छत्तीसगढ़ में सुंदरीकरण के नाम पर पेड़ों की रंगाई करने वालों की अब खैर नहीं, ऐसे लोगों पर की जायेगी कार्रवाई,
प्रदेश के समस्त कलेक्टरों को इस सम्बंध में आदेश जारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में सुंदरीकरण के नाम पर पेड़ों की रंगाई करने वालों की अब खैर नहीं है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि पेड़ों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश की सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है। इसलिए यदि पेड़ों में पेंटिंग और रंग रोगन करने जैसी योजनाओं पर आप काम करते हैं, तो सावधान हो जाइए।पेड़ों के तनों में पेंट करने से विभिन्न प्रकार के रासायनिक पदार्थ छालों के माध्यम से अंदर चले जाते हैं और पेड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। आवास एवं पर्यावरण विभाग के मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर शासन के मंत्रालय स्थित समस्त विभागों और प्रदेश के सभी कलेक्टरों को इस संबंध में आदेश जारी किया है।
सौंदर्यीकरण के नाम पर पेड़ों के तनों पर पेंटिंग करना पाया गया तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। छत्तीसगढ़ शासन आवास एवं पर्यावरण विभाग ने शासन के मंत्रालय स्थित सभी विभागों और प्रदेश के सभी कलेक्टरों को आदेश जारी किया है। इसमें स्पष्ट लिखा गया है कि सौंदर्यीकरण के नाम से पेड़ों के तनों पर पेंटिंग न किया जाए और पेड़ों पर पेंटिंग करने के मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिया गया। पेड़ों पर पेंटिंग करने का एक मामला बलौदा बाजार जिले से आया था।
गौरतलब है कि विभिन्न नगरीय निकायों द्वारा पेड़ों पर पेंटिंग करने की शिकायत सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने 2019 और 2021 में मुख्य सचिव से की थी। साथ ही सभी संबंधित विभागों को उचित निर्देश जारी करने की मांग की थी। लेकिन सिर्फ नगरी प्रशासन और विकास विभाग ने नगर पालिक निगमों के आयुक्तों और मुख्य न्यायपालिका अधिकारियों, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत को आदेश जारी किए थे। दूसरे अन्य विभागों को आदेश जारी नहीं किए जाने के कारण दूसरे विभाग सौंदर्यीकरण के नाम से पेंटिंग का कार्य कर रहे थे।
नितिन ने बताया कि सिरपुर महोत्सव 2024 में साडा द्वारा सड़क के दोनों तरफ लगभग 75 से ज्यादा पेड़ों के तनों पर पेंटिंग करने की शिकायत उन्होंने फिर मुख्य सचिव से की। इस पर मांग की कि आवास और पर्यावरण विभाग को निर्देशित किया जाए कि वह सभी विभागों को भविष्य में पेड़ों में पेंटिंग न करने के निर्देश दें।
सिंघवी ने शासन की संवेदनशीलता पर धन्यवाद देते हुए बताया कि पेड़ों को तने में अपनी छाल के माध्यम से गैसों (जैसे ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड) का आदान-प्रदान करने की आवश्यकता होती है। पर्यावरणविद् प्रोफेसर शम्स परवेज का कहना है कि पेड़ों को रंगना बिल्कुल गलत है। इसके चलते तनों से ऑक्सीजन-कार्बनडाई ऑक्साइड की प्रक्रिया बाधित होती है। इसके अलावा तनों में जड़ से पानी की सप्लाई भी नहीं हो पाती है। तनों के छिद्रों को पेंट अवरुद्ध करता है, जिससे यह क्रिया बाधित होती है। पेड़ों के विकास के लिए छाल को लचीला होना चाहिए। पेंट, पेड़ की बढ़ने और फैलने की क्षमता को बाधित करते है, विकास के लिए छाल को लचीला होना चाहिए, और पेंट इस लचीलेपन को रोकता है।
कुछ पेंट में ऐसे रसायन होते हैं, जो पेड़ों के लिए जहरीले होते हैं, ये रसायन छाल में घुस सकते हैं और पेड़ की आंतरिक प्रणालियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पेंट, छाल को अधिक गर्मी बनाए रखने का कारण बन सकता है, जो पेड़ को नुकसान पहुंचा सकता है। खासकर गर्म जलवायु में, रासायनिक मटेरियल तनों की छालों के माध्यम से अंदर चले जाते हैं जिससे उनके टिशु (ऊतक) और सेल (कोशिकाएं) की मृत्यु के कारण बनते हैं।
शासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में पेड़ों पर पेंटिंग करने की किसी भी घटना पर सख्त निगरानी रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश राज्य में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और पेड़ों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।