प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृहमंत्री की दूरदर्शी सोच का परिणाम हैं भारत के नवीन कानून : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

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प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृहमंत्री की दूरदर्शी सोच का परिणाम हैं भारत के नवीन कानून : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

 प्रधानमंत्री व केंद्रीय गृहमंत्री की दूरदर्शी सोच का परिणाम हैं भारत के नवीन कानून : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

देश के लिए अहम विषय है बेहतर न्याय व्यवस्थाः गृहमंत्री श्री विजय शर्मा

नवीन कानूनों के प्रस्तुतिकरण कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री

महिला सुरक्षा एवं न्याय की भावना पर आधारित हैं भारत के नवीन कानून



रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने भारत के तीन नवीन कानूनों को लेकर कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह की दूरदर्शी सोच की वजह से ही ये संभव हो पाया है। श्री साय ने कहा है कि आजादी के इतने वर्ष बाद भी हम अंग्रेजों के बनाए कानून का ही पालन कर रहे हैं जिसे बदलने का समय आ गया है। श्री साय ने कहा है कि समय के साथ परिवर्तन अनिवार्य है और देश, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में बेहतर परिवर्तन की ओर अग्रसर है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय कल रायपुर के पुराना पुलिस मुख्यालय में नवीन कानूनों के प्रावधानों के प्रस्तुतिकरण में शामिल हुए और कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस को आने वाले समय में संसाधनों की कमी नहीं होगी और प्राथमिकता के आधार पर छत्तीसगढ़ पुलिस को और सशक्त करेंगे।

नवीन कानूनों के प्रावधानों के प्रस्तुतिकरण के मौके पर राज्य के गृहमत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि बेहतर कानून व्यवस्था देश का एक अहम विषय है। उन्होंने नवीन कानूनों का जिक्र करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृहमंत्री के प्रयासों से ये संभव हो पाया है कि हमें अंग्रेजों के कानून से मुक्ति मिलने जा रही है। उन्होंने बताया कि नये कानून में मॉबलिंचिंग द्वारा हत्या के अपराध पर अधिकतम मृत्युदंड तक का प्रावधान किया गया है। भारतीय दंड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया। उन्होंने बताया कि भारतीय दण्ड संहिता की 511 धाराओं के स्थान पर अब 358 धाराएं हैं तथा 23 अध्याय के स्थान पर 20 अध्याय है। भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 को अधिसूचित किया गया है, जिसमें 484 धाराओं के स्थान पर 531 धाराएं एवं 37 अध्याय के स्थान पर 39 अध्याय है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1972 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अधिसूचित किया गया है, जिसमें 167 धाराओं के स्थान पर 170 धाराएं हैं एवं 11 अध्याय के स्थान पर 12 अध्याय है।

छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा ने मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री के समक्ष नवीन कानूनों के प्रावधानों की प्रस्तुति देते हुए भारतीय न्याय संहिता 2023, नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। श्री जुनेजा ने बताया कि नवीन कानून दंड देने की बजाए पीड़ित को न्याय देने की भावना के साथ तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पुराने कानून दंड पर आधारित हैं जबकि नए कानून महिला सुरक्षा एवं न्याय पर आधारित हैं।

नवीन कानूनों के प्रावधानों के प्रस्तुतिकरण के मौके पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, प्रमुख सचिव विधि श्री रजनीश श्रीवास्तव, एडीजीपी श्री विवेकानंद, एडीजीपी श्री अमित कुमार, वित्त सचिव श्री अंकित आनंद समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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