जशपुर जिले के शिवालयों में भारी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु, मंदिर में पूजन-अर्चन और दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों का लग रहा तांता, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

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जशपुर जिले के शिवालयों में भारी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु, मंदिर में पूजन-अर्चन और दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों का लग रहा तांता, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

जशपुर जिले के शिवालयों में भारी संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु, मंदिर में पूजन-अर्चन और दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों का लग रहा तांता, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

जिले के शिवालयों पर सुरक्षा के मद्देनजर कई पुलिस कर्मी तैनात किए गये है, सुबह से ही पुलिसकर्मी शिवालयों पर मोर्चा संभालते नजर आते हैं


विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव

पत्थलगांव । जशपुर जिले में सावन मास के तीसरे सोमवार को शिवालयों में भक्तों की भारी भीड देखने को मिल रही है। भक्तों ने भोलेबाबा की विशेष- पूजा अर्चना की। शिवजी का अभिषेक करने श्रद्धालु सुबह से ही मंदिर पहुंचने लगे थे। यह क्रम देर रात तक अनवरत चलता रहता है। भक्तों ने भोलेनाथ को बेलपत्र, धतूरा, अकौआ के फूल आदि अर्पित किए एवम दुग्धाभिषेक भी किया। लोग सुबह से ही मदिंरों में पहुंच कर भगवान भोले शंकर को जल अभिषेक कर पूजा अर्चना कर रहे है. इस मौके पर जिले के बगीचा ब्लाक के कैलाश गुफा मदिंर में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. श्रद्धालुओं  घन्टों कतार में खड़े होकर अपनी बारी की प्रतिक्षा कर रहे है. लोग कांवरिया में जल भर कर दूर दूर से शिव को जल चढाने के लिये आतुर रहे, कहा जाता है कि सावन के माह भगवान शिव धरती पर बास करते है,जो सभी भक्तों की मनोकामना पूरी भी करते हैं. सावन महीने में शिव पर जलाभिषेक करने से मनोवांछित फल मिलता है । 

जिले सावन के तीसरे सोमवारी पर शिवालयों में हर हर महादेव का गूंज

जशपुर जिले के सभी शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी है. पत्थलगांव मे मांड नदी के तट पर किलकिलेश्वर धाम , राजपुरी जल प्रपात, कैलाश गुफा मंदिर में सुबह से ही लोग दर्शन तथा पूजन के लिए कतार में लगे दिखाई देने लगते हैं। इस दौरान सभी शिवालयों में हर हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही है । कैलाश गुफा सहित सभी शिवालयों में शिव भक्त के सुरक्षा को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई। पुलिस लगातार भक्तों की सुरक्षा एवम अन्य किसी प्रकार के होने वाली अनहोनी से लगातार सचेत करते नजर आ रही है।

रामेश्वर गहिरा गुरु जी का तपोभूमि है कैलाश गुफा,दूर दूर से पहुँचते है लोग

कैलशगुफ़ा में विराजमान शिव जी के दर्शन करने के बाद कुछ ही दूरी में संत रामेश्वर गहिरा गुरु जी की मूर्ति है जो ध्यान अवस्था में है। इसी गुफा में संत रामेश्वर गहिरा गुरु ने कई वर्षो तक तपस्या किया था इसलिए इसे संत गहिरा गुरु की तपोभूमि भी कहते हैं। लोगों की अपार आस्था को लेकर इस जगह पर छत्तीसगढ़ के कोने-कोने सहित झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश उड़ीसा, बंगाल,हरियाणा के लोग पहुँचकर अपनी मन्नतें मांगते है । मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से जो भी मांगते है उनकी मनोकामना जरूर पूरी होती है । मान्यताओं के अनुसार जिनकी मान्यता पूरी होती है वह प्रत्येक साल सावन के महीने में भगवान शिव जी पर जलाभिषेक करते है।


जलप्रपात में सेल्फी का क्रेज

कैलाश गुफा के समीप ही अलकनंदा जलप्रपात है जो पर्यटकों और शिव भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। इस जलप्रपात की ऊँचाई लगभग 30 फीट है। झरने के आसपास बड़े पेड़ों की लताओं और जड़ें बहुत ही खूबसूरत दृश्य का निर्माण करते हैं।सावन के सोमवारी पर जलाभिषेक करने को आते श्रद्धालुओं को यहाँ सेल्फी लेते देखे जाते है । सेल्फी लेने के लिए लोगों में होड़ मची रहती है ।

 श्रद्धालुओं के लिए जर्जर सड़क की समस्या

कैलाश गुफा जाने वाले श्रद्धालुओं में जर्जर सड़क नही होने के कारण भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । उबड़ खाबड़ सड़क में हमेशा दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है । कैलाश गुफा पहुंचने पर घाटी उतरने तक सड़क की स्थिति बेहद ही खराब है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस ओर पहल कर सड़क निर्माण करने की जरूरत है ।

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