पत्थलगांव के सिविल अस्पताल परिसर में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की उड़ाई जा रही सरेआम धज्जियां
कुछ दिनों पूर्व ही पत्थलगांव विधायक गोमती साय ने किया था स्वच्छता पखवाड़ा के तहत साफ सफाई
पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में छाया अव्यवस्था का आलम, चारों ओर गंदगी और पान मसाला की थूके
पत्थलगांव । नगर के सिविल अस्पताल परिसर में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। अस्पताल में बीमार लोगों का इलाज होता है। वहां साफ सफाई और स्वच्छ वातावरण लोगों को मिलता है जिससे कि बीमार दवाओं और स्वच्छ वातावरण में जल्दी स्वस्थ हों पर नगर के इस अस्पताल में इससे ठीक उलटा देखने को मिल रहा है। वही प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर स्वच्छता पखवाड़े के आयोजन के दौरान स्वम् पत्थलगांव विधायक गोमती साय यहां उपस्थित होकर साफ सफ़ाई की थी।
यहां के अस्पताल में आलम यह है कि चारों ओर गन्दगियाँ फैली रहती है। जिसके कारण वार्ड में भर्ती मरीज और उनके परिजनों को पास में पड़े कचरे और गंदगी से आने वाली बदबू के कारण वार्ड में बैठना दूभर हो जाता है। सफाई नही होने के कारण मरीजों और उनके परिजनों को अन्य संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बना रहता है। वहीं अस्पताल से निकलने वाले कचरे और गंदगी को फेंकने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा स्वयं ही व्यवस्था करनी होती है। यह भी ध्यान रखा जाता है कि अस्पताल के संक्रमित कचरे और गंदगी को अस्पताल परिसर में ही गड्ढा खोदकर उसमें डाला जाता है और उसे नष्ट किया जाता है। लेकिन लगता है नगर के इस अस्पताल के जिम्मेदार अस्पताल से निकलने वाले कचरे और गंदगी को अस्पताल परिसर के खुले में फेंककर अस्पताल में आने वाले मरीजों और परिजनों को अन्य संक्रामक बीमारियों की गिरफ्त में लाना चाहते हैं।
वहीं यहां की खिड़कियों के कांच, दरवाजे फूटे टूटे पड़े हैं और शौचालय में सफाई व्यवस्था का अभाव है। जिसकी वजह से भी यहां आने वाले मरीजों एवं आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं। यहां के सिविल अस्पताल शहर ही नही बल्कि आसपास के सभी ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सा व्यवस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां छोटी से लेकर हर बड़ी बीमारी तक के उपचार के लिए बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन पहुंचते है। परंतु यह अस्पताल अपनी अव्यवस्था पर ही आंसू बहा रहा है। अस्पताल के दरवाजों के कांच फुट गए हैं तो कई खिड़कियां ऐसी है जिनमे दरवाजे तक नही हैं। वार्डों में मरीजों की सुविधा के नाम पर केवल पंखे लगे हुए हैं जिसमे से भी कई पंखे अक्सर खराब रहते है। दूसरी ओर अस्पताल के शौचालय का बुरा हाल है। बार बार स्थानीय लोगों द्वारा सिविल अस्पताल की इस समस्या को लेकर नाराजगी जाहिर की जाती रही है मगर अस्पताल प्रबंधन इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। वहीं प्रशासन भी इस ओर से आंखें मूंदे बैठा है।
वही इस परिसर में किसी भी प्रकार के तंबाकू पदार्थ तथा बीड़ी,सिगरेट व पान मसाला इत्यादि का उपयोग प्रतिबंधित होने और नियमों को तोड़ने वालों पर 200 रुपए जुर्माने की बातें दीवारों पर लिखे होने के बावजूद जगह जगह पान गुटका की पिक देखी जा सकती है।
स्वच्छता अपनाने से ही होगा स्वच्छ भारत का सपना साकार
हर एक बातों के लिये सरकारी आमलो पे निर्भर रहने के बजाय हम अपनी आदतों एवं व्यवहार में परिवर्तन लाएं और इसके लिए अपने साथ साथ अन्य सभी को जागरूक करें। क्योंकि हम सबकी सक्रिय सहभागिता से ही हमारा शहर साफ, सुंदर व स्वच्छ शहर बनेगा। पर इसके विपरीत हम सरकारी भवनो का गलत एवम गैरजिम्मेदार तरीके से उपयोग करते है व्यवस्था होने के बावजूद जहां पाए वहां गंदगी फैला देते है और जिम्मेदार प्रशासन तो ठहरा देते है।
साफ-सफाई एक अच्छी आदत है, स्वच्छ पर्यावरण और आदर्श जीवन शैली के लिये हर एक को यह आदत बनानी चाहिये। “स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मानसिकता का विकास होता है। हमें ये समझना चाहिये कि ये केवल सरकार का कार्य नहीं है, बल्कि समाज में रहने वाले हर इंसान की जिम्मेदारी है। हम सब के स्वस्थ जीवन के लिये इस अभियान में हमें कंधे से कन्धा मिलकर भाग लेना चाहिये। हमें खुद को, घर, अपने आसपास, समाज, समुदाय, शहर, उद्यान और पर्यावरण आदि को स्वच्छ रखने की जरुरत है।