छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन रहा हंगामेदार, भाजपा के दो नेता ही आपस मे भिड़े, हुई तीखी बहस

Breaking Posts

6/trending/recent
Type Here to Get Search Results !

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन रहा हंगामेदार, भाजपा के दो नेता ही आपस मे भिड़े, हुई तीखी बहस

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन रहा हंगामेदार, भाजपा के दो नेता ही आपस मे भिड़े, हुई तीखी बहस

छग सरकार से कानून व्यवस्था नहीं संभल रही, इन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए:- पूर्व सीएम भूपेश बघेल



रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब कुरूद से भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर अपनी ही पार्टी के नेता उप मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री विजय शर्मा से भिड़ गए। बता दें कि बलौदा बाजार की हिंसा को लेकर विपक्ष ने जहां सरकार पर हमला बोला वहीं, बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर और डेप्युटी सीएम विजय शर्मा के बीच भी जमकर बहस हुई। बीजेपी विधायक ने किसान की मौत का मुद्दा उठाया था जिसका जवाब गृहमंत्री ने दिया लेकिन विधायक जवाब से संतुष्ट नहीं हुए जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई। दरअसल, करूद विधानसभा सीट से विधायक अजय चंद्राकर और बीजेपी विधायक भावना बोहरा ने ध्यानाकर्षण में कबीरधाम जिले के बिरकोना गांव में किसान की मौत का मुद्दा उठाया।

इसी मुद्दे को लेकर बीजेपी विधायक और डेप्युटी सीएम के साथ गृह मंत्रालय संभाल रहे विजय शर्मा के बीच तीखी बहस देखने को मिली। विधायक ने कहा कि किसान के शरीर पर चोट के निशान थे लेकिन पुलिस की केस डायरी में इसे आत्महत्या बताया गया।

विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया था। इसआईटी को पूरे मामले में 7 दिनों में रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन 37 दिन बीत गए और पूरे मामले में रिपोर्ट पेश नहीं की गई। विधायक ने एसआईटी के गठन पर सवाल उठाए। चंद्राकर ने जांच का प्रभावित करने की आशंका जताते हुए कहा कि पिपरिया थाना स्टॉफ को पूरी तरह बदल देना चाहिए। हालांकि गृह मंत्री विजय शर्मा ने अजय चंद्राकर की मांग को अस्वीकार कर दिया। हंगामा एवं शोरशराबे को देखते हुए सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। 

विधायक भावना बोहरा ने कहा कि कोमल साहू की मृत्यु को उसके परिजन हत्या बता रहे हैं। इसकी दृष्टि से पूरी मामले की जांच कराई जानी चाहिए। गृह मंत्रालय ने जांच के लिए एसआईटी का गठन करने का निर्देश दिया था। साथ ही सात दिन के भीतर इसकी रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे, लेकिन जांच में देरी से परिवार असहज है। इसलिए मामले की जल्द से जल्द हत्या के एंगल से जांच कराई जानी चाहिए। पुलिस जांच में हादसे को आत्महत्या बताया जा रहा है। यदि यह आत्महत्या है तो इसमें उकसाए जाने की भी जांच होनी चाहिए।

विधायक के सवाल पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। किसान की पीएम रिपोर्ट में कहीं भी चोट के निशान का जिक्र नहीं है। वहीं, अधिकारी को हटाने के सवाल पर विजय शर्मा ने कहा- इस मामले में जिसने पहले जांच की थी उस अधिकारी को पिपरिया थाने से हटा दिया जाएगा।

वहीं, विपक्ष ने भी सरकार को घेरने की कोशिश की। पहले दिन सदन में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने बालौदा बाजार हिंसा को लेकर सरकार पर हमला बोला। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार से कानून व्यवस्था नहीं संभल रही है। इन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। भूपेश बघेल ने कहा कि बलौदा बाजार मामले में हम चर्चा करना चाहते हैं लेकिन सरकार चर्चा से भाग रही है।




Top Post Ad


 

Below Post Ad

Ads Bottom