28 राजनीतिक दलों को नरेन्द्र मोदी सरकार बड़ा झटका देने की तैयारी में है,पीएम मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संविधान से 'इंडिया' शब्द हटाने की बना रही योजना
नई दिल्ली एजेंसी। लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटे कांग्रेस समेत 28 राजनीतिक दलों को नरेन्द्र मोदी सरकार बड़ा झटका देने की तैयारी में है। संसद के विशेष सत्र के दौरान चल रहे अमृत काल में देश के लोगों को गुलामी की मानसिकता और इससे जुड़ी किसी भी चीज से आजाद करने पर जोर दे रही नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार संविधान से 'इंडिया' शब्द हटाने की योजना बना रही है। ऐसा हुआ तो 28 दलों से लोकसभा उतरने वाले INDIA गठबंधन को इससे बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय राष्ट्रीय विकासशील समावेशी गठबंधन (INDIA) बना है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है, लेकिन इसके एजेंडे की कोई जानकारी नहीं दी है। विशेष सत्र में चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन समेत हाल में हासिल की गई सफलताओं पर भी चर्चा हो सकती है। साथ ही 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का रोडमैप बनाया जाएगा और इस विषय पर चर्चा भी हो सकती है। संसद के विशेष सत्र में सरकार इस संबंध में विधेयक ला सकती है। सूत्रों ने दावा किया कि इससे जुड़े प्रस्ताव की तैयारियां जारी हैं। हाल ही में आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी कहा था कि सदियों से हमारे देश का नाम भारत रहा है। उन्होंने लोगों से इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने की अपील भी की थी। प्रधानमंत्री मोदी ने 25 जुलाई को भाजपा संसदीय दल की बैठक में विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए पर निशाना साधते हुए कहा था कि ईस्ट इंडिया कंपनी और इंडियन नेशनल कांग्रेस का गठन अंग्रेजों ने किया था।
जी20 शिखर सम्मेलन (9-10 सितंबर को भारत द्वारा आयोजित किया जा रहा है) के साथ-साथ मुख्य शिखर सम्मेलन से पहले आयोजित होने वाले प्रतिष्ठित कार्यक्रम से संबंधित घटनाओं और कार्यक्रमों के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा। हालांकि, संसद के आगामी विशेष सत्र के एजेंडे की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। सूत्रों के मुताबिक, 2047 तक भारत को 'विकसित देश' बनाने का रोडमैप तैयार किया जाएगा और इसी विषय पर चर्चा भी होगी। 17वीं लोकसभा के 13वें और राज्यसभा के 261वें सत्र के दौरान 18-22 सितंबर तक पांच बैठकें होनी हैं। दरअसल, 11 अगस्त को लोकसभा में मॉनसून सत्र के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने 1860 में बने आईपीसी, सीआरपीसीइन (1898) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (1872) को गुलामी की निशानी बताया था। तीन नए विधेयक - भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023, और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 मौजूदा विधेयकों के स्थान पर पेश किए गए।
जानकारों का कहना है कि अगर INDIA शब्द हटाया गया तो हजारों करोड़ रुपये सरकारी संस्थानों के नाम बदलने में खर्च होंगे, क्योंकि देश कई सरकार संगठन हैं, जिनके नाम में INDIA शब्द जुड़ा है, जैसे Team India। इस बाबत संसद के विशेष सत्र में एक बिल लाने की तैयारी है। इसके साथ ही आधिकारिक रूप से INDIA शब्द भारत देश के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।