नियम को ताक पर रखकर बेख़ौफ़ धड़ल्ले से नदियों से बालू का अवैध खनन कर रहे माफिया
नाबालिग चालक बालू लोड ट्रेक्टर चला रहे ओवर स्पीड, हमेशा हादसा होने का खतरा, बगैर लाइसेंस, बिना इन्सुरेंस चल रहा इनका काम
सीमावर्ती क्षेत्रों के नदियों के घाटों में अवैध बालू खनन करने वालों की बालू के रूप में चांदी
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
पत्थलगांव। जहाँ एक ओर जिला प्रशासन अवैध खनन के प्रति सख्त है, वहीं थाना क्षेत्र के साथ साथ सीमावर्ती थानों के अंतर्गत आने वाली मांड नदी में धड़ल्ले से दिन के उजाले में बालू का अवैध खनन जोरों पर है। खनन माफियाओं के नेटवर्क के आगे प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। खुलेआम नाबालिग चालकों को तेज रफ्तार से ट्रेक्टर चलाते देखा जा सकता है। वहीं न तो इन ट्रैक्टरों का न तो किसी प्रकार का बीमा रहता है न चालकों के पास लाइसेंस रहता है, और तो और कई ट्रेक्टर ऐसे रहते है जिनका आजतलक रजिस्ट्रेशन भी नही करवाया रहता है। और इन्हें किसी प्रकार का भय भी नही रहता है क्योकि सांठगांठ कर किसी दुर्घटना के पश्चात नाबालिग होने की स्थिति में इनके नाम बकायदा हटा कर लाइसेंस वाले को पेश कर दिया जाता है।
जाहिर हो कि बालू माफियाओं द्वारा नियम को ताक पर रखकर खनन का धंधा बेरोकटोक जारी है। जिस वजह से इन दिनों अवैध खनन का कारोबार करने वाले लोग इस नदी के बालू को बेच कर मालामाल हो रहे हैं। बालू माफिया दिन मे घूमकर जरुरतमंदों से भाव तय कर प्रति ट्रॉली बालू बेच रहे हैं। प्रतिदिन भोर से ही अवैध खनन का खेल चलता रहता है। खनन करने वाले माफियाओं के पास खुद की ट्रैक्टर-ट्राली है। खनन करने वाले कुछ लोग आस पास के गांव के ही हैं। गौरतलब है कि नदियों से अवैध खनन से नदी का रुख लगातार बदलते जा रही है। कई स्थान तो ऐसे है जहां जंगलो के रास्ते नदी तक पहुंचा जाता है, जिससे वन विभाग को भी क्षति हो रही है। क्योंकि इनके आवाजाही से छोटे पौधे एवम अन्य प्रकार से वनों को नुकसान भी हो रहा है। वहीं नदियों से सटे हुए ग्रामीणों के सिर पर खतरा मंडराता नजर आ रहा है। और अवैध बालू खनन करने वालों की बालू के रूप में चांदी कटाई हो रही है। ऐसे में नदी से अवैध बालू उठाव के कारण सरकार को भारी राजस्व की क्षती भी पहुंचती है। थाना क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने के शर्त में बतलाया कि थाना क्षेत्र में बहने वाली नदियों में कई जगह अवैध बालू खनन किया जा रहा है। नाबालिकों से ट्रेक्टर चलवाया जाता है और नाबालिग चालक अपनी शौक के कारण चलाने से नही चूकते है, साथ ही इनके साथ काम करने वाले भी नाबालिग ही होते है। इनके ओवर स्पीड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में हादसों का खतरा हमेशा बना रहता है। इस पर प्रशासन एवम पुलिस विभाग को ध्यानाकर्षण करने की आवश्यकता है।