छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में सीबीआई की जांच पर लगा प्रतिबंध हटाई, सबसे पहले बिरनपुर हत्या और पीएससी घोटाले की करेगी जांच

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छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में सीबीआई की जांच पर लगा प्रतिबंध हटाई, सबसे पहले बिरनपुर हत्या और पीएससी घोटाले की करेगी जांच

छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में सीबीआई की जांच पर लगा प्रतिबंध हटाई, सबसे पहले बिरनपुर हत्या और पीएससी घोटाले की करेगी जांच 



छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में सीबीआई की जांच पर लगा प्रतिबंध हटाने संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। पूर्ववर्ती भूपेश सरकार ने 10 जनवरी 2019 को प्रदेश में सीबीआइ के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इधर, प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद विष्णुदेव सरकार ने कांग्रेस सरकार की इस घोषणा को रद्द करते हुए सीबीआई को जांच के लिए अनुमति दी थी।

यह जांच एजेंसी सबसे पहले बिरनपुर हत्या और पीएससी घोटाले की जांच करेगी। गृह विभाग के उपसचिव डीपी कौशल द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। इसके मुताबिक छत्तीसगढ़ में सीबीआइ को जांच और छापेमारी करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आधिकारिक रूप से अनुमति मिल गई है। जारी अधिसूचना के अनुसार सीबीआइ राज्य की सीमा में कहीं भी कार्रवाई कर सकती है। इसे लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार का बड़ा कदम माना जा सकता है। केंद्रीय राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह की ओर से दिसंबर 2023 को दिए गए लिखित जवाब में कहा गया है कि पंजाब, झारखंड, केरल, बंगाल, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना, मेघालय व तमिलनाडु ने सीबीआई को पूर्व में दी गई सामान्य सहमति वापस ली है।

एसीबी ने केस सीबीआइ को किया ट्रांसफर

सीबीआइ को मिली जांच की अनुमति के बाद प्रदेश के दो चर्चित मामलों की जांच शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। बेमेतरा जिले के साजा थाना अंतर्गत बिरनपुर में हुए हत्याकांड की जांच जल्द शुरू होने की संभावना है। वहीं, छत्तीसगढ़ के चर्चित लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) भर्ती घोटाला की राज्य सरकार ने जांच करने की जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंप दी है। इस प्रकरण को ईओडब्ल्यू-एसीबी में दर्ज एफआइआर के साथ ही पीएससी घोटाले में दर्ज एक और एफआइआर को सीबीआइ को ट्रांसफर कर दिया गया है।

इन मामलों की हो चुकी है सीबीआइ जांच

सीबीआइ के राज्य में प्रवेश पर रोक से पहले 18 वर्षों में सीबीआइ छह से अधिक मामलों की जांच कर चुकी थी। इनमें जग्गी हत्याकांड, बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक, छुरा के पत्रकार उमेश राजपूत की हत्या, एसईसीएल कोल घोटाला, आइएएस बीएल अग्रवाल रिश्वत कांड, भिलाई का मैग्नीज कांड और पूर्व मंत्री राजेश मूणत की कथित अश्लील सीडी कांड आदि शामिल हैं।

इन मामलों की भी हो सकती है सीबीआइ जांच

प्रदेश से सीबीआइ के प्रवेश का रास्ता साफ होने के बाद चर्चा है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में हुए कोयला घोटाला, शराब घोटाला, महादेव एप सट्टा मामले की भी सीबीआइ जांच हो सकती है। हालांकि इन तीनों मामलों की जांच ईडी के साथ ही ईओडब्ल्यू, एसीबी कर रही है।



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