कबाड़ की आड़ में चोरी के समानो के साथ साथ सरकारी एवम अन्य कम्पनियों के समानो का हो रहा काला कारोबार, सरगुजा क्षेत्र से यूपी, झारखंड तक बने है रडार

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कबाड़ की आड़ में चोरी के समानो के साथ साथ सरकारी एवम अन्य कम्पनियों के समानो का हो रहा काला कारोबार, सरगुजा क्षेत्र से यूपी, झारखंड तक बने है रडार

कबाड़ की आड़ में चोरी के समानो के साथ साथ सरकारी एवम अन्य कम्पनियों के समानो का हो रहा काला कारोबार, सरगुजा क्षेत्र से यूपी, झारखंड तक बने है रडार


विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव

कबाड़ में खपाए जाते चोरी किए गए हर तरह के वाहन, rto एवम पुलिसिया विभाग की भी की सम्मिलित होने की आशंका


पत्थलगांव। लापरवाह प्रशासन व्यवस्था में बेईमानी के धंधे कितनी सफाई से होते हैं इसका अंदाज आप कबाड़ के कामो में संलिप्त लोगों से लगा सकते है। बाहर राज्यों से आकर छोटे मोटे किराये के मकानों में रहकर अचानक कुछ सालों में लाखों करोड़ों के संम्पत्ति के मालिक बनना यह लोगों के गले से नीचे नही उतरता। सूत्रों की माने तो आसपास के साथ सरगुजा जिले के सीतापुर क्षेत्र साथ काराबेल में कुछ वर्षों से कबाड़ की आड़ में ये काला कारोबार खूब पनप रहा है। यहां चोरी की समानो के साथ साथ चोरी के वाहनों को खपाने का पूरा खेल कुछ कबाड़ियों के माध्यम से हो रहा है। इन कबाड़ियों का नेटवर्क पूरे अम्बिकापुर, झारखंड, यूपी के साथ साथ अन्य राज्य में फैला हुवा है। वहीं लूना गैंग आपको हर जगहों पर दर्जनों की संख्या में आसानी से दिखाई देते होंगे जिनका हमे लगता है कि कोई मुसाफिरी भी इनकी सम्बंधित थानो में दर्ज होंगी।


अक्सर देखा जाए तो शहर में आए दिन शहर एवम गावो में  होने वाली चोरी की घटनाओं से लोग सहमे हुए रहते हैं। और शहर के साथ साथ गांव में  से भी आजकल कई कबाड़ की दुकानें संचालित होते नजर आती है। लगता है मानो कबाड़ की आड़ में चोरी का माल खपाना इनका पेशा बन गया है। लोग अपने यहां होने वाली चोरी के पीछे अपराधियों को कबाड़ियों द्वारा सरंक्षण होने की बात कहते नजर आते है। लोगो की माने तो पुलिस कबाड़ियों की दुकान एवं माल की जांच करते तो वहा से कबाड़ की आड़ में चोरी का माल खरीदने की पोल से पर्दा उठ सकता है, पर सुस्त पुलिस भी अपना साँठगाँठ कर खर्चा लेकर अपने आप को इनसे दुर रखना चाहती हो। हाल फिलहाल में ही पत्थलगांव पुलिस एक पिकप के साथ चार बाइक एवम 1 ट्रेक्टर इसी क्षेत्र से बरामद की है। हमारे सूत्रों की माने तो  इनके वाहनो के गुजरने वाले सभी थानों में मंथली बंधी होती है जिससे कि इनके वाहन बेख़ौफ़ आवाजाही कर सकें। 

देखा जाए तो स्थानीय कबाड़ियों के अलावा यूपी, झारखंड से आकर भी लोग इस कबाड़ के कार्य में लग गए है। लोगों के अनुसार इस कार्य में निपुणता होने के कारण घर के बाहर रखा सामान कहीं से भी सुरक्षित नहीं है। गांव हो या शहर छोटे- बड़े वाहनों से बैटरी एवं टूल किट का चोरी होना अब आम बात हो चुकी है। लगभग हर रात लोगों के घर के सामने से बाइक एवं कीमती सामान चोरी हो जा रहे हैं। लोग अपने घर के सामने सामान रखने से कतराने लगे हैं। वहीं देखा जाये तो दुपहिया वाहनो की चोरी में काफी वृद्धि हो चुकी है। वाहनो के समानो की बात करें अम्बिकापुर से होते हुवे अन्य राज्यों में जाना व अन्य राज्यों से अम्बिकापुर आना एवम उन समानो का आपको सस्ते एवम जुगाड़ में मिलना आसान होता है।


नामचीन कम्पनियों के लोहे एवम विद्दयुत विभाग के सामानों की हो रही खरीदी

हमारे सूत्रो की माने तो सीतापुर क्षेत्र में संचालित कबाड़ की दुकानों में शासकीय सामानों की भी खरीदी होने की सूचना मिली है। मिली जानकारी के अनुसार बिजली विभाग के तार, एल्युमिनियम तार, गाड़ी की बैटरी, सड़क बनाने वाली कम्पनियों के लोहे एवं कीमती सामानों को लाकर कबाड़ियों की दुकान में खपाने का काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि शहर के सामानों के अलावा यहां के कुछ कबाड़ी बाहर से आने वाले चोरी के सामान को भी खरीदकर उसे खपाने का काम कर रहे हैं। इन कबाड़ियों के गोदामों की जांच की जाती तो चोरी के अनेक मामलों का खुलासा हो सकता है।

Rto विभाग भी इससे अछूता नही

कई कारोबारी ऐसे है जो कि दुर्घटना में क्षतिग्रस्त दुपहिया एवम चारपहिया वाहनों को कबाड़ी खरीद लेते हैं और कागज भी ले लेते हैं। कबाड़ी दुर्घटनाग्रस्त वाहनो के कागज चोरी की वाहनो के साथ लगा देते है। गाड़ी नंबर बदलने के अलावा इंजन, चेसिस मिटाकरर बदल दिए जाते हैं या फिर इंजन भी बदल देते हैं। वाहनो का नया रूप देकर चोरी की गाड़ी अन्य किसी व्यक्ति को बेच दी जाती है। ये गाड़ी उसी व्यक्ति के नाम पर दिखाई देता है, जिसने उस वाहन को कबाड़ी को बेचा था। फिर आरटीओ में मोटे खर्च देकर अधिकारियों से सांठगांठ कर गाड़ी को नए खरीदार के नाम पर ट्रांसफर कर दिया जाता है जिससे कि चोरी के वाहन का कोई भी पता नही चल पाता। और वे अपना कारोबार एक नम्बर तरीके से सफाई पूर्वक निपटा देतें है। 


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