जिस युवती के पिता को नक्सलियों ने मार डाला उस अनाथ का सहारा बना सीआरपीएफ का जवान, थामा हाथ और लिये सात फेरे

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जिस युवती के पिता को नक्सलियों ने मार डाला उस अनाथ का सहारा बना सीआरपीएफ का जवान, थामा हाथ और लिये सात फेरे

जिस युवती के पिता को नक्सलियों ने मार डाला उस अनाथ का सहारा बना सीआरपीएफ का जवान, थामा हाथ और लिये सात फेरे

शादी की हो रही क्षेत्र में चर्चा, नक्सल पीड़ित लोग जिंदगी की नई शुरुआत करने की तरफ बढ़ रहे आगे



दंतेवाड़ा। जिले में एक अनोखी शादी देखने को मिली । जहां नक्सल पीड़िता और हिड़मा के जंगल में तैनात जवान ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में सात फेरे लेकर शादी के बंधन में बंध गए। अब इस शादी की क्षेत्र में चर्चा हो रही है।

दरअसल दंतेवाड़ा के मेढ़का डोबरा मैदान में जिलेभर के 220 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे, जिसमें सीआरपीएफ जवान और नक्सल पीड़ित युवती लक्ष्मी ने भी सात फेरे लिए। बता दें कि नक्सलियों के इरादे इस इलाके में कमजोर पड़ रहे हैं। नक्सल पीड़ित लोग जिंदगी की नई शुरुआत करने की तरफ बढ़ रहे हैं। 

यह युवती नक्सली हमले की पीड़िता है जबकि लड़का सुरक्षा बल का जवान। जवान दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के तैनात है। जवान की पोस्टिंग पूर्वर्ती गांव में है। यह गांव हार्ड कोर नक्सली हिड़मा का गांव है।

दरअसल शुक्रवार को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत विवाह कार्यक्रम का आयोजन हुआ। यहां सीआरपीएफ के जवान ने भी नक्सल पीड़ित युवती के साथ सात फेरे लिए। इन दोनों का विवाह क्षेत्र में सबसे ज़्यादा चर्चा का विषय बना। जवान छुट्टी लेकर दंतेवाड़ा आया था। जहां उसने नक्सल पीड़ित युवती के साथ सात फेरे लिए। लड़की का नाम लक्ष्मी है। वह कटेकल्याण ब्लॉक के नक्सल प्रभावित गांव महारकरका की रहने वाली है। जबकि सीआरपीएफ जवान भी दंतेवाड़ा जिले का रहने वाला है।

दंतेवाड़ा जिले के दूरस्थ क्षेत्र में यह सामूहिक कन्या विवाह में आज 220 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधकर गृहस्थ जीवन में कदम रख रहे हैं। यह सब राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से फलीभूत हुआ है, जो सरकार की गरीब परिवारों की सेवा करने की कटिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कर्मचारी भी बधाई के पात्र है जिन्होंने विभिन्न ग्रामों पारा, टोले, मोहल्लों से विवाह योग्य युवक-युवतियों का पंजीयन कर सामूहिक विवाह से लाभान्वित किया।

2018 में लक्ष्मी के पिता को नक्सलियों ने मार डाला था। कुछ समय के बाद लक्ष्मी के मां की भी मौत हो गई थी। लक्ष्मी ने कहा कि उसे गर्व है कि उसकी शादी जिससे हुई है वह देश की सुरक्षा में तैनात है। वधु लक्ष्मी अनाथ है। ऐसे में उसका कन्यादान पंचायत के सचिव ने किया। वधु को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 35000 हजार रुपये का लाभ मिलेगा।



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