बढ़ी शासकीय स्कूलों की गुणवत्ता, प्रवेश के लिए लगी होड़, प्रदेश में शिक्षा का स्तर हुआ एक समान : मुख्यमंत्री भुपेश बघेल

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बढ़ी शासकीय स्कूलों की गुणवत्ता, प्रवेश के लिए लगी होड़, प्रदेश में शिक्षा का स्तर हुआ एक समान : मुख्यमंत्री भुपेश बघेल

बढ़ी शासकीय स्कूलों की गुणवत्ता, प्रवेश के लिए लगी होड़, प्रदेश में शिक्षा का स्तर हुआ एक समान : मुख्यमंत्री भुपेश बघेल

सुकमा से जशपुर तक बच्चों को पढ़ने के लिए अच्छे शाला भवन, स्वामी आत्मानंद स्कूल और शिक्षकों की व्यवस्था की गई

शाला प्रवेश उत्सव में मुख्यमंत्री ने नव प्रवेशी बच्चों को खिलाई मिठाई, तिलक लगाकर किया स्वागत



रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नए शिक्षा और शाला प्रवेशोत्सव के अवसर पर नव प्रवेशी बच्चों का तिलक लगाकर, मुंह मीठा कराया और पुष्प माला पहनाकर स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होंने इस अवसर पर बच्चों को पाठ्य-पुस्तक, कॉपी, स्कूल बैग और गणवेश का वितरण भी किया। मुख्यमंत्री बघेल ने प्रोफेसर जे.एन. पाण्डे शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय शाला प्रवेशोत्सव समारोह में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारी सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप पूरे प्रदेश में शिक्षा का स्तर एक समान हुआ है। सुकमा से जशपुर तक बच्चों को पढ़ने के लिए अच्छे शाला भवन, स्वामी आत्मानंद स्कूल और शिक्षकों की व्यवस्था की गई है। आज निजी स्कूलों की तरह बालवाड़ी और अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं। इनमें पर्याप्त संसाधन दिए गए है और वे निजी स्कूलों से प्रतिस्पर्धा ही नहीं कर रहे हैं बल्कि उनसे आगे भी बढ़ते जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पहले एक दिन आरडी तिवारी स्कूल गया तो यहां पाया कि इस स्कूल में बच्चों की दर्ज संख्या 56 थी। स्वामी आत्मानंद स्कूल बनने के बाद अब वहां बच्चों की दर्ज संख्या एक हजार से अधिक हो गई है। हमारे प्रयासों से आज स्थिति यह है कि पहले आम जनता से बड़े-बड़े निजी स्कूलों में बच्चों को प्रवेश दिलाने का प्रयास करते थे, अब स्थिति बदली  हैं पालक अपने बच्चों को स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए सिफारिशें लगा रहे हैं। मगर हमने यह तय कर रखा है कि इन स्कूलों में प्रवेश नियमानुसार होगा, ताकि सभी को शिक्षा का समान अवसर मिल सके। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि प्रदेश में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय के तहत वर्तमान में अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिंदी माध्यम के 350 स्कूल संचालित किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल क्षेत्र में आज से कुछ साल पहले स्थिति यह थी शाला भवन टूट गया था, बच्चों की पढ़ाई छूट गई थी। हमने नक्सल क्षेत्रों में शाला भवनों का निर्माण कराया और सालों से बंद पड़े स्कूलों को पुनः शुरू कराया। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बेहतर पढ़ाई के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की अत्यधिक आवश्यकता है। इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राज्य निर्माण के बाद पहली बार शिक्षकों की भर्ती प्रारंभ की गई। प्रथम चरण में 14 हजार 580 पदों के लिए विज्ञापन जारी कर 10 हजार 834 शिक्षकों को स्कूलों में नियुक्ति दी गई हैं। दूसरे चरण में 12 हजार 489 शिक्षकों की शीघ्र नियुक्ति की जा रही है।


मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को दिए टिप्स

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शाला प्रवेश उत्सव के अवसर पर विद्यार्थियों को टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी हमेशा अनुशासन में रहे। समय की कीमत को समझे। सुबह समय पर उठे, उसके बाद दैनिक दिनचर्या प्रारंभ करे, अपना ध्यान कक्षा में पढ़ाई पर केंद्रित करे, शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए पाठ्यक्रम को रूचि से पढ़े। स्कूल से जाने के बाद स्वस्थ रहने के लिए खेल गतिविधियां में भी भाग ले। यह ध्यान रखें जीवन में हर पहलू का महत्व होता है, मगर अनुशासन सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि आज से ही निरंतर पढ़ाई पर ध्यान रखेंगे तो परीक्षा का दबाव नहीं रहेगा।

मुख्यमंत्री ने बच्चों द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होेंने सरस्वती सायकिल योजना के तहत कक्षा 9वीं की छात्राओं को सायकिल वितरण किया। छात्राओं ने घंटी बजाकर मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। श्री बघेल ने कार्यक्रम में प्रोफेसर जे.एन. पाण्डे शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक उत्कृष्ट विद्यालय पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया गया।

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