पुलिस अब किसी को पकड़ेगी तो गिरफ्तारी नहीं बताएगी, कहेगी हिरासत या अभिरक्षा में लिया गया है
छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में उर्दू फारसी की जगह लेंगे हिंदी के शब्द- सभी जिलों के एसपी को निर्देश
रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस अब किसी को पकड़ेगी तो गिरफ्तारी नहीं बताएगी, कहेगी हिरासत या अभिरक्षा में लिया गया है। नकबजनी के बदले पुलिस रिकॉर्ड में गृहभेदन या सेंधमारी लिखा जाएगा। पुलिस डिक्शनरी जो शब्द हटाए जाएंगे उनमें खयानत, मौका मुरत्तब सहित 220 शब्द शामिल हैं। इनका हिंदी के सरल शब्दों में रुपांतरण होगा।
दरअसल, पुलिस विभाग में अपडेशन चल रहा है, लेकिन अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे उर्दू और फारसी सहित अन्य कठिन शब्द आज भी चलन में हैं। ये शब्द बोलचाल की भाषा में उपयोग नहीं होते हैं, इस कारण कई बार लोग इन्हें समझ भी नहीं पाते। छत्तीसगढ़ सरकार ने पुलिस कार्यप्रणाली में प्रयुक्त होने वाले कठिन, पारंपरिक और आम नागरिकों की समझ से बाहर उर्दू-फारसी शब्दों को हटाने का फैसला किया गया है। उनकी जगह पर सहज और प्रचलित हिंदी शब्दों का उपयोग किया जाएगा। प्रदेश के डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा के निर्देश के बाद जिले के पुलिस अधीक्षकों को भी इसके लिए आदेश जारी कर दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य की पुलिस व्यवस्था को और अधिक जन सुलभ, पारदर्शी और संवादात्मक बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकारियों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार पुलिस महानिदेशक ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को एक आधिकारिक पत्र जारी किया है, जिसमें स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि पुलिस की व्यवहारिक कार्यवाहियों में प्रयुक्त कठिन, पारंपरिक शब्दों को सरल और स्पष्ट हिंदी में बदला जाए जिसके लिए एक शब्द सूची भी तैयार की गई है, जिसमें पुराने कठिन शब्दों के स्थान पर उपयोग किए जाने योग्य सरल विकल्प सुझाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस पत्र में यह भी निर्देशित किया गया है कि सभी अधीनस्थ अधिकारियों को इस विषय में अवगत कराया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि यह आदेश केवल औपचारिकता भर न रहे, बल्कि इसका वास्तविक कार्यान्वयन प्रदेश की प्रत्येक पुलिस चौकी, थाने और कार्यालय में दिखे। भाषा के सरलीकरण से शिकायतकर्ता को अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने, सुनने और समझने में सुविधा होगी।
उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा है कि लोग जब किसी शिकायत, अपराध सूचना या अन्य कार्य के लिए थाने जाते हैं, तो वे अक्सर पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआइआर या अन्य दस्तावेजों की भाषा को लेकर असमंजस में रहते हैं। वे अन्य भाषाओं के शब्दों से अनजान होते हैं, जिससे अपनी बात और पूरी प्रक्रिया को ठीक से नहीं समझ पाते हैं। यदि पुलिस का उद्देश्य लोगों की सहायता और सुरक्षा है तो उसकी भाषा भी ऐसी होनी चाहिए जो समझ में आए और विश्वास को बढ़ाए।
