लड़ेंगे तो जीतेंगे, हमारी मांगें पूरी करो, पत्थलगांव को जिला बनाओ,सर्व समाज जिंदाबाद की तख्तियां लेकर निकली पत्थलगांव को जिला बनाने को लेकर रैली, राज्यपाल एवम मुख्यमंत्री के नाम सौपा ज्ञापन
विवेक तिवारी सीजीनमन न्यूज़ पत्थलगांव
पत्थलगांव। पत्थलगांव को जिला बनाने की बहुप्रतीक्षित मांग एवम जनहित को लेकर सर्व समाज के बैनर तले आज पत्थलगांव के पालीडीह चौक से इंदिरा गांधी चौक तक पैदल रैली निकाली गई। हर वर्ग के लोगों ने इस रैली में भाग लिया। और राज्यपाल एवम मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौपा। उद्बोधन कर्ताओं ने कहा कि पत्थलगांव जिला नहीं बनाए जाने तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि जिला नहीं बना तो भविष्य में हाईवे जाम कर उग्र आंदोलन करेंगे। वहीं इस रैली की पूर्व तैयारी को देखते हुवे एवम अप्रिय घटना रोकने हेतु स्थानीय प्रशासन एवम पुलिसकर्मियों की काफी मुस्तैदी देखने को मिली।
ज्ञापन के जरिये इनकी मांग है कि पत्थलगांव, जशपुर जिला का सबसे बड़ा व्यापारिक एवं कृषि का केंद्र है पत्थलगांव की पहचान पूरे भारत में टमाटर नगरी के नाम से जाना जाता है यहां की आम जनता व्यापारी कृषक एवं मजदूर लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि पत्थलगांव को जिला बनाया जाए। पत्थलगांव से जशपुर 110 किलोमीटर रायगढ़ 110 किलोमीटर अम्बिकापुर 100 किलोमीटर दूरी पर है जिला मुख्यालय दूर होने के कारण आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अतः प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महोदय एवं माननीय मुख्यमंत्री महोदय से हम पत्थलगांव की जनता किसान व्यापारी मजदूर निवेदन करते हैं कि पत्थलगांव को जिला की घोषणा करके पत्थलगांव वासियों के लिए जिला की सौगात को पूरा करने की महान कृपा करें ।
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही नागरिकों द्वारा अभियान,धरना, आंदोलन का रास्ता अपनाया जा चुका है। मगर आज भी पत्थलगांव को जिला बनाने की बहुप्रतीक्षित मांग पूर्ण नहीं होना या यूं कहें कि पत्थलगांव को जिला बनाया जाना लोगों को स्वप्न के समान लगने लगा है। पूर्व में भी कई मर्तबा सोशल मीडिया में पत्थलगांव को जिला बनाओ का ट्रेंड बड़ी तेजी से वायरल हो रहा था। वही अब इस वाक्य ने दोबारा तुल पकड़ लिया है विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही लोग अब पत्थलगांव को जिला बनाने की मांग को लेकर मुखर होने लगे हैं। विदित हो कि राजनीतिक दलों की ओर से पत्थलगांव जिला बनाने को लेकर अब तक कोई विशेष पहल नहीं हो पाई है। बीते कई दशकों से प्रत्येक चुनावी माहौल के वक्त जिला बनाने की लोग बाट जोहते रहे हैं जिससे क्षेत्रवासी अब अपनी मांग पूर्ण नहीं होने पर स्वयं को छला हुआ महसूस कर रहे हैं।