देश के 100 से अधिक प्रमुख शहरों में हर तीन किलोमीटर में प्रमुख हाईवे पर इलेक्टि्रक वाहनों के लिए बनेंगे चार्जिंग स्टेशन
सौ. जागरण
नई दिल्ली। देश के 100 से अधिक प्रमुख शहरों में हर तीन किलोमीटर तो प्रमुख हाईवे पर प्रत्येक 25 किलोमीटर पर इलेक्टि्रक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।
भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्टि्रक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए चलाई जा रही फास्ट एडॉप्शन एंड मैन्यूफैक्चरिंग ऑफ इलेक्टि्रक व्हीकल्स (फेम-2) के तहत पेट्रोलियम कंपनियों को चार्जिंग स्टेशन लगाने के लए 800 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।
पेट्रोलियम कंपनियां आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल अपने-अपने पेट्रोल पंपों पर 7432 चार्जिंग स्टेशन लगाएंगी। अगले साल मार्च तक पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग स्टेशन लगाने का काम पूरा हो जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक अभी देश भर में 6886 चार्जिंग स्टेशन है। अगले साल मार्च तक चार्जिंग स्टेशन की संख्या 14,000 से अधिक हो जाएगी।
कंपनियों को भारी उद्योग मंत्रालय ने दिए 800 करोड़ रुपए
चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज करने की दर संबंधित राज्य की राज्य विद्युत नियामक आयोग (एसईआरसी) और संबंधित बिजली वितरण कंपनियां (डिस्कॉम) तय करेंगी।भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने बताया कि पेट्रोलियम कंपनियों को चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए 800 करोड़ रुपए में से 560 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए जमीन की कमी और स्थापना लागत अधिक होने से पेट्रोल पंपों को चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए चुना गया। उन्होंने बताया कि पेट्रोल पंपों पर लगने वाले 7432 चार्जिंग स्टेशन में से 1770 फास्ट चार्जिंग वाले होंगे।
इलेक्टि्रक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए नए वित्त वर्ष में खर्च होंगे 5300 करोड़
भारी उद्योग मंत्री ने बताया कि देश की सभी स्मार्ट सिटी और 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में हर तीन किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन लगाने की योजना है। इस प्रकार के शहरों की संख्या 100-125 के बीच है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में इलेक्टि्रक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए फेम-2 स्कीम के तहत 24,00 करोड़ रुपए और आगामी वित्त वर्ष 2023-24 में फेम-2 स्कीम के अंतर्गत 5300 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है।
लेक्टि्रक टैक्सी पर सब्सिडी
मंत्रालय के मुताबिक चार्जिंग स्टेशन की संख्या बढ़ने से इलेक्टि्रक कार की संख्या भी बढ़ेगी। फिलहाल देश भर में 60,000 इलेक्टि्रक कार हैं। चालू वित्त वर्ष 2022-23 में 35,000 इलेक्टि्रक कारों की बिक्री हुईं जबकि गत वित्त वर्ष 2021-22 में सिर्फ 20,000 इलेक्टि्रक कारों की बिक्री हुई थी।
सरकार इलेक्टि्रक कार पर कोई सब्सिडी नहीं देती है। सिर्फ इलेक्टि्रक टैक्सी पर सब्सिडी देती है और इसके तहत अब तक 7509 टैक्सी की बिक्री हुई है। मंत्रालय की सब्सिडी के तहत 8.43 लाख इलेक्टि्रक दोपहिया की बिक्री हो चुकी है तो सरकार ने 7200 इलेक्टि्रक बसों की सब्सिडी मंजूरी दी है। इनमें से 3545 बसें चल रही हैं। 85,195 तिपहिया वाहनों की बिक्री भी सरकारी सब्सिडी के तहत की गई है।