01 अप्रेल 2019 से पूर्व पंजीकृत प्रत्येक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाया जाना अनिवार्य
सबसे पहले जानते हैं हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट क्या है?
क्या है इसकी खासियत और कैसे है लाभकारी?
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य में दिनांक 01 अप्रेल 2019 के पूर्व पंजीकृत वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (एचएसआरपी) योजना प्रारंभ हुई हैं। माननीय सर्वाेच्च न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा (एचएसआरपी) के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों, केन्द्रीय मोटरयान अधिनियम 1988 एवं केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के प्रावधानों, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य में दिनाक 01 अप्रेल 2019 के पूर्व पंजीकृत प्रत्येक वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (एचएसआरपी) लगाया जाना अनिवार्य किया गया है। जिसे लागू कर प्रक्रिया प्रारंभ किया जा चुका है।
अब वाहन स्वामी विभागीय वेबसाइट
https://cgtransport.gov.in/
के माध्यम से सीधे आवेदन कर सकते है। इस संबंध में विभाग द्वारा दो वेंडर क्रमशः मेसस रीयल मेजॉन इंडिया लिमिटेड एवं मेसस रॉस्मेर्टा सेफ्टी सिस्टम्स लिमिटेड को निर्धारित दर पर एचएसआरपी लगाने के लिए अधिकृत किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के सभी परिवहन कार्यालयों को जोन अनुसार वर्गीकृत किया गया है जहां हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह लगाने की कार्यवाही की जायेगी।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह काम निर्धारित दर अनुसार मोटर वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण प्लेट लगाने की कार्यवाही का भुगतान केवल डिजिटल मोड के माध्यम से किए जाएंगे आटोमोबाइल डीलरों द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में 01 अप्रेल 2019 के पूर्व पंजीकृत मोटरवाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह (आवश्यक तीत्तरी पंजीकरण प्लेट सहित) प्रत्येक इंस्टालेशन हेतु एक सौ रूपए अतिरिक्त चार्ज के साथ लगाया जावेगा। घर पहुंच सेवा हेतु अतिरक्त राशि देय होगा ।
सबसे पहले जानते हैं हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट क्या है?
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) एल्यूमीनियम से बनी एक नंबर प्लेट होती है। इन्हें कम से कम वन टाइम यूज्ड स्नैप-ऑन लॉक के जरिए गाड़ी के फ्रंट और बैक में लगाया जाता है। स्नैप-ऑन लॉक का फायदा यह है कि इन्हें न तो आसानी से गाड़ी से हटाया जा सकता है और न ही एक बार हटाने के बाद दूसरी नंबर प्लेट लगाई जा सकती है।
नियम के अनुसार, अलग-अलग कैटेगरी की गाड़ी में अलग-अलग साइज की नंबर प्लेट होती है। गाड़ी के हिसाब से प्लेट का साइज 280x45, 200x100, 340x200 और 500x120 होता है। गाड़ी के फ्रंट और रियर प्लेट का साइज अलग हो सकता है। इसकी मोटाई 1mm होती है।
HSRP में लिखे अंकों, अक्षरों और बॉर्डर पर एक हॉट-स्टैंप वाली फिल्म लगाई जाती है। इसमें 45 डिग्री के एंगल पर ‘INDIA’ लिखा होता है। प्लेट पर अंक और अक्षर का साइज 10mm और एक खास फॉन्ट होता है। इन्हें खास तरीके से प्रेस कर लिखा जाता है, जो हमेशा के लिए उभर आते हैं।
इस नंबर प्लेट का कलर व्हीकल की कैटेगरी के अनुसार- वाइट, यलो और ग्रीन होता है। ये कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाइट पड़ने पर अंक और अक्षर चमक उठते हैं। इससे ये CCTV कैमरे में आसानी से कैप्चर हो जाते हैं।
प्लेट में ऊपर बाएं कोने पर नीले रंग में अशोक चक्र का हॉट-स्टैंप्ड क्रोमियम बेस्ड 20X20mm होलोग्राम होता है। इसके नीचे बाएं कोने पर 10 अंक का सीक्रेट कोड (पिन) लेजर से लिखा होता है, जो यूनिवर्सल होता है। यानी एक प्लेट पर नंबर सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है। ये नंबर एक ही गाड़ी के फ्रंट और रियर नंबर प्लेट में अलग-अलग होता है।
इस सीक्रेट कोड में गाड़ी से जुड़ी सारी डिटेल्स जैसे- चेसिस और इंजन नंबर, परचेजिंग डेट, गाड़ी का मॉडल, डीलर और रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी आदि होता है। कार में ये दोनों कोड कलर कोटेड स्टीकर पर भी लिखे होते हैं, जिसे विंडशील्ड पर लगाया जाता है।
क्या है इसकी खासियत और कैसे है लाभकारी?
इसे ऐसे समझिए अगर कभी कहीं कोई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाए तो वाहन पर लगी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट से वाहन के मालिक समेत तमाम जरूरी जानकारी मिल जाती है। इससे वाहन सवार के परिजनों तक जानकारी पहुंचाई जा सकती है।
अगर यह प्लेट एक बार टूट जाए तो फिर इसे जोड़ा नहीं जा सकता है। कोई भी इस प्लेट को कॉपी कर के नकली प्लेट नहीं बना सकता है। प्लेट के चोरी होने या दूसरे वाहन में दुरुपयोग होने की आशंका बहुत कम हो जाती है, जोकि आपके वाहन की सुरक्षा के लिए जरूरी है।