तैयार की गई सूची के कुछ शब्द :
अदम तामील- सूचित न होना, इन्द्राज- टंकन, खयानत-हड़पना, गोश्वारा-नक्शा, दीगर- दूसरा, नकबजनी- सेंध, माल मशरूका - लूटी व चोरी गई संपत्ति, मुचलका-व्यक्तिगत बंध पत्र, रोजनामचा- सामान्य दैनिकी, शिनाख्त- पहचान, शहादत- साक्ष्य, शुमार- गणना, सजायाफ्ता- दंड प्राप्त, सरगना- मुखिया, सुराग- खोज, साजिश- षड्यंत्र, अदालत दिवानी- सिविल न्यायालय, फौजदारी अदालत- दांडिक न्यायालय, इकरार नामा- प्रतिज्ञापन, आदि शब्दों को बदला जाएगा।
बनामविक्रय- पत्रक, इस्तीफा- त्याग-पत्र, कत्ल- हत्या, कयास- अनुमान, खसरा क्षेत्र- पंजी, खतौनी- पंजी, गुजारिश- निवेदन, जब्त- कब्जे में लेना, जमानतदार- प्रतिभूति दाता, जमानत- प्रतिभूति, जरायम-अपराध, जबरन- बलपूर्वक, जरायम पेशा- अपराधजीवी, जायदादे मशरूका- कुर्क हुई संपत्ति, दाखिल खारिज-नामांतरण, सूद- ब्याज, हुजूर- श्रीमान व महोदय, आदि शब्दों को बदला जाएगा।
हुलिया- शारीरिक लक्षण, हर्जाना क्षति- प्रतिपूर्ति, हलफनामा- शपथ पत्र, दफा- धारा, फरियादी- शिकायतकर्ता, मुत्तजर्रर- चोट, इत्तिलानामा- सूचना पत्र, कलमबंद करना- न्यायालय के समक्ष कथन, गैरहाजिरी- अनुपस्थिति, चस्पा- चिपकाना, चश्मदीद- प्रत्यक्षदर्शी, जालसाजी-कूटरचना, जिला बदर- निर्वासन, जामतलाशी -वस्त्रों की तलाशी, वारदात- घटना, साकिन- पता, जायतैनाती- नियुक्ति स्थान, हाजा स्थान- परिसर, मातहत- अधीनस्थ, जेल हिरासत- कब्जे में लेना, फौती- मृत्यु सूचना, इस्तगासा- छावा, मालफड- जुआ का माल मौके पर बरामद होना, अर्दली- हलकारा, किल्लत मुलाजमान- कर्मगण की कमी, तामील कुनन्दा- सूचना करने वाला, इमदाद- मदद, आदि शब्दों को बदला जाएगा।
नजूल- राज भूमि, फरार- भागा हुआ, फीसदी- प्रतिशत, फेहरिश्त- सूची, फौत- मृत्यु, बयान- कथन, बेदखली- निष्कासन, मातहत-अधीन, मार्फत- द्वारा, मियाद- अवधि, रकबा- क्षेत्रफल, कास्तकार- कृषक, नाजिर- व्यवस्थापक, अमीन राजस्व- कनिष्ठ अधिकारी, राजीनामा- समझौता पत्र, वारदात- घटना, संगीन- गंभीर, विरासत- उत्तराधिकार, वसीयत- हस्तान्तरण लेख, वसूली- उगाही, शिनाख्त- पहचान, सबूत साक्ष्य- प्रमाण, दस्तावेज- अभिलेख, कयास- अनुमान, सजा -दंड, सनद -प्रमाण पत्र, सुलहनामा- समझौता पत्र, इन शब्दों को भी बदला जाएगा।
अदम चौक- पुलिस असंज्ञेय हस्ताक्षेप, अगोग्य अपराध की सूचना, कैदखाना -बंदीगृह, तफतीश व तहकीकात - अनुसंधान, जांच व विवेचना, आमद, रवाना व रवानगी- आगमन, प्रस्थान, कायमी - पंजीयन, तेहरीर- लिखित या लेखीय विवरण, इरादतन- साशय, खारिज, खारिजी व रद - निरस्त व निरस्तीकरण, खून आलुदा- रक्त- रंजित व रक्त से सना हुआ, गवाह व गवाहन-साक्षी व साक्षीगण, गिरफ्तार व हिरासत - अभिरक्षा, तहत- अंतर्गत, जख्त- जख्मी, मजरूब - चोट, घाव, घायल व आहत, दस्तयाब- खोज लेना, बरामद, मौका ए वारदात- घटना स्थल, परवाना- परिपत्र व अधिपत्र, फैसला- निर्णय, हमराह- साथ में, इन शब्दों को भी बदला जाएगा।