प्रदेश में अब जल्द शराब दुकानों के कर्मी चिल्हर नहीं है कहकर बड़ी राशि एकत्रित कर आपस में नही बांट सकेंगे

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प्रदेश में अब जल्द शराब दुकानों के कर्मी चिल्हर नहीं है कहकर बड़ी राशि एकत्रित कर आपस में नही बांट सकेंगे

प्रदेश में अब जल्द शराब दुकानों के कर्मी चिल्हर नहीं है कहकर बड़ी राशि एकत्रित कर आपस में नही बांट सकेंगे

आबकारी विभाग जल्द शराब की बिक्री यूपीआई के जरिए आनलाइन करने जा रहा है



छत्तीसगढ़ प्रदेश में अब शराब खरीदने के लिए चिल्हर का झंझट नहीं रहेगा। आबकारी विभाग शराब की बिक्री यूपीआई के जरिए आनलाइन करने जा रहा है । बता दें कि प्रदेश में इन दिनों शराब दुकानों के आसपास टेंडर पर अहाता देने की प्रक्रिया चल रही है, इसी बीच अब आबकारी विभाग शराब की बिक्री UPI के जरिए आनलाइन करने जा रहा है। सबकुछ सामान्य रहा तो जून के दूसरे सप्ताह से शराब कैशलेस खरीदी जा सकेगी। पिछली सरकार के समय हुए तीन हजार करोड़ के शराब घोटाले के पीछे नगद खरीदी ही रही है। पूर्व में इसके संगठित गिरोह तैयार किया, फिर ओवर रेट और सरकारी के अलावा अलग से शराब बेचकर करोड़ों के वारे न्यारे किए। नतीजा सामने है, आज इस गिरोह के कई प्रमुख लोग जेल में हैं। इस प्रक्रिया के चलते आबकारी विभाग को राजस्व की भी हानि उठानी पड़ी।

जानकारी मिली है कि आबकारी विभाग की मार्केटिंग कंपनी (CGMSCL) ने गड़बड़ियों को रोकने के लिए अब शराब की खरीदी बिक्री को आनलाइन करने की तैयारी पूरी कर ली है। एक अनुमान के मुताबिक रोजाना प्रदेश में करीब 35 करोड़ की देशी विदेशी शराब पी जाती है। जो नगद में बेची जाती है। अब यह सब कुछ SBI के जरिए UPI से होगा। आबकारी निगम ने अपनी सभी छह सौ से अधिक दुकानों का अलग अलग यूपीआई अकाउंट बैंक में खोल दिया है। इसके क्यू आर कोड के जरिए शौकीन शराब लेकर पेमेंट आनलाइन कर सकेंगे। फिलहाल यह सिस्टम प्रीमियम दुकानों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया जा रहा है उसके बाद सभी देशी, अंग्रेज़ी शराब दुकानों में भी शुरू किया जाएगा।

एक अधिकारी ने बताया कि सभी दुकानों में एक साथ यह सिस्टम शुरू करने से पहले प्रयोग के तौर पर प्रीमियम दुकानों में इसे शुरू किया जा रहा है, जिसमे यह देखा जायेगा का ऑनलाइन पेमेंट की प्रक्रिया सही ढंग से चल रही है या नहीं। वहीं सबसे ज्यादा भीड़ वाली देशी शराब दुकानों में भी यह सिस्टम शुरू होगा। इसमें किस ग्राहक ने रूपये ऑनलाइन दिए, इसका पता पॉस मशीन से निकले प्रिंटआउट के नंबर का मिलान ग्राहक के UPI पेमेंट में दर्ज नंबर से किया जायेगा। उन्होंने बताया कि इससे ओवर रेटिंग और चिल्हर की समस्या भी नहीं रहेगी। दुकानों के कर्मी चिल्हर नहीं है कहकर राउंडफिगर मैं लेकर बड़ी राशि एकत्रित कर आपस में बांट नहीं सकेंगे । वहीं उपायुक्त ने बताया कि यह सिस्टम रेवेन्यू लॉस रोकने में मदद करेगा। और विभाग अपने सालान 11 हजार करोड़ के लक्ष्य को हासिल कर सकेगा। अफसरों के मुताबिक इसके बाद भी यदि अधिक वसूली होती है तो खरीदार टोल फ्री नंबर 14405 पर कॉल कर शिकायत कर सकेंगे।


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