तोता और पक्षी पालने वालों के लिए अच्छी खबर:- वन विभाग ने अपने ही आदेश को किया स्थगित
तोता और पक्षी पालने वालों के लिए अच्छी खबर है। वन विभाग ने अपने ही आदेश को रद्द कर दिया है। इससे पहले वन विभाग की तरफ से कड़ा निर्देश जारी किया गया था, जिसके तहत तोता और संरक्षित पक्षियों को पालने या घर में रखने पर कार्रवाई का निर्देश जारी किया गया था। कहा गया है कि, फिलहाल तोते पालने पर छत्तीसगढ़ में कोई रोक नहीं है। इस आदेश के वापस लेने के बाद, छत्तीसगढ़ में तोते पालने के शौकीनों को फिलहाल किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
दरअसल बुधवार को कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ ने अपने 23 अगस्त को रायपुर जिला सहित प्रदेश में कानूनन संरक्षण पाए तोतों एवं अन्य पक्षियों के धडल्ले से बिक्री के संबंध में कार्यवाही के निर्देश जारी किए थे। अपने इसी आदेश में संशोधन करते हुए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संरक्षण) छत्तीसगढ़ अटल नगर, रायपुर ने सभी मुख्य वन संरक्षक एवं वनमण्डालधिकारी को पत्र भेजा है।
भेजे गए पत्र के मुताबिक, प्रतिबंधित संरक्षण पाए गए वन पक्षियों की धड़ल्ले से हो रही बिक्री के संबंध में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2022 के तहत वर्तमान में हो रही खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध हेतु आवश्यक कार्यवाही किया जाना है। परन्तु तोतों एवं अन्य पक्षी जो घरों में पाले गए है, उनके संबंध में इस कार्यालय द्वारा 23 अगस्त के तहत जारी निर्देशों पर भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली एवं वन्यप्राणी प्रभाग से आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन लिए जाने तक कार्यवाही स्थगित रखा जाएगा।
भारतीय तोते (पैराकेट्स) को घरों में पालतू जानवर के रूप में रखना गैरकानूनी है। भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कई पक्षियों को पालतू बनाना अवैध घोषित किया गया है, जिसमें तोते भी शामिल हैं।
वन्यजीव संरक्षण कानूनों के उल्लंघन के लिए दोषी पाए जाने पर तीन साल की सजा और 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। विदेशी तोता सहित अन्य विदेशी पक्षी घरों में रखे जा सकते हैं, लेकिन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है।