पत्थलगांव सिविल अस्पताल के सामने ट्रेलर के पिछले पहिये की चपेट में आई बाइक सवार महिला, मौके पर हुई मौत
पति के पैर में चोट, एवम मासूम को लगी हल्की खरोच
सड़को पर लोडिंग अनलोडिंग एवम अव्यवस्थित खड़ी वाहनों के वजह से लगती है जाम
शहर के भीतर यातायात नाम की नही रह गई कोई चीज
पत्थलगांव शहर में सोमवार दोपहर को लगभग 3.30 बजे के आसपास अस्पताल के सामने बाइक सवार गाला निवासी अमृता यादव पति रामकुमार यादव की ट्रक की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। घटना में पति रामकुमार को पैर में चोट एवम 2 वर्षीय बच्चे को हल्की खरोच आई है। पत्थलगांव पुलिस ने तत्काल मृतिका के शव को अस्पताल के म्यूर्चरी में रखकर आगे की कार्रवाई में जुटी है। घटना के बाद प्रशासन के अधिकारी एवम पुलिस मौके पर पहुंच अपने अपने कार्यो में जुटे नजर आये।
राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 43 जो कि शहर के मध्य से होकर गुजरती है, जहां भारी वाहनों की हमेशा आवाजाही बनी रहती है। ऐसे में शहर के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में सड़क किनारे वाहनों को खड़ी लर लोडिंग अनलोडिंग करने एवम सड़कों पर अव्यस्थित तरीके से अपने वाहनों को खड़े करने की वजह से हमेशा जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है। जिसका नतीजा भोले भाले राहगीरों को अपनी जान गंवानी पड़ जाती है। भारी ट्रैफिक के बीच इन सड़को पर आये दिन दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। चूंकि आज सोमवार साप्ताहिक बाजार का दिन है जिसकी वजह से भीड़ भी काफी रहती है।
प्रत्यक्षदर्शियों के बताये अनुसार आज अस्पताल के सामने एक ऐसे ही घटना सामने आई। जहां गाला निवासी बाइक सवार पति पत्नी व मासूम अपने घर की ओर जा रहे थे, तभी बगल से पार हो रही ट्रेलर क्रमांक सीजी04 जेडी 1895 के पिछले पहिये की चपेट में आने से बुरी तरह से कुचला गई, जिससे मृतिका अमृता की मौके पर मौत हो गई, वहीं पति रामकुमार के पैर में चोट एवम मासूम बच्चे को हल्की खरोच आई है। घटना के बाद घटनकारित ट्रेलर को पुलिस ने पूरन तालाब के पास पकड़ लिया एवम चालक को थाने ले गई है, एवम चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई करने में जुटी है।
ऐसे घटनाओं से शहर के भीतर अनियंत्रित यातायात पर कई तरह की सवालिया निशान अवश्य ही खड़ा कर रही है। शहर के भीतर यातायात नाम की कोई चीज नहीं रह गई है, जिसका ही परिणाम आज एक दुर्घटना के रूप में आया है। यातायात विभाग द्वारा शहर के भीतर यातायात को व्यवस्थित करने के लिए कोई सार्थक कदम क्यों नहीं उठाया गया। यदि यातायात विभाग इस मसले को गंभीरता से लेती तो आज यह हादसा नहीं होता, किंतु इसे विडंबना ही कहा जा सकता है।