छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों की उम्मीदों पर फिरा पानी, दीवाली के अवसर पर कर्मचारियों को नही मिल पाया 4 प्रतिशत डीए का तोहफा
एजेंसी:-
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के सरकारी तंत्र के कर्मचारियों के लिए बुरी खबर सामने आ रही है। कर्मचारियों को उम्मीद थी कि दीवाली तक उन्हें 4 प्रतिशत डीए प्राप्त हो जायेगा, परन्तु दीवाली के अवसर पर उन्हें आयोग से डीए की मंजूरी नही होने से नही मिल पाया।
छत्तीसगढ़ में जहां विधानसभा चुनाव चल रहे हैं वहीं त्योहार का मौसम भी शुरू हो गया। इस बीच राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा देने का मन बना लिया था। ऐसा सीएम भूपेश बघेल के ट्वीट से भी जाहिर हो गया था। दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार अपने कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने पर विचार कर रही है। इसको लेकर निर्वाचन आयोग से इजाजत भी मांगी जा रही है। छत्तीसगढ़ में नियमित और अनियमित कर्मचारियों की संख्या लगभग 7 लाख है।
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया में एक बयान जारी कर कहा था कि हम छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारियों को केंद्र सरकार के समान डीए देना चाहते हैं। इसके लिए अधिकारियों को निर्वाचन आयोग से विधिवत अनुमति प्राप्त करने के लिए निर्देश दिया था। बताया गया है कि, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में डीए दिए जाने संबंधी प्रस्ताव तैयार किया गया। यह प्रस्ताव राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को दिया गया। सूत्रों के अनुसार यह प्रस्ताव मंजूरी के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को भेजा जाना था, लेकिन वहां से प्रस्ताव आयोग को नहीं भेजा गया।
राज्य सरकार के द्वारा अपने कर्मचारियों को 4 प्रतिशत डीए देने के निर्णय के बाद छत्तीसगढ़ सरकार पर करीब 75 करोड़ रूपए महीने का अतिरिक्त वित्तीय भार बढ़ जायेगा। वहीं संघ कर्मचारी नेताओं के मुताबित नियमित 'कर्मियों के लिए इसमें से 60 करोड़ रूपए खर्च होंगे। पेंशनरों को भी डीए दिए जाने पर 15 करोड़ रुपए महीना अतिरिक्त लगेंगे। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा के डीए के संबंध में कहा है कि इस संबंध में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से भी आग्रह किया जा रहा है।
सीएस से पहले ही कर चुके है मांग
राज्य सरकार के कर्मचारियों के संगठन छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने कुछ दिनों पहले मुख्य सचिव से मिलकर उन्हें एक ज्ञापन सौपा और दीपावली के पहले डीए देने की मांग की थी। कर्मचारी नेताओं ने मुख्य सचिव से ये भी कहा था कि जिस तरह राजस्थान सरकार ने भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति प्राप्त कर डीए का आदेश जारी किया है, वैसे ही छत्तीसगढ़ में भी किया जाए।