वन अधिकार पत्र धारकों से धान खरीदी व्यवस्था में शामिल करने राज्य सरकार की विशेष पहल

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वन अधिकार पत्र धारकों से धान खरीदी व्यवस्था में शामिल करने राज्य सरकार की विशेष पहल

वन अधिकार पत्र धारकों से धान खरीदी व्यवस्था में शामिल करने राज्य सरकार की विशेष पहल 

अब तक 80 हजार वन पत्र धारकों का धान खरीदी पोर्टल में हो चुका है पंजीयन

वन एवं जनवायु परिवर्तन विभाग द्वारा ज्यादा से ज्यादा संख्या में वन अधिकार पत्र धारकों के पंजीयन कराने पत्र जारी 



रायपुर। राज्य सरकार द्वारा आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में प्रदेश के वन अधिकार पत्र धारक किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी के लिए विशेष पहल की जा रही है। वन अधिकार पत्र धारकों को धान खरीदी व्यवस्था में शामिल होने पंजीयन हेतु प्रोत्साहित और जागरूक किया जा रहा है। वन पट्टाधारी किसानों को धान खरीदी  व्यवस्था में शामिल करने ज्यादा से ज्यादा संख्या में धान खरीदी पोर्टल में पंजीयन हेतु जोर दिया जा रहा है। इसके लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और वन बल प्रमुख को पत्र भी जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए है। 

उल्लेखनीय है कि खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के लिए अब तक 80 हजार से अधिक वन अधिकार पत्र धारकों का धान खरीदी पोर्टल में पंजीयन हो चुका है। राज्य सरकार द्वारा राजस्व भूमि के साथ-साथ वन भूमियों में रहने वाले वन अधिकार पट्टा धारकों को भी धान बेचने का अधिकार देकर बड़ी सहुलियत दी गई है। शासन की मंशा है कि अधिक से अधिक वन अधिकार पट्टा धारक अपना धान बेंच सके और अन्य कृषि आधारित योजनाओं का लाभ मिले। इसके लिए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा निर्देश जारी कर वन भूमियों की गिरदावरी का कार्य अक्टूबर माह के दूसरे सप्ताह तक पूर्ण करने को कहा गया है।  

गौरतलब है कि वर्तमान में राजस्व विभाग द्वारा कृषकों की जानकारी ऑनलाईन एकत्रित की जाती है, जो कृषकों की फसल के गिरदावरी से संबंधित है। पत्र में जिला वन मंडलाधिकारियांे को कलेक्टर के सहयोग से गिरदावरी की जानकारी एकत्रित करने हेतु बीटगार्डाे को गिरदावरी का प्रशिक्षण दिये जाने की कार्यवाही करने को कहा गया है। ताकि वन अधिकार अधिनियम 2006 अंतर्गत वन पट्टा धारकों का पंजीयन धान खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत जिससे वन पट्टाधारकों को सभी शासकीय योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिल सके। 



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