छत्तीसगढ़ में अब भोजनालय भी मयखाने बन जाएंगे, जहां नाश्ते और खाने के साथ शराब पीने का रहेगा इंतजाम
दुगुना राजस्व बढ़ाने के लिये आबकारी विभाग की नई नीति, अब इन जगहों पर भी बिकेगी शराब
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब भोजनालय भी मयखाने बन जाएंगे, जहां नाश्ते और खाने के साथ शराब पीने का इंतजाम रहेगा। राज्य सरकार के आबकारी विभाग ने पहली बार ऐसे रेस्टारेंट को जहां आगंतुकों के ठहरने के लिए आवास की व्यवस्था न हो, वहां भी शराब बेचने का लाइसेंस जारी करने का फैसला किया है। ऐसा करने के लिए छत्तीसगढ़ विदेशी मदिरा नियम 1966 में बदलाव किया गया है।
एक ओर जहाँ शराबबंदी की मांग होने को लेकर शराब दुकानों में कमी की गई है, तो वहीँ आबकारी विभाग को राजस्व वृद्धि का टारगेट दिया गया है, बीते वर्षों में लगभग 5500 करोड़ की आय थी, जिसे अब नये टारगेट में दुगुना कर दिया गया है।
जिस भोजनालय को शराब बेचने का लाइसेंस मिलेगा, वहां विदेशी मदिरा पिलाई जाएगी। रेस्टारेंट बार में आने वाले आगंतुकों को भोजन या नाश्ते के साथ शराब बेची जाएगी। खाने वालों को बेची गई शराब का उपयोग उसी परिसर में ही करना होगा। लाइसेंसधारी को पिलाने के लिए एक बाररूम बनाना होगा। इसके साथ ही एक स्टॉक रूम और शराब परोसने के लिए एक ही कांउटर की व्यवस्था होगी। ऐसे रेस्टारेंट से खुली बोतलों से केवल फुटकर (लूज) शराब की बिक्री की जाएगी, जिससे शराब के शौक़ीन वहीँ शराब पी सकेंगे।
अब से पहले तक राज्य में ऐसे रेस्टारेंट में ही शराब परोसने का लाइसेंस दिया जाता था, जहां लोगों के रुकने का भी इंतजाम होता था, लेकिन अब ऐसे होटल जहां केवल भोजन की व्यवस्था होती है, वहां भी ग्राहकों को शराब पिलाने का लाइसेंस दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि हाल ही में राज्य सरकार ने रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर भी शराब पिलाने और बेचने का लाइसेंस देने की तैयारी की है।
20% अधिक दर पर बेची जाएगी शराब
शराब की बिक्री विदेशी मदिरा स्प्रिट और माल्ट के लिए निर्धारित फुटकर विक्रय दर से 20 प्रतिशत अधिक दर पर की जाएगी। इसका मतलब यह होगा कि रेस्टोरेंट्स में शराब की कीमतें सामान्य बाजार से कुछ अधिक होंगी।
जो रेस्टोरेंट्स शराब परोसने का लाइसेंस प्राप्त करेंगे, वहां शराब केवल बाररूम में ही परोसी जाएगी। ग्राहकों को शराब उसी परिसर में पीने की अनुमति होगी, जहां वे भोजन कर रहे होंगे। इसके अलावा, शराब परोसने के लिए रेस्टोरेंट्स को एक स्टॉक रूम और एक कांउटर की व्यवस्था करनी होगी। इन रेस्टोरेंट्स में खुली बोतलों से सिर्फ फुटकर शराब की बिक्री होगी।
माल नहीं उठाया तो लगेगा जुर्माना
लाइसेंसधारी को हर माह शराब का तय कोटा उठाना होगा। अगर किसी माह के लिए निर्धारित स्प्रिट या बीयर की न्यूनतम प्रत्याभूत मात्रा लाइसेंस धारी नहीं उठाता है, तो वहां संबंधित जिले का कलेक्टर कम उठाई गई शराब या बीयर की मात्रा पर स्प्रिट प्रति क्वार्ट बोतल पर 730 रुपए एवं माल्ट मदिरा की प्रति क्वार्ट बोतल पर 155 रुपए की दर से शास्ति (जुर्माना) अधिरोपित करेगा, जो वापसी योग्य नहीं होगा। जिसके बाद शराब को बेचना लाइसेंसधारी की मजबूरी भी हो जायेगी। इस तरह से राजस्व में वृद्धि का लक्ष्य आबकारी अमले द्वारा रखा गया है।