मोदी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और यौन उत्पीड़न की शिकायतों के समाधान के लिए केंद्रीकृत मंच की कि शुरुआत
कार्यस्थलों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने हेतु नये शी-बॉक्स पोर्टल हुआ शुरू
एजेंसी/दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए गुरुवार (29 अगस्त) को एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म शी-बॉक्स पोर्टल लॉन्च किया है। शी-बॉक्स पोर्टल को यौन उत्पीड़न की शिकायतों और उनके प्रबंधन के लिए डिजाइन किया गया है। जिससे यौन उत्पीड़न की शिकायतों का समाधान और प्रबंधन करके महिलाओं के लिए कार्यस्थलों को सुरक्षित बनाने के लिये तैयार किया गया है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार की तरफ से ये महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम में मंत्रालय की नई वेबसाइट की भी शुरुआत की गई। मंत्रालय ने कहा कि 'शी-बॉक्स' पोर्टल कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण प्रगति है। मंत्रालय ने कहा कि यह पोर्टल देशभर में आंतरिक समितियों और स्थानीय समितियों से संबंधित सूचनाओं के लिए एक केंद्रीकृत भंडार के रूप में कार्य करेगा, जिसमें सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र शामिल होंगे।
दरअसल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार 2047 तक “विकसित भारत” के लिए प्रतिबद्ध है। इसे प्राप्त करने के लिए सरकार ने पिछले दशक में वीमेन-लेड-डिवेलपमेंट पर महत्वपूर्ण जोर दिया है और समावेशी आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में महिलाओं के नेतृत्व की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी है। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए इस पहल का एक मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कार्यस्थल सुरक्षित और संरक्षित हों, जिससे महिलाएं आगे बढ़ सकें और सफल हो सकें।
महिलाओं की शिकायत के लिए "शी-बॉक्स" की शुरुआत
यह पोर्टल महिलाओं को शिकायत दर्ज करने, उनकी स्थिति पर निगरानी रखने तथा यह सुनिश्चित करने में सहायता करेगा कि शिकायतों का समय पर निपटान हो। बयान में कहा गया है कि इसमें शिकायतों की वास्तविक समय पर निगरानी के लिए एक नामित नोडल अधिकारी भी शामिल है, जिससे एक सुव्यवस्थित और सुनिश्चित निवारण प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके। जो यह सुनिश्चित करेगा कि महिला को न्याय मिल सके। अन्नपूर्णा देवी ने इस मौके पर महिलाओं के लिए कार्यस्थल के माहौल को अधिक सुरक्षित और समावेशी बनाने में इस पहल के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह पहल कार्यस्थल से संबंधित यौन उत्पीड़न की शिकायतों का समाधान करने के लिए पहले से अधिक कुशल और सुरक्षित मंच उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सम्पूर्ण भारत में महिलाओं के लिए सुरक्षित और अधिक समावेशी कामकाज का वातावरण बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाता है।’’
आरजी कर अस्पताल रेप मामले के बाद शुरू हुई बहस
बता दें कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर संग हुई रेप और मर्डर की घटना के बाद से देश में आक्रोश का माहौल है। 9 अगस्त की सुबह 3-4 बजे के बीच मेडिकल कॉलेज के ही सेमिनार हॉल में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। इस घटना के बाद वर्क स्पेस पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठने लगे। इसी के बाद से अब देशभर में वर्क स्पेस पर महिलाओं के काम करने और उनकी सुरक्षा को लेकर तमाम सवाल उठने लगे थे। ऐसे में अब अलग-अलग राज्यों में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार द्वारा तमाम प्रयास भी किए जा रहे हैं।