पीएम श्री योजना के तहत प्रदेश समेत देशभर के कई स्कूलों का किया गया चयन

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पीएम श्री योजना के तहत प्रदेश समेत देशभर के कई स्कूलों का किया गया चयन

पीएम श्री योजना के तहत प्रदेश समेत देशभर के कई स्कूलों का किया गया चयन

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देश भर के सरकारी स्कूलों को पीएम श्री योजना में किया जा रहा अपग्रेड

केंद्र सरकार की तरफ से की जाएगी फंडिंग, दी जायेगी तमाम सुविधाए, जिनकी स्कूल और बच्चों को होगी जरूरत



एजेंसी:-

केंद्र सरकार की तरफ से समाज के अलग-अलग वर्गों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जाती हैं। इन योजनाओं के तहत सरकार उन तमाम लोगों को अलग-अलग तरह से मदद पहुंचाती है। हालांकि कुछ योजनाओं का मकसद लोगों का नहीं बल्कि लोगों के काम आने वाले संस्थानों का विकास होता है। ऐसी ही एक योजना केंद्र सरकार की तरफ से चलाई जा रही है, जिसका नाम पीएम श्री योजना है। इस योजना से सरकारी स्कूलों और इनमें पढ़ने वाले लाखों छात्रों को फायदा मिलेगा। 

दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देश भर के 14500 सरकारी स्कूलों को पीएम श्री योजना में अपग्रेड किया जा रहा है। वहीं इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 211 स्कूलों को प्रथम चरण में अपग्रेड किया जाएगा, जिसमें एलीमेन्ट्री स्तर पर 193 और सेकेंडरी स्तर पर 18 स्कूल शामिल है। बता दें कि पीएम श्री योजना के तहत इन स्कूलों के विद्यार्थियों को आईसीटी, डिजिटल क्लास रूम और व्यावसायिक शिक्षा व स्थानीय उद्योगों के साथ इंटर्नशिप, उद्यमिता के अवसरों से जोड़ा जाएगा। चयनित शाला में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत प्रावधानित विभिन्न घटकों जैसे-भौतिक, अकादमिक, तकनीकी, अधोसंरचना के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विभिन्न संसाधन भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जाएंगे।

पीएम श्री योजना के तहत देशभर के कई स्कूलों का चयन किया जाएगा, जिन्हें केंद्र सरकार की तरफ से फंडिंग की जाएगी और इनमें तमाम वो सुविधाएं दी जाएंगी, जिनकी स्कूल और बच्चों को जरूरत होती है। इन स्कूलों में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, स्मार्ट क्लास और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सुविधाएं होंगीं। हर साल कई स्कूलों को इस योजना के तहत ऐसी मदद दी जा रही है। 

छत्‍तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राज्‍य के सरकारी स्‍कूलों का कायाकल्‍प करने के इरादे से स्‍वामी आत्‍मानंद स्‍कूल योजना शुरू की थी। इसके तहत पहले अंग्रेजी माध्‍यम के स्‍कूल खोले गए फिर हिंदी माध्‍यम के स्‍कूलों को भी स्‍वामी आत्‍मानंद योजना के तहत अपग्रेड किए गए। इन स्‍कूलों का काफी क्रेज है। एक दिन पहले जारी 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणामों में टापर्स की सूची में इन्‍हीं स्‍कूलों के बच्‍चे अधिक हैं। स्‍वामी आत्‍मानंद स्‍कूलों में पढ़ें बारहवीं में 7 और 10वीं के 21 बच्चे टॉप 10 की सूची में है। इस बीच प्रदेश की विष्‍णुदेव साय के नेतृत्‍व वाली बीजेपी सरकार ने राज्‍य के सरकारी स्‍कूलों को केंद्र की पीएम श्री स्‍कूल योजना में शामिल करने का फैसला किया है।

केंद्र सरकार की पीएम श्री योजना में शामिल होने वाले स्‍कूलों में स्‍वामी आत्‍मानंद स्‍कूल भी शामिल हैं। ऐसे में इन स्‍कूलों का नाम बदलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस हमलावर है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने एक्‍स पर पोस्‍ट किया है कि शासन द्वारा गुपचुप तरीके से प्रदेश के स्वामी आत्मानंद स्कूलों को “पीएम श्री” में बदलने की कवायद चल रही है। छत्तीसगढ़ में जन्मे एक संत और आध्यात्मिक व्यक्ति के नाम को भी ये हटाना चाहते हैं, इससे इनकी नियत ज़ाहिर होती है। सभी जनप्रितिनिधियों से अपील है कि इसका डटकर विरोध करें, छत्तीसगढ़ की पहचान को गुलाम होने से रोकें। प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की तरफ से भी इसको लेकर बयान जारी किया जा रहा है। अब इस मामले में सरकार की तरफ से सफाई आई है।

राज्‍य सरकार के आला अफसरों ने कहा कि पीएम श्री योजना में शामिल होने से किसी भी स्‍कूल के नाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। स्‍कूल का नाम नहीं बदला जाएगा, केवल उसके नाम के आगे पीएम श्री जोड़ जाएगा। जैसे पीएम श्री स्‍वामी आत्‍मानंद अंग्रेजी माध्‍यम स्‍कूल। अफसरों के अनुसार स्‍कूल के नाम के आगे पीएम श्री जोड़ने के साथ ही इस योजना का लोगो भी लगाया जाएगा।

चयनित शालाओं में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी पूर्ववत ही रहेंगे, विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया यथावत रहेगी। पढ़ाई का माध्यम एवं पाठ्यक्रम भी पूर्ववत ही रहेगा। सेजस विद्यालयों को इस योजना में शामिल हो जाने से केन्द्र सरकार से अतिरिक्त आर्थिक एवं भौतिक सुविधाएं प्राप्त होगी। इस योजना का लाभ भारत सरकार द्वारा निर्धारित मापदंड अनुरूप संचालित सभी शासकीय शालाएं जैसे-एकलव्य विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, कस्तुरबा विद्यालय, पोर्टाकेबिन विद्यालय आदि प्राप्त कर सकती है।

केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया है कि इस योजना को पांच साल के लिए शुरू किया गया है। 2026 तक ये योजना चलाई जा रही है। सबसे खास बात ये है कि इस योजना के तहत केंद्र सरकार 27 हजार करोड़ से भी ज्यादा पैसा खर्च कर रही है। अलग-अलग चरणों में स्कूलों का चयन होता है और फंड रिलीज किया जाता है। इस योजना के तहत सलेक्ट होने वाले स्कूलों को पीएम श्री स्कूल कहा जाता है। ऐसे तमाम स्कूलों की निगरानी के लिए जियो टैगिंग का इस्तेमाल किया जा रहा है।



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