँआ, डबरी एवम अन्य निर्माण कार्य निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायतों के द्वारा कराए जा रहे है। इन निर्माण कार्याे में जेसीबी मशीनों का खुलेआम धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है। जबकि मनरेगा के नियमों के तहत मजदूरो से कार्य कराए जाना चाहिए ताकि मजदूरों को ग्राम में ही रोजगार उपलब्ध हो सके। ताकि वह काम की तलाश में ग्राम से पलायन ना कर सके। लेकिन मशीनों से काम होने के कारण मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है। 



ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत तमता में जेसीबी मशीन के द्वारा कुँआ निर्माण कार्य कराया जा है। इस निर्माण कार्य में जेसीबी मशीन का खुले आम उपयोग किया जाना बताया गया है। गरीब मजदूरों का हक मशीन ने छीन लिया है।  वहीं, गांव के सरपंच, उपसरपंच, एवम ग्रामीण रोजगार सचिव मजदूरों का हक छीनने के लिए मजदूरों की जगह मशीन से काम लेने लगे हैं। जी हां ऐसे ही कुछ हो रहा है पत्थलगांव के तमता पंचायत में निर्माणाधीन हितग्राहियों के कुँआ निर्माण में।निर्माण कार्य जल्द खत्म करने और बेहतर कमीशन बचाने के ख्याल से मजदूरों को रोजगार नहीं देकर अपने जेब भरने का काम शुरू कर दिया है। इस मामले में रोजगार सचिव दुतिया भोय का कहना है कि इस निर्माण कार्य के बारे में मुझे अधिक जानकारी नही है सरपंच, उपसरपंच एवम सचिव द्वारा कार्य करवाया जा रहा है, मशीन से कार्य करवाने के सवाल पर उन्होंने अपने आप को अनजान बताया। वहीं तमता के घुटरापारा लोचन यादव, तिलमती , शिव प्रताप, लोहरसाय एवम अन्य हितग्राहियों के यहां कुँआ निर्माण में मशीनों का उपयोग होना बताया जा रहा है। 


वही कुंवा निर्माण में डेढ़ लाख से लेकर के ढाई लाख तक पैसे पास होना बताया जाता है, जिसमें एक मोटी कमीशन का खेल खेला जा रहा है, और भारी-भरकम राशि अपने जेब में डाल रहे हैं। वही एक पंचायत में मनरेगा के तहत होने वाली कुआं निर्माण में लाखों का झोलझाल सामने नजर आ रहा है वही इस विकासखंड में अनेकों पंचायत होंगे जहां इस प्रकार का खेल खेला जा रहा होगा। सरपंच , उप सरपंच एवम सचिव के द्वारा आखिर कब तक शासन प्रशासन के आंखो में धूल झोंककर ऐसे कार्य को अंजाम देते रहेंगे। ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो उच्च अधिकारियों की मिलीभगत से यह सब कार्य धड़ल्ले से चल रहे है। शासन प्रशासन की माने तो आजकल सब मजदूरों को ऑनलाइन पेमेंट किया जाता है पर लोगों का सवाल यह है कि मजदूरों की जगह जेसीबी मशीन से काम होने पर किसके बैंक खाते में मजदूरी के पैसे भेजे जा रहे हैं। बैंक से किस तरह से योजना राशि की निकासी हो रही है यह जांच का विषय है। ग्रामीणों का मानना है कि मनरेगा एक्ट के तहत स्थानीय मजदूरों से ही काम कराना उचित है यदि उन्हें काम नहीं मिलेगा तो वह पलायन के लिए विवश रहते दिखाई पड़ते हैं।


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ads Bottom