प्रदेश के एक तिहाई आबादी को पूर्ण साक्षर कर विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का हर संभव प्रयास करें : स्कूल शिक्षा सचिव श्री परदेशी

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प्रदेश के एक तिहाई आबादी को पूर्ण साक्षर कर विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का हर संभव प्रयास करें : स्कूल शिक्षा सचिव श्री परदेशी

 प्रदेश के एक तिहाई आबादी को पूर्ण साक्षर कर विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का हर संभव प्रयास करें : स्कूल शिक्षा सचिव श्री परदेशी

प्रदेश के एक तिहाई आबादी को पूर्ण साक्षर कर विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का हर संभव प्रयास करें 



रायपुर। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुशंसा अनुसार प्रदेश में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम की कार्य योजना प्रस्तुत कर इसे शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक तिहाई आबादी को पूर्ण साक्षर कर उन्हें विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का हर संभव प्रयास किया जाए। श्री परदेशी आज नवा रायपुर स्थित मंत्रालय भवन में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण की समीक्षा कर रहे थे। 


स्कूल शिक्षा सचिव श्री परदेशी ने राज्य साक्षरता मिशन के कार्य उद्देश्य को समझते हुए निर्देशित किया कि राष्ट्रीय साक्षरता मिशन के निर्देशों का पूर्णतः पालन सुनिश्चित किया जाए। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुशंसा के अनुसार ‘नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम स्वीकृत किया गया है। ‘नवभारत साक्षरता’ कार्यक्रम के तहत प्रथम चरण में प्रदेश के 5 लाख असाक्षरों को बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान कराया जाएगा। इसके अलावा जीवन कौशल के अंतर्गत वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, कानूनी साक्षरता, चुनावी साक्षरता, व्यावसायिक कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा, समतुल्यता और सतत शिक्षा का कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। 


स्कूल शिक्षा सचिव श्री परदेशी ने एससीईआरटी में स्थापित राज्य साक्षरता केंद्र ‘स्टेट सेंटर फॉर लिटरेसी’ को भी साधन संपन्न बनाकर अकादमी कार्य शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में पूर्व में संचालित नवाचारी कार्यक्रम, पुस्तक वाचन अभियान, हम होंगे पांचवी पास, मुख्यमंत्री शहरी साक्षरता कार्यक्रम, आखर अंजोर, श्रेष्ठ पालकत्व कार्यक्रम की सराहना करते हुए आगे भी इन नवाचारी कार्यक्रमों और गतिविधियों को आयोजित करने के निर्देश दिए। श्री परदेशी ने कहा कि सर्वप्रथम आकांक्षी जिलों के आकांक्षी विकासखण्ड तथा जहां साक्षरता दर कम है उन जिलों के विकासखण्ड और ग्राम पंचायत को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी। शहरी क्षेत्र के डिजिटल असाक्षरो को डिजिटल साक्षर बनाने के लिए ‘गढ़बो डिजिटल छत्तीसगढ़’ कार्यक्रम के लिए आवश्यक राशि की मांग का प्रस्ताव तैयार किया जायेगा। स्कूल शिक्षा सचिव श्री परदेशी ने ऐसे चिन्हांकित क्षेत्र के स्कूलों में सामाजिक चेतना केंद्र स्थापित करने के लिए भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले जिले, विकासखण्ड और ग्राम पंचायत को प्रोत्साहित करने राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री अक्षर सम्मान भी आयोजित किए जाए। श्री परदेशी ने इस बात पर जोर दिया कि बेस्ट प्रैक्टिसेज वाले राज्यों और जिलों में राज्य की टीम को भेजा जाए, ताकि हमारा प्रदेश भी इस कार्यक्रम में देश में अव्वल स्थान पर रहे। बैठक के प्रारंभ में राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के सहायक संचालक श्री प्रशांत पांडेय ने पावर पॉइंट प्रस्तुतीकरण और सहायक संचालक श्री दिनेश कुमार टांक ने बजट एवं वित्त की स्थिति की जानकारी दी।

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