छत्तीसगढ़ पुलिस को मिला राष्ट्रपति का पुलिस ध्वज सम्मान, 25 वर्षों की अनुकरणीय सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक

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छत्तीसगढ़ पुलिस को मिला राष्ट्रपति का पुलिस ध्वज सम्मान, 25 वर्षों की अनुकरणीय सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक

छत्तीसगढ़ पुलिस को मिला राष्ट्रपति का पुलिस ध्वज सम्मान, 25 वर्षों की अनुकरणीय सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक

छत्तीसगढ़ को सम्मान दिए जाने के बाद चुनिंदा 12 राज्यों में हो जायेगा शुमार



रायपुर।  छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए यह एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण है, जब उन्हें ‘राष्ट्रपति का पुलिस ध्वज’ प्रदान किए जाने की स्वीकृति प्राप्त हुई है। यह विशेष ध्वज देश के चुनिंदा राज्यों की पुलिस इकाइयों को दिया जाता है, जो 25 वर्षों की अनुकरणीय सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ को सम्मान दिए जाने के बाद वह उन चुनिंदा 12 राज्यों में शुमार हो जाएगा।छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सल मोर्चे पर साहस और दृढ़ता के साथ कठिन चुनौतियों का सामना करते हुए यह सम्मान अर्जित किया है, जो उनकी उत्कृष्ट सेवा का प्रमाण है।

    इस सम्मान के साथ, पुलिस बल के जवान इस ध्वज की प्रतिकृति को अपनी वर्दी पर प्रतीक चिन्ह के रूप में धारण करेंगे, जो उनके शौर्य और सेवा का प्रतीक होगा। राष्ट्रपति ध्वज किसी भी पुलिस या सैन्य बल के लिए सर्वोच्च मान्यता मानी जाती है और यह छत्तीसगढ़ पुलिस की निष्ठा, कर्तव्यपरायणता और परिश्रम की राष्ट्रीय स्तर पर सराहना को दर्शाता है। पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी राज्य की ओर से यह सम्मान प्राप्त करेंगे। समारोह के दौरान पारंपरिक परेड होगी। सर्वधर्म पाठ का आयोजन भी किया जाएगा। 25 को रायपुर दौरे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यह सम्मान सौंपेगी। सरकार ने 16 फरवरी 2018 को गृह विभाग के माध्यम से यह प्रस्ताव भेजा था।

    छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “यह सम्मान छत्तीसगढ़ पुलिस के साहस, अनुशासन और देशभक्ति का प्रमाण है। हमारे जवानों ने विपरीत परिस्थितियों में भी नक्सलियों के खिलाफ सफलता प्राप्त की है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। यह ध्वज हमारे पुलिस बल के हौसले को और भी ऊंचा करेगा , उन्हें राज्य की सुरक्षा और सेवा के लिए और प्रेरित करेगा।” मुख्यमंत्री साय ने पुलिस बल को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान केवल एक ध्वज नहीं, बल्कि उन बहादुर जवानों के प्रति एक आदर है जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना राज्य की शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने छत्तीसगढ़ की जनता को भी गर्व का अवसर प्रदान किया है, जो राज्य की पुलिस की सेवा और समर्पण का सम्मान करती है।

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