गरुड़ के दो बच्चे हो गये थे आलसी, उड़ने की कोशिश ही नही करते थे, एक दिन पिता ने अपनी पीठ पर बैठा ऊंची उड़ान भर गिरा दिया.......

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गरुड़ के दो बच्चे हो गये थे आलसी, उड़ने की कोशिश ही नही करते थे, एक दिन पिता ने अपनी पीठ पर बैठा ऊंची उड़ान भर गिरा दिया.......

गरुड़ के दो बच्चे हो गये थे आलसी, उड़ने की कोशिश ही नही करते थे, एक दिन पिता ने अपनी पीठ पर बैठा ऊंची उड़ान भर गिरा दिया.......

गरुड़ पुराण में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है, जिनकी संगति व्यक्ति को बर्बादी के मार्ग पर ले जा सकती है



एक बार एक गरुड़ ने अपने दोनों बच्चों को पीठ पर बैठाया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। दोनों बच्चों वहां दिनभर दाना चुगते रहे। शाम के वक्त वह गरुड़ आया और अपने बच्चों को लेकर घर चला गया।रोज गरुड़ यही करता था। बच्चों ने सोचा कि जब हमारे पिताजी पीठ पर बैठा कर हमें ले जाते हैं तो हमें उड़ने की क्या जरूरत है।

गरुड़ को पता चल गया कि मेरे दोनों बच्चे आलसी हो गए हैं। यह मेहनत करने कि नहीं सोच रहे हैं। यह उडना सीखना नहीं चाहते हैं। एक बार गरुड़ ने दोनों बच्चों को अपनी पीठ पर बैठाया और ऊंची उड़ान भर ली। उसने ऊंचाई पर से अपने दोनों बच्चों को गिरा दिया।दोनों बच्चों ने पंंख फड़फड़ाना शुरू कर दिया और उन दोनों बच्चों को समझ आ गया कि उड़ना सीखना बहुत ही जरूरी है। किसी तरह दोनों बच्चों ने अपने प्राण बचा लिए। वह शाम के वक्त घर पहुंचे और अपनी मां से कहा कि आज पिताजी की वजह से हमारी मौत हो गई होती।

बच्चों की मां ने कहा कि पिताजी तुम्हें मारना नहीं चाहते थे बल्कि तुम्हें उडना सिखाना चाहते थे। तुम दोनों आलसी हो गए थे और उडना नहीं सीख रहे थे। इस वजह से उन्होंने ऐसा किया। मां ने बच्चों को कहा लगातार अभ्यास करने से हम काफी ऊंचाई तक उड़ सकते हैं। हमारी पहचान ऊंची उड़ान से की जाती है।


कहानी की सीख

इस कहानी से हमें सीखने को मिलता है कि हर व्यक्ति को तब तक मेहनत करनी चाहिए जब तक वह अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर लेता। जो व्यक्ति आलस्य करते हैं वह जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाते हैं। इसीलिए आलस्य को छोड़कर लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर होना चाहिए।

गरुड़ पुराण को कभी भी पढ़ा या सुना जा सकता है. जरूरी नही है कि गरुड़ पुराण मृत्युपरांत ही सुना जाये. वास्तव में गरुड़ पुराण में बेहतर जीवन से जुड़े कई नियम, सदाचार, जप, तप आदि के बारे में बताया गया है, जिसके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते. साथ ही मान्यता है कि इसे यदि किसी की मृत्यु के बाद सुना जाए तो मरने वाले व्यक्ति को सद्गति प्राप्त होती है. इस कारण इसे किसी की मृत्यु के बाद सुना जाता है. गरुड़ पुराण में कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताया गया है, जिनकी संगति व्यक्ति को बर्बादी के मार्ग पर ले जा सकती है.

1. जो लोग जीवन में सब कुछ भाग्य के भरोसे पर छोड़ देते हैं, वो मेहनत करने से कतराते हैं. ऐसे लोगों की संगत आपको निकम्मा बनाती है और असफलता के मार्ग पर ढकेल देती है. इसलिए ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखें और स्वयं अपने कर्मों से अपना भाग्य बनाएं.

2. गरुड़ पुराण के मुताबिक नकारात्मक सोच वाले लोग जीवन में हर किसी में कोई न कोई कमी ढूंढ ही लेते हैं. ऐसे लोगों से हमेशा बचकर रहना चाहिए. ये खुद भी आगे नहीं ​बढ़ पाते और दूसरों को भी नीचे गिराते हैं. यदि आपको सफलता चाहिए तो अपना नजरिया सकारात्मक रखें.

3. ऐसे लोग जिनको अपने धन पर अहंकार होता है और हर बात पर दिखावा करने की आदत होती है, ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए. ये लोग कभी भी किसी व्यक्ति को अपमानित कर सकते हैं.

4. कुछ लोग ​निरर्थक बातें करके अपना भी समय नष्ट करते हैं और दूसरों का भी. ऐसे लोगों की संगत से हमेशा बचकर रहना चाहिए. ऐसे लोग आपको कभी कोई काम नहीं करने देते और आपका ध्यान बातों में भटका देते हैं. इसके कारण व्यक्ति असफल होने लगता है.


5.  आलसी लोगों की संगत कभी नहीं रखनी चाहिए. ऐसे लोग सपनों की दुनिया में ही जीते हैं और समय बर्बाद करते हैं. यदि आप इनके साथ रहेंगे तो संगत का असर कहीं न कहीं आप पर जरूर आएगा.


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