अब जमीन की रजिस्ट्री में पेड़ का नहीं होगा मूल्यांकन, शुल्क अदा कर घर बैठे करा सकेंगे रजिस्ट्री, जाने और क्या-क्या मिलेगा छूट
रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब रजिस्ट्री शुल्क के साथ पटवारी के पास चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे, इससे मुक्ति मिल जाएगी। जी हाँ रजिस्ट्री में भूमि पर वृक्ष का मूल्यांकन नहीं होगा, राज्य सरकार ने लोगों को वृक्षों वाली भूमि के कारण रजिस्ट्री में होने वाली परेशानी से बचाने के लिए नया आदेश जारी किया है।
बता दें कि अब तक भूमि पर लगे वृक्ष का भी रजिस्ट्री के दौरान हिसाब देना होता था। इसमें सागौन, सरई जैसे मूल्यवान लकड़ियों के पेड़ों के लिए दर निर्धारित थी, जो भूमि के गाइडलाइन रेट में जुड़ जाती थी। जिसकी वजह से रजिस्ट्री शुल्क में वृद्धि तो होती ही थी, लेकिन उससे ज्यादा परेशानी पटवारियों के पास बिना वृक्ष की भूमि के प्रमाणपत्र बनाने में होती थी। पटवारी इस छोटी सी कवायद के लिए बार-बार चक्कर लगाते थे, और आखिर में लेन-देन से ही बात बनती थी।
500 रुपये में होगी संपत्ति की रजिस्ट्री
वहीं सरकार ने भूमि स्वामियों और सम्पत्ति मालिकों के लिए राहत भरा फ़ैसला किया। सरकार द्वारा जारी राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार पारिवारिक सदस्यों के आपस में हक त्याग पर मात्र 500 रुपये देकर सम्पत्ति की रजिस्ट्री हो जायेगी। वहीं परिवार से बाहर किसी व्यक्ति के हित में सम्पत्ति का हक़ त्यागने पर गाइडलाइन के अनुसार 4 प्रतिशत की राशि देय होगी। पहले पारिवारिक बंटवारे की ज़मीन की रजिस्ट्री पर गाइडलाइन रेट पर 1.5 प्रतिशत की राशि देय होती थी। नई व्यवस्था में 25000 रुपये देकर घर जाकर रजिस्ट्री का प्रावधान किया गया है ये प्रावधान पहले केवल मेडिकल ग्राउण्ड पर ही संभव था।
शुल्क अदा कर घर बैठे करा सकेंगे रजिस्ट्री
अब क्रेता-विक्रेता यदि एक ही स्थान पर हैं और 25000 रुपये का शुल्क अदा कर घर बैठे रजिस्ट्री करा सकेंगें। वहीं क्रेता-विक्रेता 15000 रुपये देकर स्पेशल टाइम स्लॉट पर रजिस्ट्री करा सकेंगें।