घर वापस जा रहे युवक का सड़क हादसे में मौत, महिला साथी घायल, पत्थलगांव पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना में जुटी

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घर वापस जा रहे युवक का सड़क हादसे में मौत, महिला साथी घायल, पत्थलगांव पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना में जुटी

घर वापस जा रहे युवक का सड़क हादसे में मौत, महिला साथी घायल, पत्थलगांव पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना में जुटी

नाबालिग ट्रैक्टर चालकों का आतंक, ट्रैक्टर स्वामियों के लापरवाही के कारण हो रहे हादसे, ध्यान नही देता प्रशासन



पत्थलगांव थाना क्षेत्र में सड़क हादसों से मौत का सिलसिला लगातार जारी है। 6 जून परसों शाम में किलकिला के समीप अज्ञात वाहन की ठोकर से एक बिजली ऑपरेटर की मौत हुई थी। वहीं 7 जून कल शाम ग्राम इला  चौक के पास खड़े युवक यूतियों पर ट्रैक्टर चालक लापरवाही पूर्वक चलाते हुवे ठोकर मार दी। जिससे युवक की मौके पर मौत हो गई एवं युवती घायल हो गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने किलकिला मार्ग को अवरुद्ध कर दिया, सड़क जाम होने के पश्चात घटना की सूचना मिलते ही पुलिस एवं स्थानिक प्रशासन मौके पहुंच लोगों को समझाइए दी एवं मौके पर सहायता राशि प्रदान कर जाम को खुलवाया। 




प्राप्त जानकारी के अनुसार साहिल बेक पिता कमिल बेक उम्र 19 वर्ष निवासी बटुराकछार जो मोटरसाइकिल में अपने महिला साथी के साथ पत्थलगांव अपने परिजन के घर आया हुआ था। करीबन शाम 7:30 बजे घर वापसी के दौरान इला गेट पर पहुंचे औऱ समान लेकर घर जाने की तैयारी कर रहे थे। तभी किलकिला की ओर से आ रही ट्रैक्टर चालक लापरवाही पूर्वक चलाते हुए सड़क किनारे खड़े उन दोनों को ठोकर मार दी। जिससे युवक की मौके पर मौत हो गई वहीं साथी महिला घायल हो गई। घटना के बाद परिजनों के द्वारा उन्हें पत्थलगांव के सिविल अस्पताल लाया गया जहां घायल युवती का इलाज जारी है एवं मृतक का पोस्टमार्टम करवा पत्थलगांव पुलिस ने विवेचना में लिया गया है।

 

नाबालिग ट्रैक्टर चालकों का आतंक, ट्रैक्टर स्वामियों के लापरवाही के कारण हो रहे हादसे, ध्यान नही देता प्रशासन

इन दिनों नाबालिग ट्रेक्टर चालक बालू, गिट्टी, मुरुम एवम अन्य मकान निर्माण सामग्री को लेकर ओवर स्पीड चलाते देखना आम बात हो चला है। जिसका नतीजा ऐसे हादसों से भुगतना पड़ता है। इन नाबालिग चालकों के पास लाइसेंस भी नही रहता। लोगों की माने तो ना ही ट्रैक्टर का इंश्योरेंस रहता हैं और कई गाड़ी तो ऐसी हैं जिनका रजिस्ट्रेशन तक नहीं हुआ रहता है। वाहन स्वामियों को किसी प्रकार का भय भी नही रहता है क्योकि सांठगांठ कर किसी दुर्घटना के पश्चात नाबालिग होने की स्थिति में इनके नाम बकायदा हटा कर लाइसेंस वाले को पेश कर दिया जाता है। वाहन मालिकों को 100 200 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से चालक मिल जाने से ऐसे नाबालिक के हाथों में स्टेरिंग पकड़ा दिया जाता है। जिन्हें किसी प्रकार का कोई अनुभव नहीं होता लेकिन वाहन स्वामी केवल अपने मुनाफे के लिए ऐसे युवको का उपयोग करते देखा जा सकता है। 

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