जशपुर जिले में 112 जैसे आपातकाल की सुविधा नही होने के कारण इस सुविधा की उठने लगी मांग, आपातकाल जैसे कार्यों में सिद्ध होगा मील का पत्थर

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जशपुर जिले में 112 जैसे आपातकाल की सुविधा नही होने के कारण इस सुविधा की उठने लगी मांग, आपातकाल जैसे कार्यों में सिद्ध होगा मील का पत्थर

जशपुर जिले में 112 जैसे आपातकाल की सुविधा नही होने के कारण इस सुविधा की उठने लगी मांग, आपातकाल जैसे कार्यों में सिद्ध होगा मील का पत्थर 


विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव

जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले में 112 जैसे आपातकाल की सुविधा नही होने के कारण लोंगो में अब इस सुविधा की मांग उठने लगी लगी है। 112 जोकि आपातकाल जैसे कार्यों में मील का पत्थर साबित होती है, इसकी सुविधा नही होने से लोग परेशान एवम यहां से सटे जिलों की तारीफ करते नजर आते है। 

छत्तीसगढ़ राज्य को बने 23 वर्ष पूरे हो गए है पर जशपुर जिले में सुविधाओं का हमेशा रोना रहता है या कहें तो अंतिम में ही यहाँ कोई सुविधा उपलब्ध हो पाती है । चाहे सड़क हो या अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं सभी की कमी यहां नजर आती है। अन्य जिलों के अपेक्षा लोगों को जो सुविधा मिलनी चाहिये वह नही मिल पा रही है। कई वर्षों से जिले की मांग कर रहे पत्थलगांव वासियों को कांग्रेस की सरकार आने पर पत्थलगांव के रहवासियों के मन में आस जागी थी कि अब जल्द ही पत्थलगांव को जिले का दर्जा मिल सकता है। साथ ही उन्हें 110 किलोमीटर जशपुर जिला मुख्यालय के चक्कर लगाने से भी निजात मिलेगी। किंतु ऐसा कुछ भी नहीं हो सका, उम्मीदों की हकीकत कुछ और है।

प्रदेश में लोगों को सभी आपातकालीन सेवाएं एक ही नंबर 112 पर देने के कारण 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इसे हरी झंडी दिखाई थी। इस सुविधा से लोगों को इसके लिए अलग-अलग नंबर डायल करने की जरूरत नहीं पड़ती। इमरजेंसी रिस्पांस व्हीलर (ईआरवी) की टीम शहर में 10 मिनट और ग्रामीण इलाकों में 30 मिनट में पहुंच जाती है। इस नंबर पर पुलिस के अलावा एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की सुविधा भी प्राप्त होती है। इस सुविधा के चालू होने से जिलेवासियों एवं सड़क मार्ग से गुजरने वाले मुसाफिरों के लिए एक अच्छी सुविधा मिल जाती। इमरजेंसी में इनको सिर्फ 112 नंबर डायल करना होगा। इसके बाद करीब 10 से 15 मिनट के अंदर पुलिस की सहायता मिल जाएगी। वही लोगों का कहना है कि पत्थलगांव से सटे जिलों में 112 सेवा मुसीबत के समय नागरिकों को सहायता प्रदान कर रही है, उसी तरह हमारे जिले में भी यह नागरिकों की सुरक्षा एवम सेवा की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। 112 की सेवा इसलिए चालू किया गया है क्योंकि मार्ग पर एक्सीडेंट, कही लड़ाई झगड़े या आपात स्थिति होने पर लोग 112 में इसकी सूचना दे और पुलिस तत्काल उनकी मदद के लिए हाजिर हो सके। फिलहाल अभी प्रदेश के बने नये ज़िलों को मिलाकर 17 जिलों में 112 की सुविधा चालू है वर्तमान में 17 से बढ़ाकर 33 जिलों में चालू करने प्रक्रिया चल रही है।



महिलाओं को मिलेगा खास फायदा. 

आजकल के महिलाओं पर बढ़ते अपराध को देखते हुवे पुलिस थानों में 112 वाहन की सुविधा चालू होने से महिलाओं को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। स्कूल, कॉलेज या अन्य स्थानों के साथ छेड़छाड़ की घटना होती है तो वे सीधे 112 डॉयल कर देंगे। इससे पुलिस सीधे घटना स्थल पहुंच जाएगी। इससे महिलाओं को आसानी से सुरक्षा मिल सकेगी।


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