पत्थलगांव नगर से होकर गुजरने वाली निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 43 बना लोगों के लिये आफत, गड्डों एवम गीली मिट्टी से भरी सड़कों में वाहनों के फसने से लग रहा जाम,व्यपारियो के साथ आमआदमी भी परेशान
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
पत्थलगांव। पत्थलगांव को अन्य राज्यों एवम जिले से कनेक्टिवटी का प्रमुख निर्माणाधीन मार्ग एनएच 43 बरसात के दिनों में वहां के स्थानीय निवासियों लोगों के लिए आफत की वजह बन गया है। 5 से 6 वर्ष से कछुआ गति से चल रहे निर्माण कार्य के कारण महज कुछ किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए लोगों को से अन्य सड़को से लंबी दूरी तय कर निकलना पड़ता है। मानो राहत देने बनने वाली सड़क लोगों की आफत पहले से भी कई गुना बढ़ा दी है।
पत्थलगांव नगरवासियों के लिये इन दिनों कहीं आने जाने के लिये काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तीनो ओर की सड़कें निर्माणाधीन है, चाहे आप कहीं की भी सड़क पर नजर डाले तो सभी दिशाओं की सड़कें काफी खस्ताहाल है। पत्थलगांव जशपुर रोड पर पूरन तालाब से तहसील ऑफिस, अम्बिकापुर रोड कदम घाट से करमीटिकरा, रायगढ़ रोड नंन्दन झरिया से धरमजयगढ़ हाटी तक कीचड़ से भरी है। यहां आये दिन गाड़ियों का फंसना बदस्तूर जारी है। राहगीरों को घण्टे भर जाम या अन्य सड़को के माध्यम से आनाजाना करना पड़ता है। वहीं बड़ी एवम लम्बी दूरी तय करने वाले ट्रक चालकों को इससे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। नगरवासियों को हमेशा किसी न किसी कार्य से तहसील कार्यालय में जाना होता है, और ऐसे में महज 2 किलोमीटर की दूरी पार होने में जाम की वजह से कभी घण्टो लग जाते है। ऐसा नही की इस सड़क पर अधिकारियों की आवाजाही नही रहती पर वे भी इस सड़क के सामने बेबस दिखाई पड़ते है।
स्थानीय निवासीयों ने बताया कि हमारा घर एनएच पर ही पड़ता है। बरसात में कीचड़ से भरे ये सड़क हमारे लिये सिरदर्द बनकर रह गया है, घर से निकलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। व्यपारी संजय अग्रवाल ने बताया कि कीचड़ सड़कों पर बहने से न केवल व्यापारी वर्ग परेशान है, बल्कि सड़को पर चलने वाले लोगों को भी इस कीचड़ और गीली मिट्टी से परेशान होना पड़ रहा है। खासकर दुपहिया वाहन चालक इससे काफी परेशान नजर आते है। लोगों का कहना है कि बरसात के बाद ही सड़क का काम चालू करवाना था। गर्मी में धूल से अब बरसात में कीचड़ से काफी परेशानी में जीने को मजबूर है। वैसे अभी तो आधा काम भी नहीं हुआ है। कछुआ गति से बन रहा सड़क न जाने कब तक यह बन कर तैयार होगा। लगता है मानो प्रशासन और टेंडर लेने वाली कम्पनी को लोगों की इस कठिनाई की कोई परवाह नहीं है।