छत्तीसगढ़ को जल्द ही मिलेगा नये पुलिस का मुखिया, नये डीजीपी की तलाश शुरू
वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल 5 फरवरी, 2025 को होगा पूरा
डीजीपी की रेस में 3 अधिकारियों के नाम सबसे आगे
छत्तीसगढ़ को जल्द ही नये पुलिस का मुखिया मिलने वाला है। इसके लिये छत्तीसगढ़ में नए डीजीपी की तलाश शुरू हो गई है। वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा का कार्यकाल 5 फरवरी, 2025 को पूरा होने वाला है। जुनेजा का कार्यकाल पूरा होने से पहले सरकार ने 5 सीनियर IPS अधिकारियों के नाम शॉर्टलिस्ट कर लिए हैं। इसको लेकर पुलिस विभाग और सरकार में नए डीजीपी कौन होगा को लेकर चर्चाएं होने लगी है। वहीं बीजेपी सरकार के करीबी अधिकारी कौन है, कौन-कौन से आईपीएस अधिकारी इस रेस में शामिल है। इसकी चर्चा भी होने लगी है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में नए डीजीपी नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। दरअसल, कुछ राज्यों में ऐन मौके पर डीजीपी नियुक्ति की फाइल यूपीएससी को भेजने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी। अपेक्स कोर्ट ने कहा था कि नए डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया तीन महीने पहले शुरू हो जानी चाहिए। तीन महीने के पैरामीटर से देखें तो छत्तीसगढ़ में कुछ लेट हुआ है। डीजीपी अशोक जुनेजा का छह महीने का एक्सटेंशन 5 फरवरी को कंप्लीट हो जाएगा। बहरहाल, जैसा कि पता चला है...छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी पैनल के लिए फाइल का प्रॉसेज शुरू हो गया है। एसीएस होम, गृह मंत्री से होकर फाइल अंतिम अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री तक जाएगी। पैनल में तीन नाम भेजा जाए या पांच, इस पर मशिवरा चल रहा है। यदि तीन नाम भेजना होगा तो पवनदेव, अरुणदेव गौतम और हिमांशु गुप्ता का नाम होगा। और पांच जाएगा तो एसआरपी कल्लूरी और प्रदीप गुप्ता का नाम जुड़ जाएगा। हालांकि, डीजीपी कौन होगा, यह लगभग तय हो चुका है। यूपीएससी से पैनल एप्रूव्ह होने के बाद उसी नाम पर सरकार टिक लगा देगी। अलबत्ता, ऐन वक़्त पर अगर अशोक जुनेजा का ऊपर से एक्सटेंशन का कोई आदेश आ गया तो फिर बात अलग है।
हालांकि उनमें से डीजीपी की रेस में 3 अधिकारियों के नाम सबसे आगे हैं। नवा रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय ने करीब 22 दिन पहले गृह विभाग को एक गोपनीय प्रस्ताव सौंपा था। इस प्रस्ताव में तीन अलग-अलग बैच के पांच अफसरों के नाम थे। राज्य सरकार इनमें से किसी को भी छत्तीसगढ़ पुलिस का मुखिया बना सकती है। विभागीय सूत्रों के अनुसार प्रस्ताव में जिन अफसरों का नाम थे उसमें 1992 बैच के अधिकारी पवन देव और अरुण देव गौतम, 1994 बैच के हिमांशु गुप्ता और शिव राम प्रसाद कल्लूरी और 1995 बैच के प्रदीप गुप्ता शामिल हैं।
सूची में शामिल अफसर वर्तमान में यहां है पदस्थ
DG पवन देव- विशेष महानिदेशक (पुलिस आवास निगम) हैं।
DG अरुण देव गौतम- महानिदेशक (होमगार्ड) के रूप में पदस्थ हैं।
DG हिमांशु गुप्ता- प्रदेश के जेल प्रशासन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
ADG रैंक के शिव राम प्रसाद कल्लूरी- PHQ में एडीजी (प्रशासन) के पद पर तैनात हैं।
ADG प्रदीप गुप्ता- (रेलवे और वित्त एवं प्रावधान) के पद पर कार्यरत हैं।
DGP नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह है निर्देश
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का 2006 का फैसला राज्य डीजीपी नियुक्तियों के लिए मार्गदर्शक ढांचे के रूप में काम करना जारी रखता है। न्यायालय ने आदेश दिया कि राज्य सरकारें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सूचीबद्ध 3 सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में से अपने DGP का चयन करें। चयनित अधिकारी को अपनी सेवानिवृत्ति तिथि की परवाह किए बिना कम से कम दो साल का कार्यकाल पूरा करना होगा।
DGP पद के लिए योग्यता
डीजीपी बनने के लिए 30 साल की सेवा जरूरी है। इससे पहले स्पेशल केस में भारत सरकार डीजीपी बनाने की अनुमति दे सकती है। छोटे राज्यों में आईपीएस का कैडर छोटा होता है, इसको देखते भारत सरकार ने डीजीपी के लिए 30 साल की सर्विस की जगह 25 साल कर दिया है। मगर बड़े राज्यों के लिए नहीं।