अब झारखंड के गुमला से छत्तीसगढ़ के पत्थलगांव तक जाना अब हो जायेगा बेहद आसान
रायपुर-रांची राष्ट्रीय हाई-स्पीड गलियारा के पत्थलगांव-गुमला के बीच चार-लेन वाले खंड को मिली मंजूरी
अब झारखंड के गुमला से छत्तीसगढ़ के पत्थलगांव तक जाना अब बेहद आसान हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को 936 किमी लंबाई वाली 8 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन हाईवे प्रोजेक्ट्स की लागत 50,655 करोड़ रुपए आएगी। कैबिनेट बैठक के बाद सरकार ने कहा, इन 8 प्रोजेक्ट्स से प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से लगभग 4.42 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे। पीएम मोदी ने कहा, इस फैसले से देश के बुनियादी ढांचे में बड़ा बदलाव दिखेगा। आर्थिक विकास पर कई गुना प्रभाव पड़ेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यह भविष्य के भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
इसी मद्देनजर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नेशनल हाई-स्पीड कॉरिडोर के तहत गुमला से पत्थलगांव तक 4 लेन हाई-स्पीड कॉरिडोर बनाने की योजना को मंजूरी दी है। करीब 155 किलोमीटर तक दूरी वाले इस 4 लेन हाई-स्पीड कॉरिडोर के निर्माण के लिए 4,473 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7 दूसरी हाई-स्पीड कॉरिडोर परियोजनाओं की भी मंजूरी दी है। इनमें उत्तर प्रदेश के आगरा से मध्य प्रदेश के ग्वालियर तक 6 लेन का हाई-स्पीड कॉरिडोर, अयोध्या रिंग रोड और कानपुर रिंग रोड, पश्चिम बंगाल के खड़गपुर से मोरग्राम के बीच 4 लेन हाई-स्पीड कॉरिडोर और गुजरात के थराद-डीसा-मेहसाणा- अहमदाबाद के बीच 6 लेन वाले हाई-स्पीड कॉरिडोर शामिल हैं। सरकार सुनिश्चित करेगी इनके लिए भूमि अधिग्रहण की जरूरत कम से कम हो।
इस कॉरिडोर के बनने से लोगों को कम समय में अपनी मंजिल तक पहुंचने में मदद मिलेगी। इससे व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। बताया जा रहा है कि इस नेशनल हाई स्पीड कॉरिडोर बन जाने के बाद रांची से रायपुर की दूरी सिर्फ 6 घंटे में पूरी हो सकेगी। अभी रांची से रायपुर जाने में करीब 11.30 घंटे का वक्त लगता है।