विष्णु देव साय के मुख्यमंत्री बनते ही उनके गृह ग्राम बगिया में लगा कार्यकर्ताओं का हुजूम, देर शाम तक चला आतिशबाजी का दौर, माँ ने कहा बेटा करेगा चहुमुखी विकास
पंच से मुख्यमंत्री तक का सफर
जशपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के लिये नए मुख्यमंत्री चुनने सुबह से विधायकों की बैठक शुरू हो गई थी। दिल्ली से आए पर्यवेक्षक विधायकों से मुलाकात कर रहे थे। इसी बीच खबर आई कि अब किसी आदिवासी या ओबीसी फेस को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। इनमें विष्णुदेव साय से लेकर अरुण साव और ओपी चौधरी भी शामिल हो सकते है। चूंकि राज्य में लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग आदिवासी सीएम की थी जिसे देखते हुवे उच्चस्तर के नेताओं ने राज्य के लोगों के मांग को देखते हुवे विष्णु देव् साय के रूप में आदिवासी मुख्यमंत्री दिया है।
विष्णु साय का नाम आते ही जिले में एक खुशी की लहर देखने को मिली, जगह-जगह पटाखे फोड़े जा रहे थे। उनके घर में भी नाम सामने आते ही कार्यकर्ताओं का हुजूम देखने को मिला यहां भी देर शाम तक आतिशबाजी का दौरा जारी रहा। उनकी माता जसमनी देवी काफी खुश नजर आई उनका कहना है कि हमें पहले से ही उम्मीद थी कि हमारे बेटे को इस बार राज्य का मुख्यमंत्री का पद दिया जा सकता है और वह राज्य के साथ-साथ जिले का भी चहुमुखी विकास करेंगे। लोगों का भी कहना है की छत्तीसगढ़ राज्य में पहली बार भाजपा ने सरगुजा संभाग में किसी को इतना बड़ा दायित्व सौपा गया है जो हमारे लिए गौरव का विषय है। वहीं सीएम और उनके परिवार के सभी लोग इस समय रायपुर में हैं। उनके जशपुर जिले के बगिया स्थित घर पर उनकी माता जसमनी देवी और उनके भाई जयप्रकाश साय मौजूद हैं, उन्होंने सीएम बनने पर अपनी खुशी का इजहार किया है। वही सीएम बनते ही जशपुर जिले के आला पुलिस अधिकारी उनके निवास पहुंचकर उनकी सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम करते नजर आए।
बता दे कि जशपुर जिले के कुनकुरी विधानसभा से नव निर्वाचित विधायक विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री के रेस में सबसे आगे चल रहे है । जिले के ग्राम पंचायत बगिया गांव में पले बड़े विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को हुई उनका पिता रामप्रसाद साय माता का नाम जसमनी देवी है ।
विष्णुदेव साय के शिक्षा की बात करें तो उनका प्रारंभिक शिक्षा गांव के बगिया प्राथमिक स्कूल से हुई और आगे की पढ़ाई छठवीं से 11 वीं तक कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल में 1981 तक पढ़ाई की। इसके बाद चार भाइयो में सबसे बड़े विष्णुदेव पारिवारिक कारणों से आगे की पढ़ाई छोड़ दी और घर मे पिताजी के साथ खेती किसानी करने लगे। उस समय गांव में पढ़े लिखे होने कारण 1989 में वार्ड पंच बने फिर 1991 में बगिया पंचायत के निर्विरोध सरपँच निर्वाचित हुए. सरपँच बनते ही इन्हें तपकरा विधानसभा सीट से 1991 से 1998 तक भाजपा प्रत्याशी बनाया गया और पहली बार 26 साल की उम्र में तत्कालीन मध्यप्रदेश की विधानसभा में विधायक बनकर विधानसभा का सफर तय किए । इसके बाद 27 मई 1999 में सांसद का चुनाव निर्वाचित होकर 2014 तक सांसद रहे । इसके साथ ही 20014 से 2019 तक कैबिनेट में इस्पात खनन एवं श्रम रोजगार मंत्रालय में मंत्री रहे । 2020 से 2022 तक छग में प्रदेश अध्यक्ष की पद पर रहे। वही 2022 से विशेष आमंत्रित राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य के रूप में रहे । वही 2023 के विधानसभा चुनाव में कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को 25 हजार 787 मतों से पराजित कर पुनः विधायक बने । जहां छग में उनका मुख्यमंत्री के रेस में सबसे आगे चल रहा है ।
विष्णुदेव साय के प्रथम पुत्री निवृति साय के शादी जिला धमतरी फसरपानी में हुई है । वही दूसरी पुत्री स्मृति साय पीएससी का तैयारी रायपुर में कर रहे है । वही एकलौता पुत्र टोसेन्द्र देव साय फिलहाल रायपुर में कॉलेज की पढ़ाई कर रहे है ।