देश मे होने वाली सड़क हादसों के लिए मोदी सरकार उठाने जा रही ये कदम, सड़क हादसों में होने वालों घायलो को मिलेगी कैशलेस ईलाज की सुविधा, आने वाले तीन चार महीनों में सुविधा शुरू करने की तैयारी में केंद्र सरकार

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देश मे होने वाली सड़क हादसों के लिए मोदी सरकार उठाने जा रही ये कदम, सड़क हादसों में होने वालों घायलो को मिलेगी कैशलेस ईलाज की सुविधा, आने वाले तीन चार महीनों में सुविधा शुरू करने की तैयारी में केंद्र सरकार

देश मे होने वाली सड़क हादसों के लिए मोदी सरकार उठाने जा रही ये कदम, सड़क हादसों में होने वालों घायलो को मिलेगी कैशलेस ईलाज की सुविधा, आने वाले तीन चार महीनों में सुविधा शुरू करने की तैयारी में केंद्र सरकार


एजेंसी:- देश में सड़क हादसों को लेकर केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी इस रिपोर्ट में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं। रिपोर्ट में बताया गया कि देश में हर घंटे 53 सड़क हादसे होते हैं, जबकि हर घंटे 19 लोगों की मौत होती है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में 4,61,312 सड़क हादसे हुए जो कि पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी ज्यादा थे।

सड़क हादसों में सबसे ज्यादा लोग भारत में मारे जाते हैं. FICCI की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 15 लाख लोग सड़क हादसों में जान गंवा बैठते हैं। भारत में जितने सड़क हादसे हर साल होते हैं, वह यूरोपीय देश एस्टोनिया की जनसंख्या के बराबर है। इसे कम करने के लिए सरकार पीड़ितों को फौरन इलाज सुविधा मुहैया कराने की योजना बना रही है। लोग अकसर इलाज नहीं मिलने के कारण सड़क हादसों में दम तोड़ देते हैं. अब मोदी सरकार सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों के लिए बड़ी योजना लाने जा रही है। 

जैन ने कहा, "सड़क हादसे को घायलों को कैशलेस इलाज नजदीकी अस्पतालों में मोटर वाहन अधिनियम में परिभाषित 'गोल्डन ऑवर' के दौरान मुहैया कराया जाएगा।" किसी हादसे में घायल हुए लोगों की जान बचाने के लिहाज से हादसे के एक घंटे के भीतर का समय काफी अहम माना जाता है और इसे चिकित्सा जगत में 'गोल्डन ऑवर' कहा जाता है। जैन ने कहा कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए मंत्रालय लोगों को शिक्षित और जागरूक करने की पहल भी कर रहा है। साथ ही शिक्षा मंत्रालय स्कूलों और कॉलेज के सिलेबस में सड़क सुरक्षा को भी शामिल करने के लिए सहमत हो गया है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को देश भर में कैशलेस इलाज की सुविधा अगले तीन-चार महीनों में शुरू करने की तैयारी में है। एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने यहां सड़क परिवहन पर आयोजित एक कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत में सड़क हादसों में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है। इसे कम करने के लिए सरकार पीड़ितों को फौरन चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने की योजना बना रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश में बढ़ती सड़क हादसों पर चिंता जताई। रेडियो पर ‘मन की बात’ में मोदी ने कहा कि सरकार जल्द ही सड़क सुरक्षा विधेयक लाएगी। सरकार सड़क हादसों में घायल हुए लोगों का कैशलेस इलाज भी करेगी। पहले यह सुविधा गुड़गांव-जयपुर-वडोदरा-मुंबई (एनएच-8) और रांची-रारगांव-महूलिया (एनएच-43) में लागू की गई है। मोदी ने कहा कि इसके तहत घायल को शुरुआती 50 घंटे के इलाज के लिए पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने बताया कि सरकार राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति और सड़क सुरक्षा एक्शन प्लान पर भी काम कर रही है। दुर्घटनाओं के प्रति असंवेदनशीलता का जिक्र करते हुए मोदी ने दिल्ली में हाल में एक स्कूटर सवार की हादसे में हुई मौत का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ‘घायल व्यक्ति 10 मिनट तक तड़पता रहा। उसे कोई मदद नहीं मिली। आंकड़े देख दिल हिल जाता है। देश में हर मिनट में एक दुर्घटना होती है। हर चार मिनट में एक मौत हो जाती है। और सबसे बड़ी चिंता ये है कि मरने वालों में करीब एक तिहाई 15 से 25 साल के होते हैं। जैन ने कहा, 'सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को फ्री और कैशलेस सुविधा मुहैया कराना संशोधित मोटर वाहन अधिनियम, 2019 का हिस्सा है। कुछ राज्यों ने इसे लागू किया है लेकिन अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर सड़क परिवहन मंत्रालय इसे देश भर में लागू करने जा रहा है। 

कब शुरू होगी सुविधा

परिवहन सचिव ने कहा कि घायलों के लिए कैशलेस इलाज की देश भर में सुविधा तीन-चार महीनों में शुरू हो जाएगी। इस योजना के तहत सड़क हादसों के पीड़ितों को हादसे की जगह के पास बेहतर अस्पताल में कैशलेस ट्रॉमा देखभाल देने का कॉन्सेप्ट तैयार किया गया है. यह कदम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक होगा और इसके लिए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम, 2019 से अधिकार मिले हैं।

उन्होंने कहा, 'वाहनों की इंजीनियरिंग से जुड़े बदलावों के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिनमें सीट बेल्ट पहनने की याद दिलाने वाले इंडिकेटर और वाहनों की सुरक्षा संबंधी मानक 'भारत एनकैप' को भी पहली बार जारी किया गया है।  इस मौके पर इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आईआरटीई) के अध्यक्ष रोहित बलूजा ने कहा कि सम्मेलन में शामिल हो रहे सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ सड़क हादसों की जांच और विश्लेषण करेंगे।



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