राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने छत्तीसगढ़ के प्रवास को सुखद बताया, राजभवन की विजिटर बुक में व्यक्त की अपनी भावनाएं, राज्यपाल एवम मुख्यमंत्री ने विदाई

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राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने छत्तीसगढ़ के प्रवास को सुखद बताया, राजभवन की विजिटर बुक में व्यक्त की अपनी भावनाएं, राज्यपाल एवम मुख्यमंत्री ने विदाई

राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने छत्तीसगढ़ के प्रवास को सुखद बताया, राजभवन की विजिटर बुक में व्यक्त की अपनी भावनाएं

राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन एवम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान कोसा के वस्त्र, कलाकृति भेंट कर राजभवन में उन्हें ससम्मान दी बिदाई



रायपुर। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास को सुखद बताया, राजभवन में मिले आतिथ्य को अत्यन्त सराहा और छत्तीसगढ़ की जनता को शुभकामनाएं दीं। श्रीमती मुर्मु ने आज यहां राजभवन से प्रस्थान के पूर्व यहां के विजिटर बुक में अपनी भावनाओं को शब्द दिए। विजिटर बुक में  उनके द्वारा लिखित पाठ इस प्रकार है- 

‘‘छत्तीसगढ़ की मेरी पहली यात्रा की सुखद स्मृतियां मेरे मानस पटल पर सदैव अंकित रहेंगी । राजभवन में मिले आतिथ्य से मेरा यह प्रवास मेरे लिए और भी अधिक स्मरणीय हो गया है। इसके लिए मैं राज्यपाल श्री हरिचंदन जी को धन्यवाद देती हूं तथा राजभवन की टीम के सदस्यों की सराहना करती हूं। मैं छत्तीसगढ़ की जनता के उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं व्यक्त करती हूं।‘‘




राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के छत्तीसगढ़ के प्रवास के अंतिम दिन राजभवन में उन्हें ससम्मान बिदाई दी गई। राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन द्वारा श्रीमती मुर्मु को छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मिलेट्स उत्पाद भेंट किये गये, जिसमें रागी, कोदो, कुटकी, ज्वार, आदि के उत्पाद शामिल थे। साथ ही श्रीमती मुर्मु कोे छत्तीसगढ़ की पहचान, विश्व प्रसिद्ध कोसा के वस्त्र और छत्तीसगढ़ के जनजाति समुदाय के नृत्य को दर्शाता हुआ बेल मेटल से निर्मित स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। इस अवसर पर राज्य की प्रथम महिला श्रीमती सुप्रभा हरिचंदन भी उपस्थित थी। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने श्री हरिचंदन को ‘राष्ट्रपति भवन चित्रित‘ काष्ठकला भेंट की।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को राज्यपाल श्री हरिचंदन ने स्वलिखित आत्मकथा ‘‘बेटल नॉट यट ओवर‘‘ की प्रति भेंट की। इस पुस्तक में श्री हरिचंदन के जीवन संघर्षों और उनसे मिले अनुभव और सीख को साझा किया गया है। यह किताब मूलरूप से ओडिया भाषा में ‘‘संग्राम सारी नाही‘‘ के नाम से प्रकाशित की गई है। जिसका अंग्रेजी अनुवाद ‘‘बेटल नॉट यट ओवर‘‘ का विमोचन गत माह नई दिल्ली में किया गया था।



राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के छत्तीसगढ़ के प्रवास के दौरान आज यहां मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उन्हें छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान कोसा के वस्त्र भेंट किए। साथ ही उन्होंने राज्य के मिलेट्स कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार आदि से तैयार उत्पाद और बस्तर के बेल मेटल से निर्मित कलाकृति भी राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु को भेंट की। राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु ने श्री बघेल को ‘राष्ट्रपति भवन चित्रित‘ काष्ठ कलाकृति और स्मृति चिन्ह भेंट किया।


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