पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी की कार्रवाई पर किया सवाल खड़ा, लगाये गंभीर आरोप

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पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी की कार्रवाई पर किया सवाल खड़ा, लगाये गंभीर आरोप

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी की कार्रवाई पर किया सवाल खड़ा, लगाये गंभीर आरोप

शराब घोटाला केस से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में रद्द, ईडी का शर्मनाक राजनीतिक दुरुपयोग हुवा साबित और मोदी सरकार हुई बेनकाब



पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार को दिए गए फैसले से साबित हो गया है कि भाजपा के इशारे पर ईडी हर मामले को मनीलांड्रिंग का मामला बनाकर विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश रच रही है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में ईडी की कार्रवाई पर सवाल खड़ा किए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती सरकार के दौरान सामने आए कथित शराब घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह उजागर हो गया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) किस तरह से साजिश रच रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपनी टिप्पणी में कहा कि अपराध से कोई संपत्ति नहीं अर्जित की गई है। इस फैसले के बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से भूपेश बघेल ने कहा कि ईडी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को बदनाम करने और बीजेपी को राजनीतिक हथियार देने के लिए 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कथित शराब घोटाले में मामला दर्ज किया, "बीजेपी की केंद्र सरकार द्वारा लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने का यह षडयंत्र खुल गया है। यह सही समय है जब ईडी जैसी जांच एजेंसियों को भी समझना चाहिए कि उनकी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, वे किसी राजनीतिक खेल का हिस्सा न बने। बघेल ने कहा, "ईडी का शर्मनाक राजनीतिक दुरुपयोग साबित हुआ और मोदी सरकार बेनकाब हुई." है। 



भूपेश बघेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इशारे पर विपक्षी दलों को निशाना बना रही है। सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के पूर्व अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश के खिलाफ दर्ज धन शोधन का मामला सोमवार को रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर भूपेश बघेल ने कहा, "शीर्ष अदालत के आज के फैसले से साबित हो गया है कि ईडी बीजेपी के इशारे पर हर मामले को धन शोधन का मामला बनाकर विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश रच रही है" । उन्होंने कहा, "विधानसभा चुनाव के समय ईडी ने शराब घोटाले का मामला दर्ज किया और बीजेपी को चुनावी हथियार दिया। बीजेपी ने पूरे चुनाव में कांग्रेस की सरकार को बदनाम करने की कोशिश की, आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि बीजेपी सिर्फ झूठ फैला रही थी."। 

क्या था मामला :- पिछले साल जुलाई में, ईडी ने रायपुर की धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में कथित शराब घोटाला मामले में अभियोजन शिकायत (आरोपपत्र) दायर किया था, जिसमें दावा किया था कि कथित ‘शराब घोटाला' में 2161 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ। ईडी ने आरोपपत्र में कहा था कि आबकारी विभाग की मुख्य जिम्मेदारी शराब की आपूर्ति करना, जहरीली शराब की त्रासदियों को रोकने के लिए उपयोगकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण शराब आपूर्ति सुनिश्चित करना और राज्य के लिए राजस्व अर्जित करना है। ईडी ने दावा किया कि अनिल टुटेजा और उद्योगपति अनवर ढेबर के नेतृत्व वाले एक आपराधिक सिंडिकेट ने बड़ा घोटाला किया है।  इस गिरोह में राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह, राजनेता, उनके सहयोगी और आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं। इस साल की शुरुआत में छत्तीसगढ़ की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने भी कथित शराब घोटाले में 70 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। एसीबी-ईओडब्ल्यू ने पिछले सप्ताह अनवर ढेबर और भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारी अरविंद सिंह को कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। 


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