पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश के मौके पर पत्थलगांव में गुरुवार को ईद-मिलाद-उन्नबी उत्साह के साथ मनाया गया, निकला जुलूस, दिया अमन और शांति का संदेश
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
पत्थलगांव। पत्थलगांव में आज मुस्लिमों के पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब की पैदाइश के मौके पर गुरुवार को ईद-मिलाद-उन्नबी मनाई गई। साथ ही जुलूस निकालकर उनके पावन संदेशों का प्रसार किया गया। इसमें शामिल लोगों ने अमन और शांति का संदेश दिया। इस अवसर पर सभी के लिए अमन और चैन की दुआ मांगी गई। इस जुलूस में समुदाय के बच्चे से लेकर बूढ़े तक शरीक हुवे। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की मुस्तैदी भी रही।
विदित हो कि इस्लाम धर्म के संस्थापक पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन मुस्लिम समुदाय के द्वारा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इनके द्वारा अपने अपने क्षेत्रों के स्थानों में जुलूस निकाल शांति का संदेश दिया जाता है। हजरत मोहम्मद साहब दुनिया में अमन और भाईचारे का संदेश लेकर आए। उनके संदशों ने लाखों लोगों के विचारों और जीवन मूल्यों पर अभूतपूर्व प्रभाव डाला। उन्होंने पूरी दुनिया को मानवता का संदेश दिया। हजरत मोहम्मद साहब के संदेश हमेशा समाज को सच्चाई और नेकी के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
पैगंबर मुहम्मब को इस्लाम धर्म का मार्गदर्शक माना जाता है, यही कारण है उनके यौम एक पैदाइश का दिन मुसलमानों के लिए खास होता है। इस दिन को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी कहा जाता है,इस तरह से ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पर्व का मतलब ‘पैगंबर हजरत मुहम्मद’ के जन्म से है। मनाने की उत्पत्ति कैसे हुई इसका पता इस्लाम के शुरुआती दिनों से चलता है। जब लोग पैगंबर मुहम्मद के सम्मान में इकट्ठा होकर उनका जिक्र किया करते हैं। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का त्योहार तीसरे महीने में रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए आज का दिन बहुत ही खास है। क्योंकि यह दिन अल्लाह के दूत कहे जाने वाले पैगंबर मुहम्मद से जुड़ा हुआ है।
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी का महत्व
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी या ईद मिलादुन्नबी मुसलमानों और इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए बेहद खास दिन है। इस दिन को लोग खुशियों के साथ किसी उत्सव या जश्न की तरह मनाते हैं। कहा जाता है कि, इस्लामी दुनिया के निर्माण और मार्गदर्शन में पैगंबर मुहम्मद का बहुत बड़ा योगदान रहा है। इसी मुबारक दिन में अल्लाह ने पैगंबर मुहमम्द को जाहिलियत के अंधेरे से बाहर निकालने के लिए भेजा।
इस दिन लोग पूर्व से तैयारियां कर घर और मस्जिदों को सजाते हैं। तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं, घर और मस्जिदों में इस दिन रोनक देखने को मिलती है। लोग पैगंबर मुहम्मद साहब के बताए शांति, भाईचारे, प्रेम, अल्लाह की इबादत और सच्चाई के रास्ते चलने की सीख को याद करते हैं। पवित्र ग्रंथ कुरान की तिलावत पढ़ी जाती है और लोग एक दूसरे के गले लगकर ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की मुबारकबाद देते हैं। इस मुबारक दिन पर कई जगहों पर जुलूस भी निकाले जाते हैं, गरीब और जरूरमंदों को जकात दी जाती है।