आचार संहिता लगते ही स्थानीय एवम नगरीय प्रशासन और पुलिस प्रशासन हुआ अलर्ट
जशपुर जिले के पत्थलगांव शहर में लगे सभी बैनर पोस्टर उतारने की कार्यवाही जारी, तहसीलदार, नगरपंचायत में कर्मचारी और थाना प्रभारी मौके पर मौजूद
आदर्श आचार संहिता लगते ही इन कामो पर होती है पाबंदी:-
पत्थलगांव। भारत निर्वाचन आयोग ने देश के 5 राज्यों में तारीखों का ऐलान कर दिया है, जहां तारीखों के ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो चुकी है। वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश मे 7 नवंबर और 17 नवंबर को दो चरण में वोटिंग होगी। वहीं 03 दिसंबर को मतगणना होगी। चुनाव तारीखों का ऐलान होते ही पुलिस प्रशासन ने भी कमर कस ली है,जहां पुलिस-प्रशासन की ओर से पूर्व से ही राजनीतिक दलों के साथ-साथ संवेदनशील इलाकों और असामाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखी जा रही है। आदर्श आचार सहिता के प्रभावी होते ही 24घंटे के भीतर सभी शासकीय कार्यालयों एवं भवनों से शासकीय योजनाओं की प्रचार सामग्री पोस्टर, बैनर, फ्लेक्स आदि को हटाना है और शासकीय कार्यालयों एवं भवनों पर लिखी गई प्रचार सामग्री को हटाने की कार्रवाई करना है। 48 घंटे के भीतर सार्वजनिक संपत्ति एवं स्थलों पर किये गये संपत्ति विरूपण को हटाने की कार्रवाई की जानी है।
सबसे पहले नगर के शासकीय कार्यालयों एवम सड़को, चोराहों पर लगे राजनीतिक होर्डिंग व प्रचार सामग्री को हटाने की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों की दीवारों पर लगे बैनर्स और पोस्टर्स को हटाने की कार्रवाई की जाएगी। सरकारी संपत्ति पर कोई राजनीतिक विज्ञापन नहीं रहे, सभी सरकारी संपत्तियों, कार्यालयों से जनप्रतिनिधियों व प्रचार प्रसार की सामग्री और फोटो हट जाएं इसे ध्यान में रखकर कार्यवाही की जा रही है। तहसीलदार सुनील अग्रवाल, नगरपंचायत में कर्मचारी और थाना प्रभारी धीरेंद्र नाथ दुबे अपने दलबल के साथ मौके पर मौजूद होकर ये कार्यवाही करने में जुटे है।
बता दें कि देश में किसी भी चुनाव को निष्पक्ष और स्वतंत्र ढंग से सम्पन्न करने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ नियम-शर्तें तय की हैं, इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। चुनाव की तारीखें के एलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाती है, जो चुनाव परिणाम घोषित होने तक लागू रहती है। चुनाव में हिस्सा लेने वाले राजनैतिक दल,उम्मीदवार, सरकार और प्रशासन समेत चुनाव से जुड़े सभी लोगों पर इन नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी होती है। चुनावी मतगणना होने के पश्चात आदर्श आचार संहिता हट जाती है। इन कामो पर होती है पाबंदी:-
आचार संहिता लागू होने के बाद केंद्र या राज्य सरकार किसी नई योजना और नई घोषणाएं नहीं हो सकतीं.कोई भूमि पूजन और लोकार्पण भी नहीं हो सकता है।
चुनावी तैयारियों के लिए सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। सरकारी गाड़ी, बंगला, हवाई जहाज आदि का उपयोग वर्जित होगा। ऐसा नही करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
सत्ताधारी पार्टी के लिए सरकारी पैसे से सरकार के काम का प्रचार-प्रसार करने के लिए विज्ञापन चलाने पर भी रोक होती है।
जिस योजना को हरी झंडी मिली है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम शुरू नहीं हुआ हो तो आचार संहिता लागू होने के बाद उस योजना पर काम स्टार्ट नहीं किया जा सकता है।
आचार संहिता लागू होते ही दीवारों पर लिखे गए सभी तरह के पार्टी संबंधी नारे व प्रचार सामग्री हटा दी जाती हैं.होर्डिंग, बैनर व पोस्टर भी हटा दिए जाते हैं।
राजनीतिक दलो को रैली, जुलूस या फिर मीटिंग के लिए परमिशन लेनी होती है।
धार्मिक स्थलों और प्रतीकों का इस्तेमाल चुनाव के दौरान नहीं किया जाएगा।
मतदाताओं को किसी भी तरह से रिश्वत नहीं दी जा सकती है.रिश्वत के बल पर वोट हासिल नहीं किए जा सकते है।
किसी भी प्रत्याशी या पार्टी पर निजी हमले नहीं किए जा सकते है।
मतदान केंद्रों पर वोटरों को लाने के लिए गाड़ी मुहैया नहीं करवा सकते है।
मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जा सकती है।
आदर्श आचार संहिता लगने के बाद पेंशन फॉर्म जमा नहीं हो सकते और नए राशन कार्ड भी नहीं बनाए जा सकते। हथियार रखने के लिए नया आर्म्स लाइसेंस नहीं बनेगा। BPL के पीले कार्ड नहीं बनाए जाएंगे।
कोई भी नया सरकारी काम शुरू नहीं होगा। किसी नए काम के लिए टेंडर भी जारी नहीं होंगे। किसी नए काम की घोषणा नहीं होगी।
इस दौरान बड़ी बिल्डिंगों को क्लियरेंस नहीं दी जाती है।