एक बार फिर नक्सलियों ने कायराना हरकत करते हुए किया आईईडी विस्फोट, एएसपी गिरिपुंजे शहीद, sdop व ti घायल

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एक बार फिर नक्सलियों ने कायराना हरकत करते हुए किया आईईडी विस्फोट, एएसपी गिरिपुंजे शहीद, sdop व ti घायल

एक बार फिर नक्सलियों ने कायराना हरकत करते हुए किया आईईडी विस्फोट, एएसपी गिरिपुंजे शहीद, sdop व ti घायल

नक्सलियों को इसका परिणाम भुगतना होगा : सीएम साय

नक्सलियों से अब कोई बातचीत नहीं : विजय शर्मा




छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में एक बार फिर नक्सलियों ने कायराना हरकत करते हुए आईईडी विस्फोट किया है। यह घटना ऐसे समय हुई जब सुरक्षाबल राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार अभियान चला रहे हैं और कई क्षेत्रों को नक्सलमुक्त घोषित किया जा चुका है। इसी मुहिम के तहत सोमवार सुबह गश्त पर निकले सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर नक्सलियों ने साजिश के तहत विस्फोट किया, जिसमें कोंटा डिवीजन के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) आकाश राव गिरीपुंजे गंभीर रूप से घायल हो गए, इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली और शहीद हो गए। सुकमा एसपी किरण चौहान ने इसकी पुष्टि की है।

मामले की जानकारी देते हुए वरिष्ठ आला अधिकारियों ने बताया कि बसवराजू के साथ ही 28 नक्सलियों को पुलिस के जवानों ने 21 मई को मार गिराया था, जिसके बाद से बौखलाए नक्सलियों के द्वारा 10 जून को भारत बंद का आव्हान करते हुए गोलापल्ली के पास एक खदान में उपयोग हो रहे एक पोकलेन को आग लगा दी। घटना की जानकारी लगने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव अपने साथ एसडीओपी व थाना प्रभारी को लेकर घटनास्थल के लिए रवाना हुए, नक्सलियों को इस बात का अंदाजा था कि पुलिस के जवानों के साथ ही आला अधिकारी जरूर आएंगे। जहां नक्सलियों के द्वारा लगाए आईडी ब्लास्ट में एएसपी आकाश राव गिरेपुंजे शहीद हो गए, जबकि कोंटा SDOP भानुप्रताप चंद्राकर व TI. सोनल ग्वाला गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस टीम मौके के लिए रवाना हो गई। घायलों को बेहतर उपचार के लिए कोंटा के अस्पताल लाया गया। वहीं घटना के बाद से इलाके में सर्चिंग बढ़ा दी गई है। वहीं एएसपी की शहादत की सूचना मिलने पर उनकी टीम के जवान फूट-फूटकर रोते रहे।

अतिरिक्त एसपी आकाश राव क्षेत्र में पैदल गश्त पर थे। यह गश्त 10 जून को प्रस्तावित भारत बंद को ध्यान में रखते हुए की जा रही थी, जिसे भाकपा (माओवादी) ने बुलाया है। इस दौरान कोन्टा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा के पास प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से जबरदस्त विस्फोट हुआ और वे गंभीर रूप से घायल हो गए। 

नक्सलियों को इसका परिणाम भुगतना होगा : सीएम साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण आईईडी विस्फोट में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के शहीद होने पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह अत्यंत ही दुखद है। उन्होंने एएसपी आकाश की शहादत को नमन किया। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस कायराना हमले में कुछ अन्य अधिकारी एवं जवानों के भी घायल होने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा एक बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है, जिसमें सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। इसी से बौखलाकर नक्सली इस तरह की कायराना करतूतों को अंजाम दे रहे हैं। नक्सलियों को इसका परिणाम भुगतना होगा। वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं, जब छत्तीसगढ़ से इनका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री साय ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ी है।

नक्सलियों से अब कोई बातचीत नहीं : विजय शर्मा

इस दुखद घटना पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने शोक जताते हुए बहादुर आकाश राव गिरिपुंजे की वीरता को सलाम किया। गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि सुकमा जिले के कोंटा क्षेत्र के एएसपी आकाश राव गिरिपुन्जे शहीद हुए हैं। वो बहुत ही बहादुर आधिकारी थे। विभिन्न स्थानों पर काम करते हुए उन्हें ‘गैलेंट्री अवार्ड’ मिला था। यह हम सभी के लिए बेहद दुखद है। इस घटना के पीछे नक्सलियों की कायराना करतूत एक बार फिर से सामने आई है। गृहमंत्री शर्मा ने कहा कि जवान के भूझाओं में बहुत ताकत है। इस घटना के बाद भी नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि नक्सलियों से बातचीत की स्थिति बनते रहती है, लेकिन ऐसी कायराना हरकत के बाद अब वो भी नहीं रही।

ASP आकाश राव गिरीपुंजे एक जांबाज अधिकारी थे और उन्हें कई बार वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका था। उनके निधन पर राज्यभर में शोक की लहर है। राज्य में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों के चलते नक्सली संगठन बौखलाहट में हैं। उनकी ओर से किए जा रहे ये हमले सुरक्षाबलों की सफलता को रोकने का असफल प्रयास हैं। हालांकि, यह भी स्पष्ट हो रहा है कि जैसे-जैसे सुरक्षाबल आगे बढ़ रहे हैं, नक्सलियों की पकड़ कमजोर हो रही है। मगर जंगलों में बिछाए जा रहे आईईडी जैसे खतरे अब भी बड़ी चुनौती बने हुए हैं।

मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़

राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों का लक्ष्य है कि मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त किया जाए। लेकिन इसके रास्ते में ऐसी घटनाएं एक बार फिर यह याद दिला जाती हैं कि यह संघर्ष अभी बाकी है और इसके लिए हमें अपने बहादुर सुरक्षाबलों पर गर्व और उनके बलिदान का सम्मान करना होगा।

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