15 साल की नाबालिग युवती नशे में चला रही थी कार, टक्कर में 3 लोगों की मौके पर मौत, नाबालिग चालक व उसके पिता को किया गिरफ्तार

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15 साल की नाबालिग युवती नशे में चला रही थी कार, टक्कर में 3 लोगों की मौके पर मौत, नाबालिग चालक व उसके पिता को किया गिरफ्तार

15 साल की नाबालिग युवती नशे में चला रही थी कार, टक्कर में 3 लोगों की मौके पर मौत, मामले में नाबालिग चालक व उसके पिता को किया गिरफ्तार

घटना के बाद धरमजयगढ़ पुलिस ने मामूली जमानती धारा में किया था मामला दर्ज, अब बीएनएस की धारा 105 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला हुवा दर्ज



धरमजयगढ़ में पिछले दिनों कार की टक्कर से तीन लोगों की मौत हो गई थी। मामले में रविवार को पुलिस ने खुलासा किया है कि कार 15 साल की नाबालिग चला रही थी, जिसे गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने प्रकरण में आरोपी नाबालिग के पिता को भी आरोपी बनाया है। घटना के बाद मामूली जमानती धारा में मामला दर्ज कर आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही थी। आखिरकार प्रकरण में बीएनएस की धारा 105 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

दरअसल 30 अक्टूबर को धरमजयगढ़ में रांग साइड में चल रही तेज रफ्तार कार से सड़क किनारे खड़ी महिला को रौंद दिया था। इसके बाद कार ने बाइक सवार दो युवकों को चपेट में लिया। हादसे में तीनों की जान चली गई। शुरुआती जांच में पुलिस ने साधारण धाराओं में केस दर्ज कर खानापूर्ति की थी। मामले में धारा 106(1) के तहत केस दर्ज हुआ, जो कि जमानती धारा है।

वहीं तीन दिन तक मामले में किसी आरोपी का नाम तक सामने नहीं आया। पुलिस जांच जारी होने की बात कहकर किसी भी तरह की जानकारी देने से बचती रही। रविवार को पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर बताया है कि मामले में आरोपी नाबालिग कि​शोरी को पकड़ लिया गया है। उसके खिलाफ धारा 105 के तहत कार्रवाई की जा रही है। मिरीगुड़ा निवासी नाबालिग के साथ उसके पिता पर मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 199 A, 3/181, 4/181 के तहत कार्रवाई की गई है। नाबालिग को बाल सुधार गृह और पिता को जेल भेज दिया गया है। किशोरी 30 अक्टूबर को मिरीगुड़ा से कापू पिकनिक मनाने गई थी।

कार में दो और नाबालिग दोस्त भी थे। दोपहर करीब 12 बजे के आसपास उनकी कार ने चाल्हा मोड़ पर हादसे को अंजाम दिया।पिकनिक से लौटते समय तीनों नाबालिग शराब के नशे में थे। नशे की हालत में नाबालिग कार पर नियंत्रण नहीं रख सकी। जांच में सामने आया है कि हादसा पूरी तरह नाबालिगों की लापरवाही, नशे में होने और बिना लाइसेंस वाहन चलाने से हुआ है। जिले में नाबालिगों के वाहन चलाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ट्रैफिक विभाग और पुलिस की सख्त कार्रवाई के बावजूद इसमें कमी नहीं आ रही है।

तीनों की मौके पर मौत

जानकारी के अनुसार एक तेज रफ्तार मारुति सुजुकी Fronx कार CG BE 1285 के चालक ने लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाते हुए पहले श्रीमती ललिता मिंज (35 वर्ष, निवासी रामपुर) को एव चाल्हा रोड की ओर से आ रहे मोटरसाइकिल सवार अमित किंडो (25 वर्ष, निवासी सुगापानी मैनपाट) और चालक फकीर मोहन पटेल (33 वर्ष, निवासी छोटे परसदा कनकबीरा, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़) को भी टक्कर मार दी। इस दर्दनाक दुर्घटना में तीनों की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी। टक्कर की रफ्तार इतनी तेज थी कि बाइक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और कार का अगला हिस्सा भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।

घटना के बाद मौके पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस और डॉयल-112 की टीम घटनास्थल पर पहुंची और शवों को अस्पताल भेजा। पुलिस ने कहा था कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान कर उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। 

जांच के दौरान पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण करते हुए प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से साक्ष्य एकत्र किए। जांच में यह तथ्य सामने आया कि हादसे के समय कार चला रही बालिका नाबालिग थी। पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई करते हुए नाबालिग चालिका को विधि के संघर्षरत बालक (JCL) के रूप में अभिरक्षा में लिया तथा नाबालिग जानते हुये जान बूझकर घटना कारित हो सकती है नाबालिग को वाहन उपलब्ध कराने वाले घनश्याम महिलाने s/o अलख राम महिलाने (47 वर्ष, निवासी मिरीगुड़ा, थाना धरमजयगढ़) को भी आरोपी बनाया।

थाना प्रभारी धरमजयगढ़ निरीक्षक सीताराम ध्रुव ने बताया कि “नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना न केवल अवैध है बल्कि गंभीर जानमाल की हानि का कारण बन सकता है। इस मामले में पुलिस ने त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की है। जांच के दौरान अन्य संलिप्त व्यक्तियों पर भी विधिसम्मत कार्यवाही की जाएगी।”

ट्रैफिक डीएसपी उत्तम प्रताप सिंह ने बताया कि इस साल अब तक 20 नाबालिग चालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। इन मामलों में 31500 रुपए की पेनाल्टी हो चुकी है। 16 वर्ष की उम्र वाले किशोर सिर्फ बिना गियर वाले दोपहिया वाहन ही चला सकते हैं। वह भी मान्य लर्निंग लाइसेंस के साथ। जबकि 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद ही कोई व्यक्ति सभी तरह के वाहन चला सकता है। 

जिस तरह बच्चों को पर्यावरण, स्वास्थ्य और नैतिक शिक्षा दी जाती है, उसी तरह ट्रैफिक नियम भी पढ़ाए जाएं। इससे वे पढ़ाई के शुरुआती चरण से ही सुरक्षित यातायात का महत्व जान सकेंगे। हाल के वर्षों में नाबालिगों के वाहन चलाने की घटनाएं बढ़ी हैं। इसमें अभिभावकों की लापरवाही भी सामने आती है। कई पेरेंट्स खुद ही बच्चों को गाड़ी थमा देते हैं। इससे न सिर्फ कानून का उल्लंघन होता है, बल्कि बच्चे भी गलत आदतों की ओर बढ़ते हैं।



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