तेज रफ्तार स्कोर्पियो वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलटी, यातायात के नियमो का पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटनाएं हो सकती है कम, लापरवाही का नतीजा लोंगो की सड़कों पर अकाल मृत्यु

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तेज रफ्तार स्कोर्पियो वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलटी, यातायात के नियमो का पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटनाएं हो सकती है कम, लापरवाही का नतीजा लोंगो की सड़कों पर अकाल मृत्यु

 तेज रफ्तार स्कोर्पियो वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलटी, यातायात के नियमो का पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटनाएं हो सकती है कम, लापरवाही का नतीजा लोंगो की सड़कों पर अकाल मृत्यु


विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव

पत्थलगांव। पत्थलगांव शहर में एक तेज रफ्तार स्कोर्पियो वाहन अनियंत्रित होकर पलट गई। इस दौरान वाहन की गति अधिक होने के कारण अचानक चालक का संतुलन बिगड़ा और बाइक सवार को टक्कर मारते अनियंत्रित होकर रोड किनारे पलट गई। हालांकि इस घटना में कोई जानमाल का कोई नुकसान नही हुवा है। परन्तु प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि वाहन की गति इतनी तेज थी कि आवाज सुन कर लगा कोई भीषण हादसा हुआ हो।


प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त वाहन बस स्टैंड से अम्बिकापुर रोड की ओर आरही थी तभी सेंट जेवियर चौक के पास ग्राम मिर्जापुर निवासी की पल्सर बाइक को हल्की टक्कर मारी जिससे वह अपने वाहन से अपना नियंत्रण खो बैठा होगा और उसकी वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गई । वाहन क्रमांक सीजी 14 एमपी 8254 जो कि सुनीता शर्मा निवासी शांतिनगर पत्थलगांव के नाम से रजिस्टर्ड बताई जा रही है। इन दिनों वाहन के तेज गति को लेकर लापरवाही चरम पर है। पुलिसिया चलानी कार्रवाई के बावजूद वाहन चालक बेखौफ अत्यधिक गति से आवाजाही करते नजर आते है। वहां के निवासियों का कहना है कि सुबह करीब 7.30 बजे उनको तेज आवाज सुनाई दी, वे सड़क की तरफ देखने लगे थे कि इतनी ही देर में गाड़ी पलट चुकी थी, वे तुरंत मौके पर पहुंचे और वाहन में बैठे लोगों को निकालकर इस घटनाक्रम की सूचना पुलिस को दी। 

 


सेफ ड्राइविंग अभियान के तहत पुलिस एवम यातयात विभाग हादसों को कम करने एवम लोगों को जागरूक करने कई कार्यक्रम करते नजर आती है। इन सब कार्यक्रमों का आमलोगों पर कोई असर देखने को नही मिलता है। इसका प्रमुख कारण वाहन चालको की लापरवाही को माना जा सकता है। आए दिन सड़क पर किसी न किसी हादसे के कारण सड़को पर खून बह रहा है। लापरवाही से हुए हादसे परिवार वालों को जीवनभर का दर्द दे रहा है। कहीं इकलौता बेटा सड़क हादसे का शिकार बना तो कहीं परिवार का मुखिया दूसरे की गलती से मौत की मुंह में चला जाता है। कभी खुद की तो कभी दूसरे वाहन चालक की गलती से हादसे हो रहे है। सड़क हादसे के आरोपियों का सजा दिए जाने का प्रावधान है। हमारी गलती पर हमें सजा देने के लिए कानून तो बना है। इसके बाद भी कुछ वाहन चालक कानून की फ्रिक नहीं करते। ज्यादातर सड़क हादसे में नजर दौड़ाया जाए तो वाहन चालकों की लापरवाही का खामियाजा निर्दोष व्यक्तियों को भुगतना पड़ता है। यातायात के नियम का पालन किया जाए तो सड़क दुर्घटनाएं कम हो सकते है।

 आजकल अक्सर देखा जाता है कि नशे में रहने वाले कुछ युवा तेज गति वाले बाइक को इतनी तेज गति सेे चलाते है जिससे वे स्वम् तो अपनी जिंदगी खतरे में डालते नजर आते है एवम अपने साथ साथ सामने से आरहे लोगों की भी परवाह न करते हुवे कट मारकर निकलते नजर आते है। ऐसे में दूसरे के गलती का खामियाजा निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवाकर या हाथ पैर तुड़वाकर चुकाना पड़ता है।

शहर में वाहनों की गति कम करने पुलिस के यातायात विभाग द्वारा स्टॉपर रखवाए गये है। पर इसका ज्यादा फायदा लोगों को मिलता दिखाई नही दे रहा है। कुछ दुकानदार अपने समानो की सुरक्षा के लिए दुकानों के सामने स्टॉपर का उपयोग करते नजर आते है। वही सड़को पर लगाकर अपनी निजी वाहन एवम समानो की इफाजत इसी से करते है। ऐसे में राहगीरों को सड़कों पर जाम एवम कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अपने दुकानों के समान सड़को तक निकाल एवम बड़ी बड़ी वाहनो को सड़क किनारे खड़ी करवा लोडिंग अनलोडिंग करवाना इनकी आदतों में सुमार हो चुका है। जिससे आम राहगीरों को इनका दंश झेलना पड़ता है। पुलिस विभाग भी इनके कारनामो से थक सी गई नजर आती है। देखा जाये तो बड़े हादसों के बाद ही लोगों में कुछ दिनों के लिये ही सुधार आता है फिर समस्या जस की तस बन जाती है, सब अपनी अपनी जवाबदारी से पीछा छुड़ाते नजर आते है।

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