गणपति अपने गांव चले हमको कैसे चैन पड़े, गानों की धुनों के साथ विदा हुवे गणपति बाप्पा, डीजे कि धुन, ढोल ताशे में थिरकते दिखे भक्त

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गणपति अपने गांव चले हमको कैसे चैन पड़े, गानों की धुनों के साथ विदा हुवे गणपति बाप्पा, डीजे कि धुन, ढोल ताशे में थिरकते दिखे भक्त

गणपति अपने गांव चले हमको कैसे चैन पड़े, गानों की धुनों के साथ विदा हुवे गणपति बाप्पा, डीजे कि धुन, ढोल ताशे में थिरकते दिखे भक्त




विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव

पत्थलगांव। गुरुवार अंनत चतुर्दशी को गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे,गणपति अपने गांव चले हमको कैसे चैन पड़े की धुनों के साथ पत्थलगांव के विभिन्न पंडालों में स्थापित किये गये भगवान गणेश को विदा किया। इसी क्रम में बिलाईटांगर मोहल्ले के दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में भी युवा समिति के द्वारा गणपति जी की स्थापना की गई थी। पिछले दस दिनों से घरों एवम पंडालों में विराजमान भगवान गणेश की प्रतिमा को भक्तों ने बड़े ही उत्साह के साथ शहर के पूरन तालाब, किलकिला मांड नदी में विसर्जित किया।






गणेश भगवान के विसर्जन को लेकर भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला। कोई ढोल की थाप पर तो कोई डीजे की धुन पर थिरकते हुए गुलाल हबिर चेहरे पर मले हुवे गणेश भगवान का विसर्जन करने पहुंचे। हर कोई भक्तिमय रंग में रंगा हुआ नजर आया। लोग गणेश भगवान को धूमधाम से अपने घरों से लेकर निकले और अपने अपने निश्चित स्थानों में विसर्जन किया।

बता दें कि 18 सितंबर गणेश गणेश चतुर्थी का शुभारंभ हुआ था। भक्तों ने भगवान गणेश को विधि-विधान पूजा करके अपने घरों एवम पंडालों में स्थापना की थी। अब 10 दिनों से जारी पूजा पाठ के बाद गुरुवार 28 सितंबर को अंनत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया गया। अंनत चतुदर्शी यह वह समय होता है जब भगवान गणेश की मूर्तियों को पवित्र जल में विसर्जित किया जाता है और लोग बप्पा की विदाई करते हैं। भक्तगण अपने परिवार के साथ खुशहाली से इस दिन प्रार्थना करते हैं और अगले साल गणेश चतुर्थी पर फिर से उनके घर आने का अनुरोध करते हैं।




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