पुजारी ब्राम्हणों के नाम सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा छत्तीसगढ़ गृह मंत्रालय का पत्र पूर्णतः असत्य एवं भ्रामक, एफआईआर दर्ज

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पुजारी ब्राम्हणों के नाम सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा छत्तीसगढ़ गृह मंत्रालय का पत्र पूर्णतः असत्य एवं भ्रामक, एफआईआर दर्ज

पुजारी ब्राम्हणों के नाम सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा छत्तीसगढ़ गृह मंत्रालय का पत्र पूर्णतः असत्य एवं भ्रामक, एफआईआर दर्ज  



रायपुर। सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल किये जा रहे छत्तीसगढ़ गृह मंत्रालय के पत्र को छत्तीसगढ़ स्टेट फेक न्यूज कंट्रोल एंड स्पेशल मॉनिटरिंग सेल द्वारा फेक न्यूज करार दिया गया है। इस संबंध में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। 

वायरल किया जा रहा छत्तीसगढ़ के गृह मंत्रालय का पत्र पूर्णतः फेक है। इस संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा किसी भी प्रकार का पत्र जारी नहीं किया गया है। फेक पत्र में कान्यकुब्ज, सरयूपारिण या अन्य  ब्राम्हणों पर देशद्रोह का मामला दर्ज कर कार्रवाई का उल्लेख किया गया है, जो पूर्णतः असत्य एवं भ्रामक है।

सोशल मीडिया पर फेमस होने की चाहत में लगे लोग अपनी जिंदगी के साथ दूसरे के जिंदगी को खतरे में डालने से भी नहीं चूक रहे हैं। वहीं फेक न्यूज ऐसी खबरें, कहानियां या झांसे हैं जो जानबूझकर गलत सूचना देने या पाठकों को धोखा देने के लिए बनाई जाती हैं। आमतौर पर, इन कहानियों को या तो लोगों के विचारों को प्रभावित करने, राजनीतिक एजैंडा को आगे बढ़ाने या भ्रम पैदा करने के लिए बनाया जाता है। कभी कभी पुराने फोटो या वीडियो वायरल कर सांप्रदायिक भावनाओं को हवा दी जाती है। लोग हकीकत जानने के बजाये इन फेक चीजों को और हवा देते नजर आते है। शायद यही कारण है की 1000 से 2000 किलोमीटर की दूरी में बैठा आदमी जिसे इसकी कुछ भी जानकारी नही होती और वह  अपने क्षेत्र में अन्य रूप देता नजर आता है। 

सोशल मीडिया ने राजनीति को अस्त-व्यस्त कर दिया है और लोगों को अपने आसपास के परिवेश से अलग होने पर मजबूर किया है। मीडिया में फैली गलत सूचना और दुष्प्रचार एक गंभीर सामाजिक चुनौती बनता जा रहा है। यह समाज पर जहरीला माहौल पैदा कर रहा है और सड़क पर दंगों और लिंचिंग का कारण बन रहा है। इंटरनैट के युग में (व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर) यह एक गंभीर समस्या है क्योंकि भारत में 35 करोड़ इंटरनैट उपयोगकत्र्ताओं के बीच आसानी से  अफवाहें, मॉफ्र्ड इमेज, क्लिक-बैट्स, प्रेरित कहानियां, असत्यापित जानकारी, विभिन्न हितों के लिए रोपित कहानियां फैलती जा रही हैं। ऑनलाइन अफवाहों के कई उदाहरण हैं जिनमें निर्दोष लोगों की हत्याएं हुई हैं। मीडिया में फैली गलत सूचना और दुष्प्रचार सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और गलत सूचना समाज में जहर बांट रही है,एक गंभीर सामाजिक चुनौती बनती जा रही है। शिक्षित भी जानबूझकर इन अफवाहों का शिकार होते देखा जाता है, सत्यता जानने के बजाय नाम कमाने अफवाह को हवा देते नजर आते है, कई बातों को जानकर भी स्वम् के साथ साथ अन्य लोगों को भी बरगलाने का काम करते है। 

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