साथ मे मैनपाठ घूमने गये युवक युवतियां, वापस आने के बाद युवाओं पर दुष्कर्म का मामला दर्ज
युवक युवतियों में सोशल मीडिया हावी, युवाओं में बढ़ रहा खुलेपन की संस्कृति, दोनो की सहमति से बनते है शारिरिक सम्बंध
स्कूल कॉलेज के समय पर कई एकांत स्थानों पर देखे जा सकते है युवक युवतियां
आजकल आये दिन कुछ युवक युवतियों को आप स्कूल एवम कॉलेज के समय पर स्कूली ड्रेस या सिविल ड्रेस में एकांत स्थान पर कहीं ना कहीं बात करते घूमते फिरते आसानी से देखा जा सकता है। वही स्कूली कॉलेजों के युवक युवतियां दोनों आपस में मिलने एवम प्यार मोहब्बत के चक्कर में शादी कर एक दूसरे का साथ भाग जाना यह सब आम हो चला है।
ऐसे ही एक घटना कल सामने आई है जहां कुछ युवक युवतियां घूमने हेतु मैनपाट गए और रास्ते मे उनके साथ दुष्कर्म हो गया। युवतियों का आरोप है कि उन्हें नशीला पेय देने के कारण वे मदहोश हो गये जिसकी वजह से उनके साथ यह कांड हुवा। उसके पश्चात वापसी में 2 युवती को बस स्टैंड में उतार दिया गया और 1 युवक युवती को लेकर एक लॉज में रुका, बस स्टैंड में उतरी युवतियों ने अपने परिजनों को फोन पर पूरा मामला बताया। उनके परिजनों के आने के बाद पत्थलगांव पुलिस की मदद से उंस लॉज में रुके युवक युवती को संदिग्ध हालत में पकड़ा गया फिर अन्य युवको को भी पकड़ कर थाने लाया गया। जहां उनके साथ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पकड़े गये युवकों में 02 बालिग एवं 02 नाबालिग हैं। युवक युवतियों के आपसी सहमति के बिना क्या यह सम्भव है यह सोचने वाली बात है।
ऐसी घटनाओं में हम लड़कों को दोषी माने या लड़कियों को, क्योंकि आजकल के युवक युवतियां एक दूसरे के प्रति समर्पित भाव रखते हैं। पर वह एक क्षणिक होता है, कुछ मन मोटाव होने के बाद एक दूसरे से रिश्ता तोड़ देते हैं। देखा जाये तो कानून में लड़कियों को कुछ ऐसी छूट मिली है जिसकी वजह से अपने इस कानून का गलत उपयोग करने लगे है। देश के कई हाइकोर्ट के जजों ने ऐसे कई मामले में अच्छे फैसले दिये है। पूर्व में उत्तराखंड उच्च न्यायालय (HC) ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 के तहत बलात्कारी को दंडित करने वाले कानून का महिलाएं इन दिनों एक हथियार की तरह दुरुपयोग कर रही हैं।
पूर्व में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी एक टिप्पणी की थी
लड़कियां और महिलाएं अनुचित लाभ हासिल करने के लिए लड़के या पुरूष के साथ लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाती है और बाद में गलत तरीके से एफआईआर कराती हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि समय आ गया है कि कोर्ट को ऐसे जमानत आवेदनों पर विचार करते समय बहुत सतर्क रहना चाहिए। कानून पुरुषों के प्रति बहुत पक्षपाती है। एफआईआर में कोई भी बेबुनियाद आरोप लगाना और वर्तमान मामले की तरह किसी को भी ऐसे आरोपों में फंसाना बहुत आसान है।
लड़कियों में खुलेपन की संस्कृति बढ़ रही- न्यायालय
इसके अतिरिक्त न्यायालय ने कहा कि सोशल मीडिया, फिल्मों और टीवी शो का प्रभाव युवा लड़कों और लड़कियों द्वारा अपनाई जाने वाली खुलेपन की संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि जब ऐसा व्यवहार भारतीय पारिवारिक मूल्यों से टकराता है तो कभी-कभी परिणामस्वरूप झूठे मामले दर्ज किए जाते हैं।
ऐसे में युवकों को समाज में कुदृष्टि से देखा जाता है। वही कुछ लड़के लड़कियां घर वालों को बिना बताए स्कूल कॉलेज जाने के बहाने अपने प्रेमियों के साथ जंगल तो कहीं एकांत स्थान पर मिलने जाते है, और स्कूल कॉलेज की छुट्टी होने के समय पर घर वापस जाते है जिसकी वजह से इनके घरवालों को भी कुछ पता नही चलता, घर वाले भ्रम में रहते है कि वो कॉलेज स्कूल पढ़ने गये है। घरवालो को ऐसे हो रही घटनाओं से सबक लेने एवम पढ़ाई करने वाले युवक युवतियों को जागरूक रखने की जरूरत है।