पत्थलगांव में हो रही सेहत से खिलवाड़ राशन दुकान में 'प्लास्टिक राइस' बेचने का आरोप, महिलाओं ने लगाया राशन दुकानों एवम राइसमिलरो के ऊपर आरोप, फ़ूड इंस्पेक्टर ने भी माना और कही ये बात......
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
पत्थलगांव। पत्थलगांव में इन दिनों शासन द्वारा दी जा रही सोसायटी के माध्यम से चावल में प्लास्टिक की तरह दिखने वाली चावलों जैसे दानों को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। उनका कहना हैं कि हम सरकार को अच्छे क्वालिटी का धान बेचते हैं. बदले में राशन दुकानों में मिलावटी चावल भेजा जा रहा है. खाद्य विभाग को सैंपल लेकर जांच करनी चाहिए।
कुछ दिनों से राशन दुकान में मिलने वाले चावल को लेकर लगातार शिकायतें आ रही हैं. ग्रामीणों का कहना है कि चावल को जैसे ही पानी में डाला जा रहा है तो यह पानी के ऊपर तैरने लगता है. जबकि चावल को पानी के अंदर रहना चाहिए।
खासकर महिलाओं की भी यही शिकायत है की इस बार राशन दुकान से आये चावल को खाकर कही सरकार हमारी सेहत के साथ खिलवाड़ तो नही कर रही है. इस बात को लेकर लोगों के मन में डर का माहौल बना हुआ है, कि इस चावल को खाने के बाद तबीयत पर इसका बुरा असर ना पड़ जाए, वहीं ग्रामीणों ने इसमें मिलरों का दोष होना बताया है।
वैसे आजकल बाजारों में मिलावट का दौर भरपूर मात्रा में चल रहा है। बाजार की खरीदी किसी भी चीज पर भरोसा करना काफी मुश्किल होता है. खासतौर से खाने की चीजों पर, केमिकल वाली सब्जी, दूध, पनीर से लेकर दाल और चावल हर चीज में मिलावट हो रही है. हद तो तब पार हो गई जब बाजार में नकली प्लास्टिक के चावल मिलने लगे. प्लास्टिक जो पर्यावरण के लिए इतना नुकसानदायक है सोचिए अगर उसका सेवन किया जाए तो यह आपकी सेहत के लिए कितना हानिकारक होगा. इन दिनों मार्केट में प्लास्टिक के चावल धड़ल्ले से बिकते हैं. आप इनको देखकर पता भी नहीं लगा सकते हैं कि ये चावल असली है या नकली. पकने के बाद भी आप नहीं जान सकते हैं कि आप प्लास्टिक के चावल खा रहे हैं. ऐसे में न चाहते हुए भी आप ऐसी खतरनाक चीज का सेवन कर रहे हैं जो आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाती है।
आइए आपको बताते हैं असली और नकली चावल में पहचान करने का तरीका. अगली बार बाहर से चावल खरीदते समय इसकी जांच जरूर कर लें।
अगर आपको चावल के असली और नकली होने की पहचान करनी है तो एक चावल का टुकड़ा लें और उसको जलाएं अगर उसके जलने पर प्लास्टिक जैसी महक आती है तो समझ जाइए कि ये चावल नकली है।
चावल का कलर टेस्ट करें
चूने की मदद से चावल का कलर टेस्ट करके आप असली और नकली चावल का पता लगा सकते हैं. इसके लिए पानी में चूना घोल लें, अब इस पानी में चावल के कुछ दाने डालें. ऐसे में नकली चावल कुछ देर में रंग छोड़ने लगता है. वहीं असली चावल का रंग जस का तस बरकरार रहता है।
चावल का वॉटर टेस्ट करें
पानी का इस्तेमाल करके भी आप चावल की शुद्धता जांच सकते हैं. दरअसल प्लास्टिक से बने होने के कारण नकली चावल काफी हल्के होते हैं. ऐसे में पानी में डालने पर नकली चावल तैरने लगते हैं. वहीं असली चावल पानी में आसानी से डूब जाते हैं।
फ़ूड विभाग से इस बारे में जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि दरअसल मौजूदा समय में कार्ड धारकों को फोर्टिफाइड चावल का वितरण किया जा रहा है, लेकिन कुछ लोग इस चावल को अभी भी प्लास्टिक मानकर खाने से डर रहे हैं.टूटे हुए चावल के दानों को पीसकर आटा बनाया जाता है. फिर निर्धारित मानक के अनुसार पोषण क्षमता बढ़ाने के लिए उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे आयरन, फोलिक एसिड, जिंक और विटामिन बी 12 मिलाया जाता है. इसके बाद 100 किलो चावल में एक किलो पोषणयुक्त चावल मिलाया जाता है. उन्होंने बताया कि इसका सेवन करने से बच्चे कुपोषण का शिकार नहीं होते. शरीर में खून की कमी नहीं रहती है. स्नायु तंत्रों को मजबूत बनाने में भी यह चावल काफी सहायक है इसलिए पोषणयुक्त चावल बनाते समय इसका मांड़ नहीं निकालना चाहिए। पहले इसे स्कूलों के बच्चों के लिए दिया जाता था पर अब सभी लोगों के लिये उपलब्ध करवाया जा रहा है।