बहनें राखी, रोली, चावल के दाने, मिठाई और दीपक के साथ तो भाई उन्हें प्यार स्वरूप उपहार देकर आज मनायेंगे रक्षाबंधन का प्यारा त्यौहार
इस बार भद्रा के कारण दोपहर बाद सजेगी भाइयों की कलाई
आज भाई बहन के प्रेम के प्रतीक का पर्व रक्षाबंधन पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। देश के साथ साथ छत्तीसगढ़ में भी रक्षाबंधन की धूम मची हुई है। भाई-बहनों ने एक दिन पहले ही इसकी सारी तैयारियां कर ली हैं। बहनों ने जहां भाइयों के लिए स्पेशल राखी खरीद ली हैं, तो वहीं भाइयों ने भी उनके लिए स्पेशल गिफ्ट खरीद लिए हैं। यह त्योहार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है।
भारतीय संस्कृति में राखी का त्योहार बहुत महत्व रखता है, जो कि भाई-बहन के बीच प्यार, स्नेह और बंधन का प्रतीक होता है। इस दिन की शुरुआत बहनों और भाइयों द्वारा पारंपरिक पोशाक पहनकर की जाती है। बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र और सफलता की कामना करती है। इस दौरान उसका भाई जीवन भर उसकी रक्षा करने का वादा करता है।
वहीं रक्षाबंधन में राखी की थाली का विशेष महत्व होता है। इस दिन को सभी परिवारों में अलग-अलग मान्यताओं और प्रेम की भावनाओं के साथ मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई को राखी बांधने से पहले पूजा की थाली सजाती हैं। थाली में रोली, अक्षत, चंदन, दीपक, राखी और मिठाई आदि रखती हैं। रक्षाबंधन को लेकर ऐसी मान्यता है कि पहली राखी भगवान को समर्पित की जाती है। ऐसे में इस दिन बहनें सबसे पहले भगवान को राखी अर्पित करें। उसके बाद ही भाई को राखी बांधें और भाई के लंबी उम्र की कामना भी करें।
विद्वानों की माने तो इस साल का राखी का पर्व सभी के लिए लाभ से भरा हुआ है। इस दिन सावन माह का आखिरी सोमवार और पूर्णिमा भी है। इस समय सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग भी बनेगा।
इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ के साथ भद्रा की शुरुआत होगी जो दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा, लेकिन इसका प्रभाव दोपहर के 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस दौरान रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया जाएगा। इस कारण इस बार रक्षाबंधन दोपहर बाद मनाया जाएगा। भद्रा के कारण राखी बांधने का मुहूर्त दोपहर में नहीं है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 01:30 से रात्रि 09:07 तक रहेगा। कुल मिलाकर शुभ मुहूर्त 07 घंटे 37 मिनट का रहेगा।
सर्वार्थ सिद्धि योग: प्रात: 5 बजकर 53 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक, रवि योग: प्रात: 5 बजकर 53 मिनट से 8 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।