लोकनिर्माण विभाग के सहयोग से ठेकेदार की हो रही चांदी, जैसे तैसे गुडवत्ता विहीन काम करवा फल फूल रहा इनका काम, इनके भ्रष्टाचार में उच्च स्तर से नीचे तक मिले होने की संभावना
पानी से भरे गड्ढों में इमल्सन का छिड़काव कर कर रहे पेंच रिपेयरिंग, इस कार्य मे नाबालिगो से लिया जा रहा काम
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
जशपुर/ कोतबा। लोकनिर्माण विभाग पत्थलगांव द्वारा कोतबा से बागबहार मार्ग में कराए जा रहे कार्य में लगातार भ्रष्टाचार किया जा रहा है.अब तो हद पार कर विभाग में पदस्थ इंजीनियर द्वारा ठेकेदार को लाभ पहुचाने खुद मुंशी रखकर नाबालिक स्कूली छात्रों से बिटूमेन इमल्सन की छिड़काव कर पानी भरे गड्डों में पैच रिपेयरिंग का कार्य करवाया जा रहा हैं।
एक और जहां इस कांग्रेस सरकार में सभी विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है, कोई किसी का सुनता ही नही, कुछ भी कर लो कितना ही आंदोलन कर लो एक कान से सुना दुसरे से पार यही इस शासन में जमकर चल रहा है। सड़को की बात करें तो स्टेट हाइवे एवम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कें ठेकेदार द्वारा इतनी गुडवत्ता विहीन बनाई जाती है कि एक तरफ बन रही तो दूसरी ओर उखड़ रही। इनपर कभी किसी प्रकार की कोई कार्यवाही भी नही होती, लगता है मानो इनके भ्रष्टाचार में ऊपर से नीचे लेबल के लोग मिले हुवे है।
इन दिनों सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार चलता नजर आ रहा है, चलेगा क्यो नही जब ठेकेदारों पर अफसर मेहरबान है। करोड़ों की बनने वाली सड़क में जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। एक ओर सड़क बन रही है तो दूसरी ओर सड़क उखड़ते जा रही है। ऐसे में साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क निर्माण में ठेकेदारो द्वारा किस कदर भ्रष्टाचार किया जाता है।
जिले में पहली बार ऐसा अनियमितता बरतने और शासन के रुपयों को बंदरबाट करने की जानकारी प्रशासन को होने के बाद भी कोई जांच न कार्यवाही होना देखा जा रहा हैं. इस बात से लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रहीं हैं। बिडंबना है कि जो कार्य गर्मियों में होना चाहिये उस कार्य को भरी बरसात के दिनों में इमल्सन डालकर किया जा रहा है.जबकि सड़कों में गड्डे भरने के लिये गिट्टी मुरुम का उपयोग किया जाना चाहिए।
कोतबा मीडिया की टीम ने मामले को लेकर खबर प्रकाशन के बाद फिर ग्राउंड रिपोर्टिंग किया तो पाया कि दो युवक ऐसे कार्य कर रहे थे जो स्कूली थे.और वे अध्यापन कार्य छोड़कर पैच कार्य में लगे हुए थे।जब मीडिया की टीम ने उनसे जानकारी लिया तो उन्होंने बताया कि उनके पिताजी कार्य करते है.लेकिन इन दिनों खेती कार्य होने के कारण उनकी जगह पर कार्य करने आये हुए हैं। जब उनसे उनके मेहताना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने प्रत्येक दिवस 250 रुपये मिलने की बात कही गई।
मामले को लेकर विभागीय इंजीनियर पारस कैथल के द्वारा लगाए गये मुंशी कर्मचारी व अन्य लोगों से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस कार्य करने के लिये इंजीनियर के द्वारा रखा गया हैं. इससे यह बात सामने आती है कि जब उक्त कार्य को ठेकेदार को दिया गया है तो विभागीय इंजीनियर नाबालिक मजदूर और मुंशी लगाकर ठेकेदार पर क्यों मेहरबान हैं। इस बात से सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि जिस तरह पूर्व में लैलूंगा से लवाकेरा और कोतबा से बागबहार तक 64 करोड़ सरकारी रुपयों का बंदरबाट कर दुरुपयोग किया गया हैं. वो विभागीय लापरवाह कर्मचारियों के मिलीभगत से किया गया हैं।
मामले को लेकर लोकनिर्माण विभाग के अधिकारियों एवम अन्य से कई बार संपर्क कर उनका पक्ष जानना चाहा गया लेकिन किसी भी अधिकारी ने फोन रिसीव नहीं किया, जिससे हम उनका पक्ष नहीं रख सकें।
नाबालिग मजदूरों से कार्य कराना गलत हैं. मैं विभागीय अधिकारियों को अवगत कराकर जांच करवाता हूँ।
एसडीएम पत्थलगांव
आर.एस.लाल