छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव बैलट पेपर से, evm का नही होगा इस्तेमाल, चुनाव आयोग की तरफ से तैयारी शुरू

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छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव बैलट पेपर से, evm का नही होगा इस्तेमाल, चुनाव आयोग की तरफ से तैयारी शुरू

छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव बैलट पेपर से, evm का नही होगा इस्तेमाल, चुनाव आयोग की तरफ से तैयारी शुरू 

बोर्ड एग्जाम से पहले नगरीय निकाय चुनाव को पूरा कर लिया जायेगा



रायपुर। छत्तीसगढ़ में आगामी नगरीय निकाय चुनाव बैलट पेपर से करवाया जाएगा। इसकी घोषणा उप मुख्यमंत्री और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने की है। इसके लिए चुनाव आयोग की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है। 

डिप्टी सीएम अरुण साव ने की घोषणा 

छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव बैलेट पेपर से होंगे। डिप्टी CM अरुण साव ने कहा कि EVM का इस्तेमाल निकाय चुनावों में नहीं होगा। बैलेट पेपर का ही प्रयोग करने का फैसला सरकार ने लिया है। उम्मीदवार अधिक होने की वजह से ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ईवीएम के तैयार होने में समय लग सकता है। इस बात की समीक्षा की गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए बैलेट पेपर से चुनाव कराने का निर्णय किया गया है। इस बाबत चुनाव आयोग अंतिम तैयारी में लगा हुआ है और जैसे ही इस पर निर्णय हो जाएगा। इस पर अंतिम जानकारी दी जाएगी।

निकाय चुनाव पर डिप्टी सीएम अरुण साव का बयान नगरीय निकाय चुनाव को लेकर के नियमों में परिवर्तन हुआ है। आरक्षण की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में हम लोगों की यह कोशिश है कि जल्द से जल्द नगरी निकाय चुनाव को पूरा करवा लिया जाए : अरुण साव,

उप मुख्यमंत्री, छ्त्तीसगढ़निकाय चुनाव में देरी पर बोले साव : 

निकाय चुनाव में हुई देरी को लेकर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि बहुत सारे बदलाव इस बार हुए हैं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर ओबीसी आरक्षण की सारी पद्धति बदली है। आयोग बनाया, आयोगी की रिपोर्ट आई, अब उस आधार पर आरक्षण होना है। उसी तरह से निकायों में अध्यक्ष और महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करने का फैसला लिया गया है।

इस बीच नई निकाय बनीं हैं, नए नगर पंचायत बने हैं, कुछ नगर पंचायतों को नगर पालिका में अपग्रेड किया है। पहले साल में 1 बार मतदाता सूची बनता था। अब हर 3 माह में मतदाता सूची बनाने फैसला लिया, ताकि नए मतदाताओं को मौका मिले। इन सब के तैयारियों में थोड़ा समय की जरूरत थी।

 छ्त्तीसगढ़आरक्षण प्रक्रिया के बाद चुनाव का ऐलान : 

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसे ही आरक्षण की प्रक्रिया समाप्त होगी। उसकी सूचना चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। फिर चुनाव आयोग निकाय चुनाव के कार्यक्रम घोषित करेगी। नगरीय निकाय के अध्यक्ष और महापौर के लिए आरक्षण की प्रक्रिया 7 तारीख निर्धारित की है।

बोर्ड पेपर से पहले होंगे निकाय चुनाव :

डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि सरकार की मंशा है कि राज्य में होने वाले बोर्ड एग्जाम से पहले नगरीय निकाय चुनाव को पूरा कर लिया जाए। ताकि निकाय चुनाव की वजह से किसी तरह से कोई परीक्षा प्रभावित न हो। 

बैलेट पेपर से निकाय चुनाव कराने की वजह : 

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आगे कहा कि बैलेट पेपर से निकाय चुनाव को लेकर के निर्णय लिया गया है। इसके पीछे की वजह ईवीएम मशीन का तैयार नहीं होना है। उन्होंने कहा कि इस पर अंतिम निर्णय के साथ आयोग अपनी तैयारी में लग गया है। 7 जनवरी के बाद कभी भी आचार संहिता लग सकती है।

राज्य निर्वाचन आयोग भी तैयार

दरअसल, उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने शुक्रवार को रायपुर में मीडिया से कहा कि प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव एक साथ होंगे। इसकी तैयारी राज्य निर्वाचन आयोग ने कर ली है। पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सरकार ने बहुत पहले से तैयारी शुरू कर दी थी।

महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से

अरुण साव ने कहा कि, सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पालन में आरक्षण पद्धति बदली गई। पिछड़ा वर्ग आयोग बनाया गया, उसकी रिपोर्ट के आधार पर ही आरक्षण हो रहा है। इसी प्रकार निकायों में महापौर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से करने का निर्णय लिया गया है।



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